Monday, 26 August 2013

पैदल चलना सख्त मना है

जीवन में कौन कहता है कि आप प्रजातंत्र के लिए जी सकते है ?????????????? अगर ये बात सच होती तो क्या अनुच्छेद १९ के तहत कोई हमें कही जाने से रोकता ?????????? पर आप कही जा कर दिखा दीजिये आपको दांडी मार्च के समय अंग्रेजो द्वारा  मारे गए भारतीयों का सुख न मिल जाये तो कहियेगा !!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अब  भी आप कहना चाहते है कि इस देश से अंग्रेज चले गए और देश स्वतंत्र हो गया है ???? कही आप ने घूमने के लिए गाड़ी घोडा साईकिल मांग ली होती तो कहिये हड्डी पसली तोड़ देते ............ये तो सिर्फ पैदल चलने के लिए आपने हिमाकत की और लीजिये आपको बता दिया गया ज्यादा पैदल चलना स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है पर आप तो बीमार है ना आप कहा मानने वाले !!!!!!!!!! बस इसी लिए इसी लिए आपके पीछे देश का इतना पैसा बर्बाद करना पड़ा पूरी सेना लग गयी पैदल चलने वालो को रोकने के लिए !!!!!!!!!!!!!! क्या अब भी आपको जलियाँ वाला बाग का कांड याद नहीं आया .ज्यादा करेंगे तो पैदल चलने के लिए जनरल डायर का भी मजा ले लेलेंगे क्यों क्या आप अभी भी ८४ योनियो  का मजा लेना चाहते है कहते है कि ८४ योनियो के हज़ार यात्रा के बाद आप जैसे मनुष्य बने है और आप है कि उसको पैदा चल कर बर्बाद करना चाहते है ??????????????/ चलिए इस से अच्छा कुछ भी नहीं कि आप जेल जाना चाहते है वही रुकियेगा बस दो दिन बाद कृष्णा आने वाले है वो आप लोगो की समस्या सुनेगे और वही आपके इस पैदल यात्रा के दर्द को सुझायेंगे क्योकि वासुदेव ने भी उनको कंस के जेल से निकल कर पैदल यमुना पार करके बचाया था अब जब वो इस दर्द से खुद गुजरे थे तो आपका दर्द क्यों नहीं समझेंगे ?????????????? क्या आप पैदल यात्रा पर जा रहे है ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Saturday, 24 August 2013

टॉयलेट में भारत !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

टॉयलेट में भारत !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जी जी अब मेरी इस बात पर भी चौकिये मत मैंने कोई ऐसी बात नहीं कह दी जिससे आपकी राष्ट्र भक्ति पर आंच गयी हो और आपको भारत शब्द से मतलब ही क्या है  चाहे चीन आपके भारत में चढ़ आये और चाहे पाक के नापाक पैर इसको कुचल दे पर आप क्यों भारत नाम के लिए पागल हो .हमको तो हिन्दू  मुस्लिम के लिए झगडा करना है फिर हम क्या भारत जैसे शब्द को जाने ?????? और इससे ज्यादा हम भारत के निति निदेशक तत्वों का सम्मान क्या करेंगे जिसमे लिखा है कि प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वह भारत के गौरव , अस्मिता और सम्मान के लिए प्रयास करे और लीजिये आप खोलिए अपना टॉयलेट औत देखिये उस पर क्या लिखा है हिंदुस्तान लीवर अब देखिये फ्लश पर वह भी यही लिखा है और यही नहीं अपने प्रयास का नमूना देखिये बेसिन पर जहा आप थूक नाक का भोग लगते है इस से ज्यादा हम आप अपने भारत की क्या कर सकते है कि मल- मूत्र थूक नाक कर ने वाले हर सामान पर आप भारत लिखते है ....आरे आरे इस में बुरा क्या है इसी दिन के लिए तो आजादी की लड़ाई लड़ी गयी थी ...लोगो ने अपना खून बहाया था और इससे ज्यादा सम्मान आप कर भी क्या सकते है कि आप ऐसे सामानों पर भारत लिखे और हम क्यों इस पर से नाम हटाने के लिए सरककर को लिखे या आन्दोलन करे हम तो आन्दोलन करेंगे वेतन बढाओ ......और और तो किसी नेता को बुला लीजिये तो बताने लगेंगे कि कैसे अंग्रेज अपने यह लिखे रखते है कि भारतीय और कुत्ते को आने की अनुमति नहीं है और ये कह कर नेता जी अपने ज्ञान का परिचय तो दिखा देते है पर क्या उनको टॉयलेट में भारत के नाम की बेज्जती नहीं दिखी ..............हा हा ये बेज्जती कहा है इसी के लिए तो २७९ लोगो ने म्हणत कर भारतीय संविधान के पहले अनुच्छेद में लिखा इंडिया दैट इज भारत ....वह क्या इअज्जत करते है आप सब इस नाम भारत की ....ना ना कोई लोग भी आवाज़ ना उठा इयेगा  वरना गजब हो जायेगा और ना ही इसकेलिए प्रयास कीजियेगा कि ऐसी हर गन्दी जगह से भारत नाम हटाया जाये जिस से इस नाम कि गरिमा को ठेस पहुचती हो ............क्या आप टॉयलेट जा रहे है या बेसिन में थूकने ( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Friday, 23 August 2013

