Thursday 31 January 2013

aap jante ki aap kyo adhure hai ????????????

क्या आप बता सकते है कि जब किसी को हिंदी में या अंग्रेजी में १०० में १०० देना ही नहीं रहता तो फिर पेपर पर लिखा क्यों रहता है कि पेपर १०० का है ................कितने शिक्षक आज तक १०० में १०० पाए तो क्या कोई नहीं जो पूर्ण हो .तो फिर  समाज को पूर्ण कैसे बनाया जा सकता है ........................परीक्षा में किसी परिभाषा को पूछने पर परीक्षार्थी के उत्तर देने पर पूरा नंबर क्यों नहीं दिया जाता क्या .परीक्षक ..उस विद्द्वान का अपमान नहीं कर रहा है जो परिभाषा देता है .....क्या ऐसा तो नहीं कि कॉपी जांचने वाला कम बुद्धि तो नहीं .या फिर वह खुद से इतना डरता है कि वह बुद्ध के मद्दयम मार्ग को अपना कर इतने नंबर दे देता है कि नौकरी भी बची रहे और कम भी चल जाये .......................पर अगर किसी को पुरे नंबर पाने ही नहीं तो किसी नौकरी में कोई कैसे यह जान सकता है कि किसको कितना वास्तव में आता है ..................वैसे तो कहने को बहुत है पर कैसे कहे .क्योकि कहे किस्से यहाँ तो सब आप पर टूट पड़ेंगे .........लीजिये वो देखिये एक शिक्षक दौड़े चले आ रहे है कि आपने कैसे कहा कि हमको कम आता है .....मैंने कब कहा कि आपको कम आता है ??????????? मैं तो जानना चाहता हूँ कि स्वतंत्र भारत में कितने लोगो को कितने विषय में पूरे नंबर मिले ..और नहीं मिले तो यह एक धोखा ही तो है .फिर किसी कि योग्यता को १०० नंबर आँका ही क्यों जाये जब पूरे भारत में कोई ऐसा है ही नहीं ........................लीजिये शिक्षक चल दिए हड़ताल पर कि मेरी क्या मजाल जो मैंने उनको रत्नाकर और कालिदास कह दिया ...................मैंने कही नहीं कहा आप कालिदास या रत्नाकर है क्योकि उनको अपने कमी पता चलने पर उसको दूर करने का दम था पर आप तो सिर्फ शिक्षक है .....................क्या नंबर का खेल सिर्फ यह नहीं सिद्ध करता है कि कोई भी पूरा नहीं है और किसी अधूरे को किसी की पूर्णता को जांचने का क्या अधिकार है ..पर कहते है की भीष्म पितामह को मरने के लिए शिखंडी को सामने आना पड़ा तो क्या .......................मैंने नहीं कहा कि आप ?????????????????????? क्या आप कॉपी जांचने जा रहे है ????????????जी जी एक कॉपी पर १५ रुपये मिलते है क्या क्या .आप रोज २०० कॉपी जाँच लेते है पर कानून तो कहता है कि सिर्फ ५० कॉपी जाँच सकते है .ओह हो आपका जुगाड़ है ................क्या????????????? आप जाँच देते है २०० और चध्यी जाती है ४ दिन में यानि ४ दिन कर यात्रा भत्ता की चोरी ..........जी जी यह चोरी थोड़ी न है बल्कि यह तो बोनस है आपके पसीने बहाने का ........................पर नंबर कैसे दिए ??????????????? क्या किसी ने अच्छा लिखा ही नहीं???????????? चलिए आपको पूरा याद तो है पर जब आप इतनी बुद्धि वाले है तो क्यों नहीं पूरे नंबर पाए ????????????? अच्छा कोई नहीं पता इस लिए आप ने भी किसी को पूरे नंबर नहीं दिया ???????????????वह क्या भारत का निर्माण हो रहा है ५०-५०  का इस से अच्छा उदहारण कहा मिल सकता है ...............अब बताइए शिक्षक ही जब आधे अधूरे आदमी बना रहा है तो बेचारे देश के लोग किसी बात को पूरा क्यों समझे या कहे .................और ऐसे विक्लंद लोग क्या जाने की बलात्कार के बाद एक लड़की किस किस दर्द से गुजरती है और इसी लिए आज तक पुरुष यह नहीं जान पाया कि औरत को उसके आधे हिस्से ही दर लगने लगा है पर वह बेचारी क्या जाने कि जिस आदमी स्कूल , कालेज हर जगह अधूरा ही रखा गया तो वह औरत के साथ पूरा साथ कैसे दे ??????????????? अब समझे कि इस देश में भीष्म पितामह क्यों रोज मर रहे है ????????????????????क्या आप को भी कभी पूरा नंबर नहीं मिला ...क्या इसी लिए आप अधूरे ???????????????????????????

No comments:

Post a Comment