लूलो के लिए भारत की आधुनिक और परम्परिक चिकित्सा ........
सुनो सुनो सुनो ........पूरी दुनिया के लिए खुशखबरी ....खुशखबरी ...............जिन पुरुषो के हाथो में ताकत जा चुकी हो ....या यूँ कहे लूले हो गए हो ......उनके लिए एक बिलकुल अनोखी दवा ...वो भी भारत में इजाद की गयी है ...........जिस व्यक्ति की जितनी औकात उसके अनुसार दवा ले सकता है ...बाज़ार में खरीदने पर १० रुपये से १०००० रुपये में उपलब्ध ...पर अगर आप में लूले पुरुषो को ठीक करने की ललक है तो आप खुद घर पर ही इस दवा को बना सकते है ....इस दवा को बनाने का उपयुक्त समय है सावन का महीना क्योकि उसी समय इसका निर्माण किया जा सकता है .....................यही नहीं यह उस हर पुरुष को जिसके हाथो में ताकत नहीं रह गई है जो किसी भी लड़की की इज्जत लुटते देख वह से सरक लेता है ....ससुराल में लड़की के जलाये जाने पर वो खामोश रहता है ...................उन सब पुरुषो की कलाई में ताकत लेन के लिए इलाज बिना कुछ खिलाये पिलाये सिर्फ एक धागे से किया जाता है .....................पुरुष के हाथ की हड्डी टूटने पर तो ६ हफ्ते बाद हड्डी जुडती है पर इस धागे में इतनी ताकत है की ये अपना असर तुरंत दिखाने लगता है ..........इस थिरेपी का नाम है रक्षा बंधन ...हमारे वैज्ञानिको ने बड़ी मेहनत से इस दवा की खोज हमारे पुरानो से की है सबसे पहली बार इसका उल्लेख भविष्य पूरण में मिला है जब शची ने अपने पति को देवासुर संग्राम में भजते समय इस धागा औषधि का इस्तेमाल किया था .......पर आज के पतियों के पास वैसे ही बहुत ताकत आ गयी है वो अपनी पत्नी को मरते है जलाते है ...बेचते है ........दुसरो के पास भेजने लगे है ...इस लिए उनके लिए ये धागा थेरेपी अब प्रतिबंधित है ...भारत में ये थेरेपी सिर्फ भाइयो के लिए ही है क्योकि उनकी लुंज कलियों के सामने देश की बहन बस में दरिंदगी का सिखर होती है उनके जननागो में रोड दाल दी जाती है पर दरिन्दे जिन्दा रहते है ....ऐसे सभी लूले भाइयो के लिए ये धागा वरदान से कम नहीं है ........पर अपने को तोप समझने वाले भाइयो को ये हिदायत दी जाती है कि सिर्फ दो दिन बाद इस अभिमंत्रित धागे को कूड़े या नाली में न फेंके ........अगर नहीं फेका तो पिछले साल की राखी दिखाइए ?????????????? नहीं न ........क्योकि आप इस इलाज को बकवास समझते है ...इसको पूरे साल संभाल कर रखिये ..............ताकि आपके हाथ कभी भी इसकी शक्ति के कारण किसी भी बहन को देख कर लूले न हो जाये ...................इस अनोखी दवा को लेने का समय आ गया है ये समय कल से यानि दोपहर बाद उड़िया तिथि से शुरू होगा जो परसों तक चलेगा .......................अगर आपने ये दवा लेते समय इस पर पूरा विश्वास नहीं रखा तो इस धागे के होने के बाद भी साल भर पूरे देश से बलात्कार , दहेज़ हत्या , महिला उत्पीडन की आवाज़ आती रहेंगी ...और आप बस लूले बने ...............कहते रहेंगे काश उस दवा का सही मतलब समझा होता !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! आइये आइये जिन पुरुषो को लगता है कि मेरे इलज़ा का नुस्खा जरुरी है और तभी इस देश में औरत हस पायेगी .......तो आइये आइये लूले न होने की दवा लीजिये ......स्टाक सीमित है ....जल्दी कीजिये ...कही सुनहरा मौका हाथ से निकल न जाये .............आइये हमसे इस दवा को बनाना सीखिए और बिलकुल मुफ्त में इस दवा से आपने को मजबूत बनाइए .......................इस दवा के साथ .......................तो आप देश की महिलाओ के साथ ......क्या आप अपने को लूला समझते ????????????????? ( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )
सुनो सुनो सुनो ........पूरी दुनिया के लिए खुशखबरी ....खुशखबरी ...............जिन पुरुषो के हाथो में ताकत जा चुकी हो ....या यूँ कहे लूले हो गए हो ......उनके लिए एक बिलकुल अनोखी दवा ...वो भी भारत में इजाद की गयी है ...........जिस व्यक्ति की जितनी औकात उसके अनुसार दवा ले सकता है ...बाज़ार में खरीदने पर १० रुपये से १०००० रुपये में उपलब्ध ...पर अगर आप में लूले पुरुषो को ठीक करने की ललक है तो आप खुद घर पर ही इस दवा को बना सकते है ....इस दवा को बनाने का उपयुक्त समय है सावन का महीना क्योकि उसी समय इसका निर्माण किया जा सकता है .....................यही नहीं यह उस हर पुरुष को जिसके हाथो में ताकत नहीं रह गई है जो किसी भी लड़की की इज्जत लुटते देख वह से सरक लेता है ....ससुराल में लड़की के जलाये जाने पर वो खामोश रहता है ...................उन सब पुरुषो की कलाई में ताकत लेन के लिए इलाज बिना कुछ खिलाये पिलाये सिर्फ एक धागे से किया जाता है .....................पुरुष के हाथ की हड्डी टूटने पर तो ६ हफ्ते बाद हड्डी जुडती है पर इस धागे में इतनी ताकत है की ये अपना असर तुरंत दिखाने लगता है ..........इस थिरेपी का नाम है रक्षा बंधन ...हमारे वैज्ञानिको ने बड़ी मेहनत से इस दवा की खोज हमारे पुरानो से की है सबसे पहली बार इसका उल्लेख भविष्य पूरण में मिला है जब शची ने अपने पति को देवासुर संग्राम में भजते समय इस धागा औषधि का इस्तेमाल किया था .......पर आज के पतियों के पास वैसे ही बहुत ताकत आ गयी है वो अपनी पत्नी को मरते है जलाते है ...बेचते है ........दुसरो के पास भेजने लगे है ...इस लिए उनके लिए ये धागा थेरेपी अब प्रतिबंधित है ...भारत में ये थेरेपी सिर्फ भाइयो के लिए ही है क्योकि उनकी लुंज कलियों के सामने देश की बहन बस में दरिंदगी का सिखर होती है उनके जननागो में रोड दाल दी जाती है पर दरिन्दे जिन्दा रहते है ....ऐसे सभी लूले भाइयो के लिए ये धागा वरदान से कम नहीं है ........पर अपने को तोप समझने वाले भाइयो को ये हिदायत दी जाती है कि सिर्फ दो दिन बाद इस अभिमंत्रित धागे को कूड़े या नाली में न फेंके ........अगर नहीं फेका तो पिछले साल की राखी दिखाइए ?????????????? नहीं न ........क्योकि आप इस इलाज को बकवास समझते है ...इसको पूरे साल संभाल कर रखिये ..............ताकि आपके हाथ कभी भी इसकी शक्ति के कारण किसी भी बहन को देख कर लूले न हो जाये ...................इस अनोखी दवा को लेने का समय आ गया है ये समय कल से यानि दोपहर बाद उड़िया तिथि से शुरू होगा जो परसों तक चलेगा .......................अगर आपने ये दवा लेते समय इस पर पूरा विश्वास नहीं रखा तो इस धागे के होने के बाद भी साल भर पूरे देश से बलात्कार , दहेज़ हत्या , महिला उत्पीडन की आवाज़ आती रहेंगी ...और आप बस लूले बने ...............कहते रहेंगे काश उस दवा का सही मतलब समझा होता !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! आइये आइये जिन पुरुषो को लगता है कि मेरे इलज़ा का नुस्खा जरुरी है और तभी इस देश में औरत हस पायेगी .......तो आइये आइये लूले न होने की दवा लीजिये ......स्टाक सीमित है ....जल्दी कीजिये ...कही सुनहरा मौका हाथ से निकल न जाये .............आइये हमसे इस दवा को बनाना सीखिए और बिलकुल मुफ्त में इस दवा से आपने को मजबूत बनाइए .......................इस दवा के साथ .......................तो आप देश की महिलाओ के साथ ......क्या आप अपने को लूला समझते ????????????????? ( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )
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