संत का अंत या इच्छा अनन्त

संत या अंत या इच्छा  अनंत
जनगन में घूमने वाले नंगे आदमी और आप के कपडा पहनने में क्या कोई फर्क है ....हा हा आप नंगे जो नहीं दिख रहे है पर नंगे हा समय होना चाहते है क्योकि आपतो प्राकृतिक बनाने और बनने की कसम जो खाए बैठे है !!!!!!!!!!!!!!!! शेर तक इतना कमीना नहीं है ( भैया शेर जी माफ़ करियेगा मनुष्य के कारण आपको अब्शब्द कह डाला ) जो किसी भी घूमती शेरनी के शील का हरण कर ले ....वो भी पहले अपने शरीर के पराक्रम का प्रदर्शन करता है फिर शेरनी अपने अस्तित्व और सतीत्व को उसको सौपती है .....पर आप तो जहा लड़की या औरत को देखेंगे उसको जब तक ये न समझा डाले कि लाख संस्कृति बन गयी हो पर तुमको पुरुष शरीर से ज्यादा न देखता था और ना देखेगा ( मानव का सबसे पहला आगमन पृथ्वी पर अस्ट्रेलो पिथिकस के रूप में हुआ जो खुले रूप से मादा के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता था क्या आज मानव में वही गुण नहीं रह गए है ) ...कितनी बढ़िया बात है कि लड़की आपको पिता गुरु संत सम्ह कर सर झुकाए और आप ऊँगली पर ये गिने कि एक और फसी या उपभोग का अंत अगर संत के पास न हुआ तो परमार्थ कैसे होगा ?????? वह क्या है ज्ञान वैसे भी अगर लड़की ही कुलाक्षनी, कुलटा, व्यभिचारनी , चरित्र हीन कही गयी भला पुरुष ये सब कहा हो सकता है वो तो बेचारा बदल की तरह अपना ही सनबी कुछ दान कर देता है भिखारी तो लड़की है जो आपसे लेती और भिखारी की कोई इज्जत नहीं होती इसी लिए माँ की तो हम ऐसी तैसी कर देते है चाहे देश को माँ कह कर बाट दे या गंगा  को माँ कह कर मैली कर दे और या फिर मानव के रूप में महिला तो आपकी गुलाम है ....और औरत कहती रहे वो पवित्र है साफ़ है पर उसकी क्या औकात आपकी नज़र में जो आप उसकी बाट मान ले आप तो अग्नि परीक्षा भी लेंगे ही ...........................अब तो साफ़ है ना कि ऐसे में आप क्यों न कहे कि १६ साल की लड़की कलयुग के अंत पर जो आरोप लगा रही है वो संत का मार्ग है ही नहीं ..................कब तब हम विवेकानंद जी का सर शर्म से झुकाते रहेंगे जिन्होंने शिकागो में अपने कमरे में नग्न लड़की को पाकर भी उसका स्वागत माँ के रूप में किया उसको मार्गेट नोबल से भगिनी निवेदिता बनाया .........और आप ने लड़की देखी नहीं कि सिर्फ कपडा उतरने का मन हुआ .............कैसे कोई बेटी आज किसी पुरुष के कहने पर अकेले में मिले ......हा हा हा आप को तो मेरी बाट गलत लगेगी ही क्योकि अकेले मिलने पर आप उसको जीवन का दर्शन जो दे देते है और तो दर्शन इतना पीड़ा दायक होता है कि न तो वो किसी को बता सकती है न कह पाती है और आप मंच पर नाच नाच कर कहते है ....इसको इश्वर की प्राप्ति हो गयी है ........इसने ब्रह्म को समझ लिया है जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता ...इसी लिए ये लगातार रो रही है ....ये पागल नहीं है ये तो उस ब्रह्म में डूब कर चिल्ला रही है ये बचाओ बचाओ इस लिए कह रही है क्योकि इसका मन इस सांसारिक दुनिया से उठ गया है .पर कोई नहीं जान पाता कि आपने अपने अलौकिक ज्ञान की जन जाने कितनी कुदाल उस सृजन की धरती पर चलाई है .........चिल कर कहिये कि आलोक तो दर्शन की बात करते है  और हम संत लोग सिर्फ आपके अंत की बात करते है ..............इस बालिका को मेरे कमरे में ले चलो आ रात इसके मन में जो कुछ भय रह गया हा उसको अपने तेज ( जनन द्रव ) से मई भस्म कर दूंगा और कल की सुबह में ये इसी दुनिया में रह कर उस सब को भूल जाएगी और इसके गर्भ से कुमारी रहते हुए भी एक दिव्या शक्ति जन्म लेगी ..........................क्यों संत जी मैं सही  कह रहा हूँ ना ..ऐसा करिए एक और महिला कालेज खोल दीजिये ताकि रोज कियो को दिव्या ज्ञान करा सके आखिर शक्ति के बिना तो आप शव है ना .......................वैसे अगर आप लोग संत बन कर लड़की को इस दुनिया का अंत दिखाना चाहते हो तो आइये आइये हमारे शिविर में पंजीकरण शुरू है .............दो का पंजीकरण करने पर एक का मुफ्त और रात की कलि शक्तियों का प्रशिक्षण  बिलकुल मुफ्त और आपभी कर सकते है टीका लगा कर किसी सोलह साल की लड़की ??????????????????????? जीवन  .........................क्या आपका अंत कोई संत है ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Thursday, 22 August 2013

रुपये को आवारा आपने बनाया


रुपये तो आवारा और गरीब आपने बनाया है ??????
उसी घर के बच्चे बर्बाद और गलत रास्तो पर ज्यादा चलते है जिनके माँ बाप या घर वाले बच्चो के ऊपर पर्याप्त  ध्यान नहीं देते है ......................हो गया न रुपये के गिरने का कारण पता !!!!!!!!!!!!!!!!!! जब अपने घर वाले देशी के बजाये विदेशी  ज्यादा खरीदेंगे और खायेंगे तो रुपये तो बर्बादी के रस्ते पर जायेगा ही ना ..................दाल चावल खाने से आपको उलटी होती है क्यों ???? खर के ढाई और घी में हीक आती है हा जानवर के चर्बी से बना घी का स्वाद ही कुछ और है ????? देशी दरजी के सिले कपडे पहनेगे तो मग्घा लगेंगे पर १०० रुपये की शर्त जब १६०० रुपये में माल से खरीदेंगे तब लगेगा कि भैया ने कुछ पहना .................देवी जी तो गर्मी से इतना बेहाल है कि आस्ट्रेलिया की ५० ग्राम की ड्रेस अगर १०००० बे यह न पहने तो उनका पसीना ही नहीं बना होता है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! सब कुछ यही रह जाना है पर सोने ने सबका सोना हरम कर रखा है ............अभी भी वक्त है रुपये के ऊपर ध्यान दीजिये अपनी आदत सुधारिए और कुछ घर का और देशी खाइए पीजिये पहिनिये ........नहीं तो रूपया इतना आवारा हो जायेगा कि इसको कोई जेल ( देश  ) या पुलिस ( विश्व बैंक ) भी नहीं सुधार पायेगा......क्या आपको अपने घर में आवारगी पसंद है ?????????????????( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Wednesday, 21 August 2013

