Wednesday 21 August 2013

काश कोई मेरी इज्जत बचा लेता


रुपये का दिवालियापन ......मोरा दर्द न जाने कोय
आज अभी राखी को बीते कुछ घंटे भी न हुए होंगे कि मैंने सोचा चलो देखते है भूत नाथ पर आज क्या हो रहा है ..................आश्चर्य घोर आश्चर्य ....चारो तरफ धारा १४४ की तरह सन्नाटा फैला था मनो रुपये की दुर्गति देख कर बहने कमरों में दुबक गयी हो .....कल तक जिन दुकानों पर बिजली के लट्टू जगमगा रहे थे राखी कलाई ढूंढ़ रही थी वो दुकानदार रुपये के गिरने का मातम मन कर न जाने कहा गुम हो गए थे .................रुपये के देहांत हुआ था या फिर रुपये के साथ पूरी दुनिया ने जोर जबरदस्ती की थी इसका तो अभी तक सी बी आई भी पता नहीं लगा पाई है पर रुपये के शरीर की क्षत विक्षत हालत देखकर कोई भी आज होटल में नहीं दिखाई दे रहा है ..सबकी आँखे पथरा सी गयी है .............क्या जिस रुपये पर भरोसा करके देश के लोग बैंक में पैसा जमा कर रहे थे वो इस तरह दिवालिया हो जायेगा ..............बेचारा एक दिहाड़ी मजदूर २०० से २५० रुपये प्रतिदिन में क्या खुद खायेगा और क्या अपने परिवार को खिलायेगा ????? रुपये के दर्दनाक हादसे के बाद मनरेगा का क्या होगा ??? और तो और वृद्धा पेंशन का क्या होगा जो ४०० रुपये प्रतिमाह है ?????? वैसे तो देश के सूरदास ये मानते है कि सिर्फ २८ रुपये रोज से काम चल जाता है पर ये सूरदास ये नहीं जोड़ कर देख पाते कि अगर उनकी ही बात सच है तो कम से कम ८४० रुपये प्रतिमाह तो चाहिए ही और आप दे रहा है ४०० रुपये प्रतिमाह | और रुपये कि इज्जत अलग लुट रही है ................बेचारा आदमी कहा जाये जब इस देश में रूपया नहीं सुरक्षित है तो हाड मांस के लोगो का क्या कहना ????? वैसे तो रूस के पुतिन ये कह कर ही गए थे कि पूरी दुनिया में भगवन है कि नहीं मुझे नहीं पता पर भारत को भगवान ही चला रहा है .........जरा सोचिये उन माँ बाप के जो गरीबो कि तरह जीते है कि पैसा इकठ्ठा करके अपनी बिटिया के लिए बेहतरीन लड़का ढूंढ़ कर शादी करेंगे पर रुपये की कचूमर निकलने के बाद क्या उनकी कचूमर नहीं निकलेगी ....पर घबराइए नहीं .मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई ....या यु कहिये जाही विधि रखे राम ताहि विधि रहिये और गर ये सब न समझ में आये तो भेज दीजिये अपने बच्चे को विदेश रुपये की इज्जत लुटी है पर सायरा लियोन की तो नहीं ना मतलब डॉलर तो अपना कोठा चलने में सफल है बेच आइये उसी कोठे पर और आपका बच्चा भेज देगा डॉलर कमाकमा कर और आपके पास हो जायेंगे ढेरो कागज ....क्षमा क्षमा रूपया रूपया ..क्या आपका बच्चा पढ़ा लिखा नहीं है .....तो क्या हुआ कौन इस देश में अब पढ़ा लिखा है अब तो हाई स्कूल तक सबको पास ही करना है .....इंटर भी बिना पढ़े पास अब पढ़े लिखे जाहिल पूरी तरह बर्बाद तो नहीं कहे जा सकते कागज पर तो पढ़े लिखे है ना बस बनवा डालिए पासपोर्ट और कौन देखने जा रहा है कि विशेष में होटल में बैरा है या फिर किस के घर का टॉयलेट साफ़ कर रहा है ( विधेश में पढ़े लिखेलोग भी पार्ट टाइम जॉब करते है ) पर अब उनको लगा कि भारत के लोग उची जॉब विदेश में करे इससे अच्छा है इनको फ्री में पास करके नौकर वाले कामो के लिए योग्य बना दो और इधर रुपये कि माँ बहन करा दो ....हुआ न एक तीर से दो शिकार .अब नौकर भी मिल गए और डॉलर की लालच नहीं नहीं रुपये के ओपरेशन  के लिए विदेश  से पैसा भी मिल गया ..कितन अबधिया है ये धंधा पर इन सबके बीच रूपया बार बल की तरह लोगो के सामने नाच रहा है कि काश कोई उसकी ओर जी भर के देख ले और उसकी भी जिन्दगी संवर जाये .................क्या आप रुपये को बचा पाने के लिए कुछ कर सकते है ..............बचाओ बचाओ ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

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