Friday 25 January 2013

भारत में झन्डा भी बिकता है

अँधेरे के उस पार गणतंत्र का सवेरा है ..................कहने को गणतंत्र का मतलब सब जानते है पार क्या कभी एक भारतीय की ताकत या उसकी आवाज को आपने सी देश की आवाज बनते देखा ..........................इस देश में गणतंत्र ३६५ दिन में आने वाले एक त्यौहार से ज्यादा कुछ नहीं है .जिसमे सबको देश पार मनन नहीं बल्कि कबूतर , गुब्बारा उड़ा कर बिताना है ...................क्या आपने झंडा खरीद कर कल का दिन बिताने को सोचा है .................बस यही काफी है बताने के लिए कि आप अभी भी बोलने की ताकत नहीं है और न ही आप अपनी आवाज का मोल जानते है तो कल क्या आप वास्तव में गणतंत्र मन रहे है बाज़ार से खरीदे एक झंडे के सहारे ...........क्या बाज़ार से सब्जी , कपडा और यही नहीं भगवान तक को खरीद कर लाने वाले देश में झंडा खरीदने पार एक बार भी दर्द नहीं होता .............है न अनोखा .अनोखे लाल का देश ........तो झूमिये और बाज़ार के लाये झंडे से खाइए माँ तुझे सलाम .क्योकि देश को चलने वाले से तो आप कहने से रहे कि एक झंडा मुफ्त में दे दो क्योकि यह मुफ्त का झंडा माँ पार बलिदान हुए लोगो की याद दिलाता है ......पार आप कैसे कहे आप तो अहिंसा के देश के है और भले आपको कोई भी लूट ले जाये ..........................और बर्बाद कर दे पार आप खा मुह खोलने वाले .....इसी लिए तो पुरे विश्व में आप और आपके देश का सम्मान है ...आखिर हर बार के विदेशी आक्रमण पर आपने माँ का न जाने कौन सा हिस्सा दे दिया है ....हो भी क्यों न .आखिर हम आप शांति प्रिये जो ठहरे ................और झंडा समझ कर हम उसको खरीदे ही क्यों ..बाज़ार से खरीदे कपडा समझ कर ...घर ल कर समझ लीजिये की यह वही तिरंगा है जिस के लिए लक्ष्मी , गाँधी , सुभाष , भगत , ने अपनी जान दी हो .................गणतंत्र है कोई देश के लिए समय देने या उसके लिए सोचने के लिए थोड़ी न ...................................जब आप झन्डा न बचा पाए तो उस गैंग रेप को क्या रोकते .....................उसके भाग्य में लिखा रहा होगा तभी उसकी ऐसी दुर्गति हुई और मेरी क्या मजाल जो मैं आप पर ऊँगली उठाऊ .....आप तो सिर्फ भगवान पर धर्म विश्वास करते है यही बता रहे है .........................और अगर झन्डा बिक रहा है तो देश के नेता न पागल है ना ही अंधे ....जो देश के सम्मान  को इस तरह बिकवा रहे है  ..........इसके पीछे भी कोई राज होगा तभी बिक रहा है ...................आपने बिलकुल सही कहा ............आखिर आप तो जिओ और जीने दो में विश्वास रखते है और अपने लड़के की पढाई और लड़की की शादी की चिंता करे कि देस के  झन्डे की फ़िक्र करे ......जो भगवान ने लिख रखा होगा वह बदलेगा थोड़ी न .....अब अगर देश को गुलाम होना होगा .......................या किसी को कब्ज़ा करना होगा तो यह तो सब भगवान की मर्जी है ..आप क्या कर सकते है .....................आरे कहा चले .......मुझे मालूम है आप झन्डे के लिए नहीं सोने चले आखिर तिरंगे के निचे खड़े होकर पिकनिक जो मनानी है ....वैसे आपने इस भ्रष्ट ???????????? देश में झन्डा कितने में खरीद लिया ..............................क्या सबसे सस्ता वही मिला ???????????????????????????????आप सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामना

No comments:

Post a Comment