काश कोई मेरी इज्जत बचा लेता


रुपये का दिवालियापन ......मोरा दर्द न जाने कोय
आज अभी राखी को बीते कुछ घंटे भी न हुए होंगे कि मैंने सोचा चलो देखते है भूत नाथ पर आज क्या हो रहा है ..................आश्चर्य घोर आश्चर्य ....चारो तरफ धारा १४४ की तरह सन्नाटा फैला था मनो रुपये की दुर्गति देख कर बहने कमरों में दुबक गयी हो .....कल तक जिन दुकानों पर बिजली के लट्टू जगमगा रहे थे राखी कलाई ढूंढ़ रही थी वो दुकानदार रुपये के गिरने का मातम मन कर न जाने कहा गुम हो गए थे .................रुपये के देहांत हुआ था या फिर रुपये के साथ पूरी दुनिया ने जोर जबरदस्ती की थी इसका तो अभी तक सी बी आई भी पता नहीं लगा पाई है पर रुपये के शरीर की क्षत विक्षत हालत देखकर कोई भी आज होटल में नहीं दिखाई दे रहा है ..सबकी आँखे पथरा सी गयी है .............क्या जिस रुपये पर भरोसा करके देश के लोग बैंक में पैसा जमा कर रहे थे वो इस तरह दिवालिया हो जायेगा ..............बेचारा एक दिहाड़ी मजदूर २०० से २५० रुपये प्रतिदिन में क्या खुद खायेगा और क्या अपने परिवार को खिलायेगा ????? रुपये के दर्दनाक हादसे के बाद मनरेगा का क्या होगा ??? और तो और वृद्धा पेंशन का क्या होगा जो ४०० रुपये प्रतिमाह है ?????? वैसे तो देश के सूरदास ये मानते है कि सिर्फ २८ रुपये रोज से काम चल जाता है पर ये सूरदास ये नहीं जोड़ कर देख पाते कि अगर उनकी ही बात सच है तो कम से कम ८४० रुपये प्रतिमाह तो चाहिए ही और आप दे रहा है ४०० रुपये प्रतिमाह | और रुपये कि इज्जत अलग लुट रही है ................बेचारा आदमी कहा जाये जब इस देश में रूपया नहीं सुरक्षित है तो हाड मांस के लोगो का क्या कहना ????? वैसे तो रूस के पुतिन ये कह कर ही गए थे कि पूरी दुनिया में भगवन है कि नहीं मुझे नहीं पता पर भारत को भगवान ही चला रहा है .........जरा सोचिये उन माँ बाप के जो गरीबो कि तरह जीते है कि पैसा इकठ्ठा करके अपनी बिटिया के लिए बेहतरीन लड़का ढूंढ़ कर शादी करेंगे पर रुपये की कचूमर निकलने के बाद क्या उनकी कचूमर नहीं निकलेगी ....पर घबराइए नहीं .मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई ....या यु कहिये जाही विधि रखे राम ताहि विधि रहिये और गर ये सब न समझ में आये तो भेज दीजिये अपने बच्चे को विदेश रुपये की इज्जत लुटी है पर सायरा लियोन की तो नहीं ना मतलब डॉलर तो अपना कोठा चलने में सफल है बेच आइये उसी कोठे पर और आपका बच्चा भेज देगा डॉलर कमाकमा कर और आपके पास हो जायेंगे ढेरो कागज ....क्षमा क्षमा रूपया रूपया ..क्या आपका बच्चा पढ़ा लिखा नहीं है .....तो क्या हुआ कौन इस देश में अब पढ़ा लिखा है अब तो हाई स्कूल तक सबको पास ही करना है .....इंटर भी बिना पढ़े पास अब पढ़े लिखे जाहिल पूरी तरह बर्बाद तो नहीं कहे जा सकते कागज पर तो पढ़े लिखे है ना बस बनवा डालिए पासपोर्ट और कौन देखने जा रहा है कि विशेष में होटल में बैरा है या फिर किस के घर का टॉयलेट साफ़ कर रहा है ( विधेश में पढ़े लिखेलोग भी पार्ट टाइम जॉब करते है ) पर अब उनको लगा कि भारत के लोग उची जॉब विदेश में करे इससे अच्छा है इनको फ्री में पास करके नौकर वाले कामो के लिए योग्य बना दो और इधर रुपये कि माँ बहन करा दो ....हुआ न एक तीर से दो शिकार .अब नौकर भी मिल गए और डॉलर की लालच नहीं नहीं रुपये के ओपरेशन  के लिए विदेश  से पैसा भी मिल गया ..कितन अबधिया है ये धंधा पर इन सबके बीच रूपया बार बल की तरह लोगो के सामने नाच रहा है कि काश कोई उसकी ओर जी भर के देख ले और उसकी भी जिन्दगी संवर जाये .................क्या आप रुपये को बचा पाने के लिए कुछ कर सकते है ..............बचाओ बचाओ ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Tuesday, 20 August 2013

