Sunday 18 August 2013

हिंदी चीनी राखी राख

हिंदी चीनी भाई बहन !!!!!!!!!!!!!!!!
क्या क्या हुआ क्या मैंने कुछ गलत कह दिया ???? जी जी १९६२ की लड़ाई आप को याद नहीं है पर मुझको याद है और हो भी क्यों ना हमारे देश में भाई बचे ही कहा ?????? सरे बही तो चीन चले गए १९६२ की लड़ाई के बाद इसी लिए तो उन्होंने भारत की बहनों के लिए बाज़ार में चीनी राखी भेजी है ....वो देखिये वो देखिये एक बहन जी चीनी राखी कह्रीद कर १९६२ की लड़ाई याद कर रही है आखिर हिंदी चीनी भाई बहन जो है ....................अब आप आप आँख क्यों दिखा रहे है क्या ये काफी नहीं है चीनी देश की बहनों का दर्द समझे तो आप तो बहनों को सड़क पर दर्द से चीखने के लिए छोड़ देते है !!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या नहीं छोड़ते !!!!!!!!! आप हुमांयू है जो हिन्दू बहन के राखी भेजने पर दौड़ा दौड़ा आया था तो क्या अब बहन चीनी राखी भेज कर चीनियों को भारत में बुला रही है ??????? ओह हो अब समझा आप क्या कहना चाहते है तभी चीनी देश की सीमा में घुस आये थे और आते भी क्यों ना आखिर देश की बहनों ने चीनी राखी की लाज बचाने के लिए बाज़ार के माध्यम से चीन की सेना के लिए पैसा जो भेजा है ........................ये आप क्या आनप सनाप बक रहे है ???????? मैं मैं बक रहा हूँ अब बताइए क्या आप कहना चाहते है की भारत में लोग कम दिमाग के है .बिलकुल सीधी गादित है भारत की बहन अपने को इस देश में सुरक्षित नहीं पाती है और वो अपने चीनी भाई से मदद चाहती है तो चीनी भाई आये कैसे ........अब एक ही चारा है की हिंदी बहने चीनी राखी बाज़ार से खरीदे और ज्यादा से ज्यादा पैसा चीन को पहुचाये तभी तो चीनी भारत में कब्ज़ा मतलब आ पाएंगे ....................और आपको अपनी बहनों की इज्जत करनी आती नहीं ??????????????? आती है तो क्यों नहीं वो देशी राखी बांध रही ...........क्या आप बता पाएंगे कि उनको चीनी , हुमायूँ पर ज्यादा विश्वास क्यों है ??????????? क्या उनको अपने भाइयो से ??????????????? इतने आंखे क्यों तरेर रहे हो देश के भैया ( ये भैया मुंबई वाले ?????????? शायद नहीं )  नहीं नहीं ये भाई नहीं ये तो अम्मा के पेट वाले भैया है इसी लिए बहने इनको चीनी राखी बांध कर बता रही है कि अगर भैया नहीं बने तो ये चीनी राखी खरीद खरीद कर देश कि आर्थिक स्थिति को बर्बाद कर देंगी ( प्रधानमंत्री  जी आप सुन रहे है ना ये बहने कितनी ताकतवर है ....इनको चीनी राखी खरीदने से रोकिये ) ...............जी रिश्तो को बाज़ार में उतर कर वैसे भी इस देश में रिश्ते को रात में रिसते देखा गया है ......चीखते सुना गया है पर अब तो चीनी आर्थिकी के आगे रिश्ते खुद को गिरवी रख रहे है ...................क्या बहन अपनी अस्मिता को समझ नहीं पा रही या खुद अपनी माँ ( भारत ) कि इज्जत नीलाम कर देंगी क्योकि हम सब रिश्ते का मतलब ही भूल गया ...................गर नहीं तो कम से कम बहनों को समझिए कि चीनी राखी ना खरीदे और चीनी खरीददारों को इस देश में अपनी रक्षा के लिए ना बुलाये ..................क्या अब भी हिंदी चीनी भाई बहन आप अपने  घर में आने देंगे ????????? क्या कलाई पर देश को गुलाम बनाने वाली राखी आप अपनी अहं से बंधवाने जा रहे है ???????????? रुकिए इस राखी के पैसे से चीन हमारे देश में अंदर आ रहा है .........................क्या आप नहीं रुकेंगे ????? आपको आ बैल मुझे मार पसंद है !!!!!!!!!!!!!!!!! घर फूंक तमाशा देखो का मतलब समझना चाहते है !!!!!!!!!!!!!!!! क्या जब तक भारत पूरा मिट नहीं जायेगा तब तक देश कि बहने हिंदी चीनी भाई बहन का खेल खेल कर राखी खरीदती रहेंगी ................क्या आप को वसुधैव कुतुम्बुकम का सपना पूरा करना है भले पूरा देश चीन का गुलाम हो जाये ???????? माँ का मतलब समझने के लिए माँ को मारना जरुरी है क्योकि बिना मरे स्वर्ग नहीं दिखाई देता .......पर क्या ऐसे चीन अधिकृत भारतमे आप चीनी राखी के बल पर कितने दिन चीनीयों के आगे बहन बनी रह पाएंगी ??????????????? सोचिये सोचिये ????????? यानि हिंदी चीनी को चीनी में घोल कर पी लीजिये ताकि महंगी होती चीनी कुछ सस्ती हो जाये .......तो कहिये हीनी में हिंदी राखी यानि देश कि इज्जत को लुटने से बचाना !!!!!!!!!!!!! समझ गए ना ( ये व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

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