भारत में किसी भी समस्या का सीधा हल न तो ढूंढा जाता है और न ही उसे जनता का पूर्ण समर्थन मिल पाता है , शायद यही कारण है कि भारत में ज्यादातर स्थिति वैसे ही है जैसी किसी भी समस्या के शुरू होने के पहले रही होंगी, क्या कारण है कि मत डालने के लिए सरकार इतनी कवायद करवा रही है और ऐसा लगता मनो सर्कार खुद इस देश में जागरूकता के स्तर पर एक जन क्रांति चाहती हो पर क्या आप को ऐसा लगता है कि सरकार इस देश के लिए संवेदन शील है ??????????????/ थोडा सा समय निकालिये ना क्यों कि जब तक आप नही सोचेंगे tab तक देश को गति नही मिल सकती .....सरकार को चाहिए था कि देश में कोई सरकारी help tab तक किसी को नही milni चाहिए जब तक usne apne मत का prayog ना kiya हो , और sirf यही एक prayog pure भारत की tasveer badal dega ....dr aalok chantia
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