रोको रोको रुपये के बलात्कार को



चौराहे  पर रुपये के साथ खुलेआम बलात्कार ....................
मनमोहन सिंह जी क्या आप राखी का मतलब समझ रहे है या देश कि आर्थिकी को राख में मिलाकर ही राखी( बर्तन को साफ़ करने वाली कोएले की राख को भी राखी कहते है ) से प्रगति को चमकाएंगे ...............वैसे ही देश में लोग रोटी प्याज़ ( देश के गरीब किसानो का भोजन )खाने के लायक नहीं बच रहे है फिर देश २०२० में अमीर कैसे होगा क्या उस समय तक आप लोगो को पश्चाताप की आग में जल कर स्विस बैंक का सारा पैसा देश में ले आयेंगे ??????? या स्विस बैंक में इस देश को रख कर उसके ब्याज से देश वालो को प्याज़ दिलवाएंगे ??????? मुझे नहीं लगता की देश में लोग रहते है क्या विदेश में लोगो ने बच्चा पैदा करना बंद कर दिया है उसी के कारण तो जनसँख्या नीति बनाने में हिचक रहे है कि आने वाले समय में भारत का सामान तो कोई देश खरीदने से रहा हा उस देश में बच्चा पैदा करने के लिए लोगो को बेच जायेगा और देश उसी से कम कर अपनी आर्थिक नीति सुधारेगा!!!!!!!! रूपया ऐसे गिर रहा है जैसे उबड़ खाबड़ सड़क पर गाड़ी  चलाने  वालो कि रीड की हड्डी >>.......क्या इसको रोकने के लिए कोई ट्रेक्सन( एक व्यवस्था जिसमे रीड की हड्डी सीधी रखने के लिए पैर में भर बांध कर खीचा जाता है ) पर उसके बाद कही पूरा देश ही विकलांग तो नहीं हो जायेगा ( वैसे भी विश्व में सबसे विकलांग इसी देश में पाए जाते है ) वैसे भी अपनों को विकलांग दिखा कर भीख मांगने का प्रचलन इस देश में मंदिर मस्जिद के बाहर देखन एको मिल जाता है , कही देश को विकलांग दिखा कर भीख मांगने का इरादा तो नहीं है ........मुझे तो लगता है कि नेता नगरी ने मुंशी प्रेम चाँद का कफ़न उपन्यास पढ़ रखा है .......देश कि जनता ( अंदर बहु प्रसव वेदना में मर रही होती है और बाहर ससुर और बीटा मिल कर आलू भून भून कर खाते  है ) को मरने देकर आप खुद अपने जीने का रास्ता सोच रहे हो और वैसे भी आपको प्याज़ से क्या मतलब ..कौन आपको बाज़ार जाकर खरीदना पड़ता है .....कहिये सारी बाज़ार खुद बिना पैसे के प्याज़ डाल जाये ) और विअसे भी जनता यही कि पढ़ी लिखी ( किताब और डिग्री की बात नहीं कर रहा हूँ ) है ही कहा वो तो सूरदास की तरह बस अंगूठा छाप आज भी है ....................बस चुनाव से पहले इन मत वाले लोगो के हाथ में वैसे ही कुछ दे दीजियेगा जैसे भिखारी को देते है बस पेट की आग में जलते ये अंधे लोग फिर ५ साल आपको ढोयेंगे क्योकि इनको भी देश से क्या लेना देना ये तो बस अपने खून मांस से बने लोगो के लिए जीते है वो किसी तरह जी जाये बाकि देश जाये भाड़ में ....कौन जागीर लिखा कर आये है और अमर होकर आये है .... इस लिए आप न जनसँख्या रोकिये ...न डीजल न पेट्रोल और प्याज़ जैसे फर्जी बातो पर तो ध्यान ही न दीजिये बस रात दिन यही सोचिये कि भिखारी दर्शन का ऐसा कौन सा फार्मूला लगाया जाये और इनके आगे फेंक कर कैसे इन मानव बीजो को फिर ५ साल गुलामो से भी बदतर रखा जाये आखिर प्रजातंत्र में अगर इनको खाना , पानी बिजली सब मिलाना शुरू हो गया तो आपको रजा कौन समझेगा और फिर ये ४०० साल की गुलामी भूल नहीं जायेंगे ...............आप तो बस राखी टैक्स भी लगा दो आखिर आपके देश में राखी बांध कर देश की शाशन व्यवस्था और पोलिस व्यवस्था की सीधे खिल्ली उड़ाते है .....और टैक्स लगाने का फायदा देखिये देश को पैसा मिलने लगेगा और क्या पता कल रोज नेताओ की तरह गिर रूपया कुछ शर्म खा जाये और ऊपर उठने की कोशिश कर ले ............क्या मैं गलत कह रहा हूँ आखिर आप देश को चलाने वाले क्या नहीं कर सकते ये प्रजा वजा क्या है ये तो कीड़े मकोड़े है जब चाहिए मसल दीजिये ................इनको गरिमा पूर्वक जीने का अधिकार कहा है सारी गरिमा तो नेताओ के पास होनी चाहिए और हो भी क्यों न कोयल घोटाला , चारा , पशु , राष्ट्र मंडल खेल और २ जी अब कितने गिनाऊ ..इन घोटालो के कारण ही तो आप गरिमा मय दिखाइए देते है ......खैर इस समय देश को बचाइए और राखी टैक्स को लगा कर बीच चौराहे पर रुपये के बलात्कार ( वैसे अभी देश में गे संस्कृति को क़ानूनी मान्यता मिली नहीं है ) को रोकिये लोगो बस में ट्रेन जाने डरने लगे है क्योकि रुपये के साथ जिस तरह इस देश में हो रहा है उसके बाद तो हर भारतीय को कल से डर लगने लगा है ....क्या आपको डर नहीं लग रहा ( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Monday, 19 August 2013

राखी लो लुलेपन का इलाज कराओ

लूलो के लिए भारत की आधुनिक और परम्परिक चिकित्सा ........

