Tuesday 8 July 2014

म .....................हिला

म....................हिला
बड़ी अजीब  सी बात है कि कभी महिला जैसा शब्द कोई समझ नहीं पाया उसे अबला कह डाला पर जब समुन्द्र मंथन हुआ तो लक्ष्मी जी १४ रत्नो में से एक थी यानि वो हाड मांस से पैदा नहीं हुई शायद यही कारन हो कि हम कभी महिला को जिन्दा हाड मांस का नहीं समझ पाते उसे एक रत्न समझ कर अपने जीवन में सजाना चाहते है पर आपको इतनी सच्ची बात क्यों सही लगने लगी | पर सच तो सच है किसी एक पुरुष के पास महिला जैसी शक्ति का निर्माण करना आसान नहीं इस लिए दुर्गा का अवतार भी कई देवताओ की शक्ति से हुआ | सीता का जन्म हल के सीत से हुआ यानि जमीन के अंदर से प्रकट हुई | कितनी अजीब सी बात है कि कंस देवकी से पैदा होने वाले सभी संतानो को मार सका पर जब लड़की हुई तो वह पटकने पर मरी नहीं बल्कि वह उड़ कर आसमान में चली गयी और कंस को चेताया कि उसकी मौत कैसी होगी ?इन सारे सच्चे उदाहरणों से इतना तो साफ़ है कि औरत ने कभी अपने लिए जन्म लिया नहीं हमेशा उसने किसी उद्देश्य से जन्म लिया | क्या आपको नहीं लगता कि जब आपको महिला के उद्देश्य के बारे में पता नहीं होता तो या आप उसको गर्भ में मार देते है या जिन्दा जला देते है वैसे आपको जंगल में शिकार करने कि इतनी आदत रही है अभी १५०० साल पहले तक तो आप शिकार ही करते रहे है पर वन्य जीव अधिनियम क्या आया कि आप ने औरत को जी जानवर की बना डाला , कभी अपहरण , कभी बलात्कार अब इतनी आसानी से तो आदत जाती नहीं पर इससे जो पूरा हिल जाता है और उसे ही आप महिला कहने लगे | क्या आप आज महिला के उद्देश्य को समझने की कोशिश कर रहे है पर क्या वो अपने लिए कभी पैदा नहीं हो सकती ? क्या अपने ही गर्भ पर उसका अधिकार नहीं क्योकि उसके किसान बनने का ठेका तो आपके ही पास है |क्या किसी म ......हिला या कोई महिला को आपने देख लिया

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