सुनो सुनो सुनो ........पूरी दुनिया के लिए खुशखबरी ....खुशखबरी ...............जिन पुरुषो के हाथो में ताकत जा चुकी हो ....या यूँ कहे लूले हो गए हो ......उनके लिए एक बिलकुल अनोखी दवा ...वो भी भारत में इजाद की गयी है ...........जिस व्यक्ति की जितनी औकात उसके अनुसार दवा ले सकता है ...बाज़ार में खरीदने पर १० रुपये से १०००० रुपये में उपलब्ध ...पर अगर आप में लूले पुरुषो को ठीक करने की ललक है तो आप खुद घर पर ही इस दवा को बना सकते है ....इस दवा को बनाने का उपयुक्त समय है सावन का महीना क्योकि उसी समय इसका निर्माण किया जा सकता है .....................यही नहीं यह उस हर पुरुष को जिसके हाथो में ताकत नहीं रह गई है जो किसी भी लड़की की इज्जत लुटते देख वह से सरक लेता है ....ससुराल में लड़की के जलाये जाने पर वो खामोश रहता है ...................उन सब पुरुषो की कलाई में ताकत लेन के लिए इलाज बिना कुछ खिलाये पिलाये सिर्फ एक धागे से किया जाता है .....................पुरुष के हाथ की हड्डी टूटने पर तो ६ हफ्ते बाद हड्डी जुडती है पर इस धागे में इतनी ताकत है की ये अपना असर तुरंत दिखाने लगता है ..........इस थिरेपी का नाम है रक्षा बंधन ...हमारे वैज्ञानिको ने बड़ी मेहनत से इस दवा  की खोज हमारे पुरानो से की है सबसे पहली बार इसका उल्लेख भविष्य पूरण में मिला है जब शची  ने अपने पति को देवासुर संग्राम में भजते समय इस धागा औषधि का इस्तेमाल किया था .......पर आज के पतियों के पास वैसे ही बहुत ताकत आ गयी है वो अपनी पत्नी को मरते है जलाते है ...बेचते है ........दुसरो के पास भेजने लगे है ...इस लिए उनके लिए ये धागा थेरेपी अब प्रतिबंधित है ...भारत में ये थेरेपी सिर्फ भाइयो के लिए ही है क्योकि उनकी लुंज कलियों के सामने देश की बहन बस में दरिंदगी का सिखर होती है उनके जननागो में रोड दाल दी जाती है पर दरिन्दे जिन्दा रहते है ....ऐसे सभी लूले भाइयो के लिए ये धागा वरदान से  कम नहीं है ........पर अपने को तोप समझने वाले भाइयो  को ये हिदायत दी जाती है कि सिर्फ दो दिन बाद इस अभिमंत्रित धागे को कूड़े या नाली में न फेंके ........अगर नहीं फेका तो पिछले साल की राखी दिखाइए ?????????????? नहीं न ........क्योकि आप इस इलाज को बकवास समझते है ...इसको पूरे साल संभाल कर रखिये  ..............ताकि आपके हाथ कभी भी इसकी शक्ति के कारण किसी भी बहन को देख कर लूले न हो जाये ...................इस अनोखी दवा को लेने का समय आ गया है ये समय कल से यानि दोपहर बाद उड़िया तिथि से शुरू होगा जो परसों तक चलेगा .......................अगर आपने ये दवा लेते समय इस पर पूरा विश्वास नहीं रखा तो इस धागे के होने के बाद भी साल भर पूरे देश से बलात्कार , दहेज़ हत्या , महिला उत्पीडन की आवाज़ आती रहेंगी ...और आप बस लूले बने ...............कहते रहेंगे काश उस दवा का सही मतलब समझा होता !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! आइये आइये जिन पुरुषो को लगता है कि मेरे इलज़ा का नुस्खा जरुरी है और तभी इस देश में औरत हस पायेगी .......तो आइये आइये लूले न होने की दवा लीजिये ......स्टाक सीमित है ....जल्दी कीजिये ...कही सुनहरा मौका हाथ से निकल न जाये .............आइये हमसे इस दवा को बनाना सीखिए और बिलकुल मुफ्त में इस दवा से आपने को मजबूत बनाइए .......................इस दवा के साथ .......................तो आप देश की महिलाओ के साथ ......क्या आप अपने को लूला समझते ????????????????? ( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Sunday, 18 August 2013

हिंदी चीनी राखी राख

हिंदी चीनी भाई बहन !!!!!!!!!!!!!!!!
क्या क्या हुआ क्या मैंने कुछ गलत कह दिया ???? जी जी १९६२ की लड़ाई आप को याद नहीं है पर मुझको याद है और हो भी क्यों ना हमारे देश में भाई बचे ही कहा ?????? सरे बही तो चीन चले गए १९६२ की लड़ाई के बाद इसी लिए तो उन्होंने भारत की बहनों के लिए बाज़ार में चीनी राखी भेजी है ....वो देखिये वो देखिये एक बहन जी चीनी राखी कह्रीद कर १९६२ की लड़ाई याद कर रही है आखिर हिंदी चीनी भाई बहन जो है ....................अब आप आप आँख क्यों दिखा रहे है क्या ये काफी नहीं है चीनी देश की बहनों का दर्द समझे तो आप तो बहनों को सड़क पर दर्द से चीखने के लिए छोड़ देते है !!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या नहीं छोड़ते !!!!!!!!! आप हुमांयू है जो हिन्दू बहन के राखी भेजने पर दौड़ा दौड़ा आया था तो क्या अब बहन चीनी राखी भेज कर चीनियों को भारत में बुला रही है ??????? ओह हो अब समझा आप क्या कहना चाहते है तभी चीनी देश की सीमा में घुस आये थे और आते भी क्यों ना आखिर देश की बहनों ने चीनी राखी की लाज बचाने के लिए बाज़ार के माध्यम से चीन की सेना के लिए पैसा जो भेजा है ........................ये आप क्या आनप सनाप बक रहे है ???????? मैं मैं बक रहा हूँ अब बताइए क्या आप कहना चाहते है की भारत में लोग कम दिमाग के है .बिलकुल सीधी गादित है भारत की बहन अपने को इस देश में सुरक्षित नहीं पाती है और वो अपने चीनी भाई से मदद चाहती है तो चीनी भाई आये कैसे ........अब एक ही चारा है की हिंदी बहने चीनी राखी बाज़ार से खरीदे और ज्यादा से ज्यादा पैसा चीन को पहुचाये तभी तो चीनी भारत में कब्ज़ा मतलब आ पाएंगे ....................और आपको अपनी बहनों की इज्जत करनी आती नहीं ??????????????? आती है तो क्यों नहीं वो देशी राखी बांध रही ...........क्या आप बता पाएंगे कि उनको चीनी , हुमायूँ पर ज्यादा विश्वास क्यों है ??????????? क्या उनको अपने भाइयो से ??????????????? इतने आंखे क्यों तरेर रहे हो देश के भैया ( ये भैया मुंबई वाले ?????????? शायद नहीं )  नहीं नहीं ये भाई नहीं ये तो अम्मा के पेट वाले भैया है इसी लिए बहने इनको चीनी राखी बांध कर बता रही है कि अगर भैया नहीं बने तो ये चीनी राखी खरीद खरीद कर देश कि आर्थिक स्थिति को बर्बाद कर देंगी ( प्रधानमंत्री  जी आप सुन रहे है ना ये बहने कितनी ताकतवर है ....इनको चीनी राखी खरीदने से रोकिये ) ...............जी रिश्तो को बाज़ार में उतर कर वैसे भी इस देश में रिश्ते को रात में रिसते देखा गया है ......चीखते सुना गया है पर अब तो चीनी आर्थिकी के आगे रिश्ते खुद को गिरवी रख रहे है ...................क्या बहन अपनी अस्मिता को समझ नहीं पा रही या खुद अपनी माँ ( भारत ) कि इज्जत नीलाम कर देंगी क्योकि हम सब रिश्ते का मतलब ही भूल गया ...................गर नहीं तो कम से कम बहनों को समझिए कि चीनी राखी ना खरीदे और चीनी खरीददारों को इस देश में अपनी रक्षा के लिए ना बुलाये ..................क्या अब भी हिंदी चीनी भाई बहन आप अपने  घर में आने देंगे ????????? क्या कलाई पर देश को गुलाम बनाने वाली राखी आप अपनी अहं से बंधवाने जा रहे है ???????????? रुकिए इस राखी के पैसे से चीन हमारे देश में अंदर आ रहा है .........................क्या आप नहीं रुकेंगे ????? आपको आ बैल मुझे मार पसंद है !!!!!!!!!!!!!!!!! घर फूंक तमाशा देखो का मतलब समझना चाहते है !!!!!!!!!!!!!!!! क्या जब तक भारत पूरा मिट नहीं जायेगा तब तक देश कि बहने हिंदी चीनी भाई बहन का खेल खेल कर राखी खरीदती रहेंगी ................क्या आप को वसुधैव कुतुम्बुकम का सपना पूरा करना है भले पूरा देश चीन का गुलाम हो जाये ???????? माँ का मतलब समझने के लिए माँ को मारना जरुरी है क्योकि बिना मरे स्वर्ग नहीं दिखाई देता .......पर क्या ऐसे चीन अधिकृत भारतमे आप चीनी राखी के बल पर कितने दिन चीनीयों के आगे बहन बनी रह पाएंगी ??????????????? सोचिये सोचिये ????????? यानि हिंदी चीनी को चीनी में घोल कर पी लीजिये ताकि महंगी होती चीनी कुछ सस्ती हो जाये .......तो कहिये हीनी में हिंदी राखी यानि देश कि इज्जत को लुटने से बचाना !!!!!!!!!!!!! समझ गए ना ( ये व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Wednesday, 14 August 2013

अम्मा का पाक डे

आ रे आ रे आप कहा दौड़े चले जा रहे है ........................मैंने दौड़ते हुए कहा भैया भारत में जन्म लिया है तो बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना तो होना चाहिए ना ...................मुझे दौड़ता देख वो भी दौड़ने लगे और पूछा क्या बात है पहेली मत बुझाइए ........मैं क्यों पहेली बुझा रहा हूँ ...मैं तो १५ अगस्त १९४७ में बनी पिक्चर बागबान देखने जा रहा हूँ ....चलिए चिलये आप भी देख आइये ................बागबान तो अभी बनी है आप क्या बे सर पैर की बात कर रहे है ???????????/ जी आज तो बाग़ बाण पिक्चर हॉल में दिखयी जा रही है .ये वाली पिक्चर तो १९४७ से पूरा देश बराबर देख रहा है ................मतलब !!!!!!!!!!!!! क्या आप मतलब मतलब  लगा रहे है ...................१९४७ में भी अम्मा को लेकर उसके बच्चे झगड़ मरे थे किसी मई के लाल में ताकत ही नहीं थी कि कोई अम्मा को पूरा रख पाता.....बस फैसला हो गया कि अम्मा का सर एक के पास और अम्मा का धड दूसरे के पास .....................आखिर हम ठहरे पक्के भारतीय जो .......वो क्या कहते है सर कटा सकते है पर सर झुक सकते नहीं ..........................अपना सर तो पत्थर का बनाये है और अम्मा को काट डाला आखिर दुनिया कैसे जान पाती कि हम अपनी अम्मा को कितना चाहते है ..........जान भले चली जाये पर हमारी आन कैसे जा सकती है.....हम भाइयो की लडाई में अम्मा को बेसहारा कैसे छोड़ देते ............इसका कोई मतलब थोड़े ही है कि अम्मा का सर किसके पास और धड किसके पास ...................मुह क्यों बना रहे है ??????????? यही ना कि फिर अम्मा जिन्दा कैसे बची जब सर ही अलग हो गया तो किसने कहा कि अम्मा जिन्दा बची और अम्मा बचे न बचे उनका मर शरीर तो हमारे पास है ...............देखो ना आज भी हम बिना सर के अपनी अम्मा को भारत माँ कहते है ..................अब आप कहेंगे कि हम लोग औरत की इज्जत नहीं कर पाते ....................तो ये आपके मन का फेर है हमने तो औरत के लिए क्या नहीं किया .................हम तो प्राण जाये पर बचन न जाये के लिए क्या नहीं करते ..............बताइए द्रौपदी की साड़ी भरी सभा में खीची जाती रही .............पर क्या मजाल जो किसने चू भी की हो ..क्यों करते आखिर दुनिया कहती कि एक औरत के लिए भाई ने भाई को मार डाला ...................औरत की भी कोई औकात है जो उसके लिए अपने बचन को भूल जाया जाये ..............औरत  तो न जाने कितनी मिल जाएँगी ........पर मर्द की जुबान का क्या होगा ...................अब आप समझ गए होंगे इस देश में १९४७ से बागबान पिक्चर कितने रिकॉर्ड तोड़ चुकी है .................जब देखिये अम्मा के सर और धड के बीच कौन हिस्सा किसके पास रहेगा ......इसके लिए न जाने कितने भाई खून से अपनी प्यास बुझा  लेतेहै ...........पर अम्मा के बटवारे से बही के घरो में ख़ुशी कितनी है ...............आज तो पाक के लिए दिन है आखिर अम्मा को पाक बना जो दिया पता नहीं अम्मा में कौन सी आशुद्धि थी जो उनको पाक बनाया गया 1४ अगस्त १९४७ को ................क्या आपने अम्मा के खून निकलते देखा था जब उनकी गर्दन काटी जा रही थी ................देखते कैसे आखिर अम्मा को बात कर ही तो हम ख़ुशी मना रहे थे .................और अम्मा को काटने का दुःख तो पागल करते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! क्यों क्यों मैं सही कह रहा हूँ ना ......आखिर हमको जन्म ही अम्मा के पेट को काट कर मिलता है ............जो जो देख कर पैदा हुए वही अगर असली में कह रहे है तो सही ही तो है ............अम्मा अगर पेट कर जन्म दे सकती है तो अगर हम उसको काट  कर सारे भाई  खुश है तो अम्मा को क्या हो गया ........................आप अम्मा को समझ ही नही  पाए ...........अभी तो हम अपनी ख़ुशी के लिए अम्मा के शरीर के टुकड़े टुकड़े करने वाले है  आखिर अगर अम्मा के बच्चे ही खुश नहीं रहेंगे तो अम्मा का मतलब क्या ???????????? क्यों क्या मई गलत कह रहा हूँ ......तो आप भी पाक हो जाइये और कह डालिए माँ तुझे सलाम ............अम्मा तुझे सलाम ....................तुझको काटेंगे .......तुझको बाटेंगे ..................और कहेंगे हैप्पी पाक डे.......................आखिर आप भी तो अम्मा के ही बेटे है ...............बताइए आपकी ख़ुशी के लिए अम्मा के जिस्म का कौन सा हिस्सा काट कर दूँ ..............और आप कह सके हैप्पी पाक डे .आरे भाई  पाक इस लिए  क्योकि अम्मा को काट के स्वतंत्र और राहत की सांस लेना पाक डे ही तो है तो आप भी कह डालिए १४ अगस्त को अम्मा देह तेरा पाक डे .................अच्छा चलते कही अम्मा को काटने वालो को छुरी की जरूरत न हो .मैं भी अम्मा का ????????????????????( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Tuesday, 13 August 2013

राख और राखी

आज भूत नाथ पर बिजिली के लट्टुओ में बिकती हुई जगमगाती राखी बिकते देख मैं सहसा कह उठा ऐसे ही इस देश में लडकियों की अस्मिता और इज्जत बिक रही है ....मेरी इस बात को सुन कर राखी खरीदते हुए एक सज्जन मुझे घूरते हुए बोल उठे ..आपको मालूम भी है कि आप क्या कह रहे है ..................जी नहीं इस देश में लोग बोलते कहा है .......सब कुछ देख कर भी गूंगे बने रहते है तो मैं कैसे समझ पाउँगा आप ही बता दीजिये कि मैं क्या बोल रहा हूँ ....आप कह रहे है कि इन राखी की तरह ही लडकियों की अस्मिता और इज्जत बिक रही है इसका क्या मतलब ???????????? जी मैंने क्या गलत कह दिया क्या राखी बांधने के बाद भी कौन सी लड़की सुरक्षित है ............और हम सबको तो लड़की को पैसे से तौलने की इतनी बुरी आदत पड़ गयी है कि जो लड़की आपकी कलाई में राखी बांध कर अपनी रक्षा की सोचती है उसके स्नेह को आप ५० , १०० या २०० रुपये देकर बता देते है कि देखो तुम्हरी रक्षा की कीमत यही है अब तुम जानो और तुम्हारा  काम ......आप बकवास कर रहे है !!!!!!!!!!!!! जी जी मुझे बकवास ही कहेंगे तभी भाइयो के देश में लडकिया जल रही है बलात्कार हो रहा है ..............कही आप इसे  लडकियों का सम्मान तो नहीं कहना चाहते ..आखिर लड़की के स्नेह को पैसे तुलना कौन सी बड़ी बात है यहा...............लाखो लडकिया अपनी इज्जत इसी लिए भाई के देश में न्योछावर कर देती है क्योकि पैसा उनको तभी मिलेगा सहायता तभी मिलेगी जब वह अपने को बेच दे ...................आपकी सोच कितनी घटिया है कि आप इतने पवित्र रिश्ते को इतनी क्षुद्र बात से जोड़ रहे है ...........राखी का मतलब भी आप समझते है ??????????????? जी नहीं मुझे क्या मालूम राखी का मतलब ...........मै तो बस यह जानता हूँ कि राख पुल्लिंग है और  राखी स्त्रीलिंग  अब राख ( पुरुष ) के साथ मिल कर स्त्री ( लिंग ) राखी ही हो सकती है ......खैर आपकी बहन के कितने भाई है ???????????????? मतलब ??????????? वो तमक का बोले आप कहना क्या चाहते है ...............मैंने कहा कि आपकी बहन के कितने भाई है ???????????? दो और वो राखी कितनी खरीद रही है ?????????? दो ये तो कोई मूर्ख भी बता देगा !!!!!!!!!!!! जी जी मूर्ख ही बता भी सकता है क्योकि आपकी बहन ने ६० करोड़ राखी जो नहीं खरीदी ?????????? क्या आप बे सर पैर की बात कर रहे है ???कहना क्या चाहते है ???????????? मैं कहा कुछ कह रहा हूँ आप ही कह रहे है कि भारत में लोग कहते कुछ है और करते कुछ है .......कहने के लिए सारे भारतीय भाई बहन है  पर राखी तो यहा सिर्फ माँ के पेट के लोगो के ही बांधी जाती है .............क्यों क्या मैं गलत कह रहा हूँ !!!!!!!!!!!!!!!! अब समझ गए होंगे क्यों इस देश में लोग बहन कह कर भाई बन नहीं पाते क्योकि राखी तो सिर्फ ???????????????? वैसे आपने राख को देखा है कभी ?????////////नहीं  तो किसी लड़की की लाश में देख लीजियेगा जो इस देश में बलात्कार , दहेज़ के बाद अक्सर श्मशान में जल कर हमको दे जाती है क्योकि राखी को सजना तो उसके जाने के बाद हमारी कलाइयों पर ही है ...............मेरी बात को सुन कर दुकान दर देश की बहनों की इज्जत बढ़ाते हुए भुनभुना रहा था .............पता नहीं कहा से ये बहन ..........आ गया सारा धंधा चौपट  कर रहा है .........अगर बहन के देश में वो ये न कहता तो पता कैसे चलता कि हम रोज़ बहन का उपयोग कहा कहा करते है ...............और वो सज्जन कह रहे थे .....आपके बहन होगी ही नहीं तभी ये दर्शन बघार रहे है पर मुझे लग रहे था सही ही तो कह रहा है हम भारतीयों के लिए बहन तो सिर्फ......................बाकि तो मादा है ................भाई बुरा मत मानिये क्या करू इस देश में सच बोलने वाला ही गली खाता है ...दे लीजिये आखिर आपको भी तो आता है कहना बहन ........ राखी के त्यौहार पर इस से बड़ा उपहार और क्या दे सकते है राख में मिल रही राखी को ........आप सबको राखी कि शुभ कामना( इसे सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़े )

Monday, 12 August 2013

पाक ने पाक ही किया है

लोग ....नहीं नहीं पूरा भारत शायद भारत के लोग ................बड़े परेशां है कि देश के पांच वीर सपूतो को पाक ने जान से मार डाला पर मेरी आँखों में कोई भी आक्रोश ना देख कर मेरे एक मित्र ने कहा वैसे तो बड़ा देश भक्ति बघारते रहते हो अब क्यों नहीं दो शब्द देश भक्ति के फूट रहे है .................मैंने कहा कि क्या गलत हुआ पाक ने पाक( उर्दू के इस शब्द का मतलब पवित्र ) होता है ) काम ही तो किया है .......आप ही के देश में कहा जाता है जैसा नाम वैसा काम तो पाक ने पाक काम कर दिया अब इस में क्या कहूँ ..............मेरी बात सुनकर वो सज्जन बोले हमें ना मुर्ख समझते है क्या मुझको भी मालूम है कि पाक का मतलब क्या होता है पर वो पाक एक जज्बे और दिल का मसला है और ये पाक एक देश है ..............मैं उनकी बात सुन कर हस दिया और बोल आप बिलकुल सही फरमा रहे है कि ये पाक और वो पाक में फर्क है पर १९४७ में इस पाक को आपने ही माँ के आंचल से बनाया था क्या माँ के आंचल से ज्यादा कुछ भी पवित्र है तो आज उसकी आंचल में कत्ले आम हो रहा है तो उसको गलत कैसे कहे .............और इस लिए पाक को आज तक लगता है कि वो जो भी कर रहा है वो पाक के अलावा कुछ भी नहीं है .................और करे भी क्यों ना ....आखिर कटे हुए अंग ( भारत को काट कर पाक बना ) या तो बदबू करते है या फिर सड़ जाते है और उसी कि बदबू से आप का दिल फटा जा रहा है तब आप कहा चले गए थे जब किसी काम को करने से पहले दो बार सोचने की इस देश में नसीहत दी जाती थी ......................अब कटे फटे अंगो वालो के साथ कुछ तो समझौता करना पड़ेगा .................वह सज्जन मेरी बात सुनकर झुंझला उठे ..पता नहीं आप क्या क्या बके जा रहे है यहा तो हमारे सैनिक चले गए वह आप कटे फट अंग समझा र्रहे है .............जी जी मैं बिलकुल सही कह रहा हूँ अगर इस कटे फटे अंग को सही नहीं किया गया तो इस अंग में इतने कीड़े पद जायेंगे कि लोगो का चलना दूभर हो जायेगा ........हवा में बदबू फ़ैल जाएगी यही नहीं ना जाने कितने रोग ( इर्ष्या, घृणा और ना जाने क्या क्या ) फ़ैल जायेंगे ...आज आप को सिर्फ इस रोग से मरने वाले पांच दिखाई दे रहे है तब क्या करेंगे जब जिसे देखो वही इस रोग का शिकार हो जायेगा ....हर घर से रोने की आवाज़ आएगी ..............इसका इलाज खोजिये ...दवा जरुरी है ...जब जानवर पागल हो जाये तो या तो मार दो या फिर जेल में डाल दो  ..................अभी भी मैं सही कह रहा हूँ की पाक के जो किया वो सही किया .......कटे अंगो से अक्सर मवाद निकलता है और उसके दर्द से बिलबिला कर कुछ भी हो सकता है .........या तो अंग को जला दो या फिर और कीड़े पड़ने का इंतज़ार कीजिये ...............और फिर देखिये पागलपन का मजा .................वैसे भी बिना पैसे के मजा लेना हम सब की पुरानी आदत है ...............तो क्या कुछ और सैनिको को और भेज कर खेल का मजा पूरा ले ही ना लिया जाये .............क्या मैं गलत कह रहा हूँ ( यह सिर्फ व्यंग समझ कर पढ़ा जाये )

Friday, 9 August 2013

चींटी सा जीवन

हमें बटोरने की आदत हो गयी है ........
चींटी जैसी सहादत हो गयी है ..........
मौत से भागते भागते आलोक ........
जिन्दगी कब की खो गयी है ...........डॉ आलोक चान्टिया ..............हो सकता है आपको मेरी बात सही न लगे पर जैसे चींटी बस कल की चिंता में हर समय बटोर करती है और उसको अपने कल या शाम को घर लौटने तक का इल्म नहीं होता .....वैसे ही कुछ मनुष्य हो गया है .........शुभ रात्रि

Saturday, 3 August 2013

mitr divas

जीवन की अविरल धारा में तुम ,........
रहो सदा ही साथ मेरे .........
जब भी खुद को मैं पाऊ अकेला .......
दिखूं सदा ही साथ तेरे ..................मित्र दिवस की कोटिशः शुभकामनाये