Tuesday 17 July 2012

bahu ya girl friend ...sambhaliye

संभालिये ........क्या आपके घर बहू आ रही है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
कितनी मेहनत की थी हमारे पूर्वजो ने कि हम जानवर का चोला छोड़ कर मानव का चोला पहन ले पर अगर हम सब उन्ही पूर्वजो के बनाये कदमो के पीछे चलते रहेंगे तो हम पिछड़े नही कहलायेंगे ????????? हा हा और फिर सभ्यता किसे कहेंगे हम और यही नही ऐसा कैसे महसूस होगा कि हम सब अब जंगली नही रहे ( वो बात अलग है कि अब हम को अदुनिकता के नाम पर नंग...े रहना और नंगई करना ही सबसे अच्छा लगता है )..कम से कम कुछ तो अलग करे और पूत के पावँ पलने में नही दिखाए तो बाप का नाम कैसे रोशन होगा .....जी जी आप बिलकुल सही समझ रहे है चलिए किसी मामले में तो आपके पास बुद्धि है .........शादी करके आपने दुनिया ही बदल डाली ...और बदले भी क्यों नही मनुष्य के प्रयास देश कर ही तो भगवन ने अपने प्रोडक्ट यानि आपके जोड़े स्वर्ग में ही तये करने शुरू कर दिए थे .........और उसकी कम्पनी के बने आप के जोड़े की गारेंटी एक दो नही पूरे सात सात जन्मो की थी पर भगवान भी क्या करे वो भी तो भूमंडली कारन की मार से नही बचा है ....और जब आप बच्चा पैदा करने की मैराथन प्रतियोगिता शुरू कर देंगे तो बेचारा भगवन भी कब तक दौड़ेगा और रोज वह कितने नए जोड़े को पंजीकृत करे और बस इसी लिए उसने अब सात जन्मो के रिश्ते को कम्पनी के बने सामानों की तरह दुकान से उतरते ही गारंटी समाप्त की घोषणा की तरह सिर्फ एक जन्म का बना दिया वो भी आप पर निर्भर करता है कि आप अपने सामान ?????????यानि पत्नी या पति को कितना संभाल कर रखते है जितना संभाल कर रखेंगे उतने दिन की गारंटी पर भगवन की इस एक जन्म की गारंटी से इस दुनिया के राक्षस ...........मतलब सरकार को कहना नही पच रहा है और अब तो शादी की गारंटी का यह हाल है की अगल आपका तलक मंडप में ही हो जाये या शादी के बिना ही आप वापस आया जाये तो कोई आश्चर्य नही ..........और अगर आप दुकान से सामान की तरह शादी करना ही चाहते है तो लीजिये सरकार ने इस विवाह के खिलौने में इतने डिफेक्ट पैदा कर दिए है की आप सर पीट लेंगे पर यह खिलौना आपके जीवन में एक बार भी सरपट नही दौड़ पायेगा ......और देश में बिजली पानी के आंख मिचौली की तरह अगर आप कभी अपने जीवन में विवाह की रौशनी महसूस भी कर ले तो कभी खुश हो ही न पाए की आपके जीवन में बच्चे का क्या मतलब है ?????????? आप इस बात पर रो दे कि आप बाप बने ही क्यों ....इस से अच्छा तो नपुंसक होते ....जब बच्चे से मिलना सोनिया गाँधी से मिलने से ज्यादा कठिन हो जाये तो ऐसे बाप बनने का फायेदा ...और अगर इतना ही मन था तो क्यों नही अनाथालय से एक बच्चा ले आये .......कम से कम देश में नाजायज बच्चो को बाप मिल जाता और और बिन ब्याही माँ के बच्चो को एक बाप मिल जीता ...............एक तीर से दो शिकार ..........बच्चा का जैविक बाप कोई और और सामजिक पिता कोई और ..........पर शादी की गांरंटी के बजाये वारंटी का तो दर्द न झेलना पड़ता .........हा हा आपको मेरी बात पर क्यों विश्वास होने लगा ......शादी को बर्बादी कहने वाले का मुहं काला .....साला लड्डू खाने को नही पाया होगा ...पर अगर आपको विश्वास ना हो तो घरेलु हिंसा अधिनियम पढ़ लीजिये ......शादी के बाद पत्नी जहाँ जहाँ रही है वहां वहां वह साझा गृहस्थी का दावा कर सकती है ......अब आप बताइए आपने तो बुलाया की बहू आपके बेटे , भतीजे , भांजे के साथ कुछ दिन आकर आपके घर रह जाये और बाद में बहू ने घरेलु हिंसा में आपके घर में भी अपना दावा प्रस्तुत कर दिया तो आपको हिस्सा देना ही पड़ेगा .......संभल कर कही आप बहू को अपने घर तो बुलाने नही जा रहे है ...खैर महिला का सम्मान करना तो आपका फर्ज है ...लेडीज फर्स्ट .......आ बैल मुझे मार ......और जब तक बैल आपको मार कर अधमरा ना कर दे आप कहा मानने वाले ...........क्योकि आप तो घर फूक कर तमाशा देखने वालो में से हैं........विअसे मैंने तो सुना था कि दायाँ भी दो घर चुद कर बदला लेती है ...पर बहू को डायन तो कहा नही जा सकता और क्या मजाल जो डायन आप से आगे निकल जाये ...............आप अगर अपने घर को ही ना फूंक सकी तो तो दूसरे के घसर को क्या खांक फुंकेंगी .........पर शादी के बाद तो बहू ने बेटी होती है और बेटी को आप पलक पर बैठा कर रखते है तो लीजिये आपके पलक को बंद करने आ गयी है .............जहाँ जहाँ उसके कदम पड़ जायेंगे वहां वहां की साडी चीजे उसकी हो जाएँगी ...बताइए आपको यह खेल कैसा लगा ......और तो और मेहमान नवाजी में आपका कोई मुकाबला है भी .....मेहमान बना कर आप मोह्हमद खिलजी को लाये थे तो रानी पद्मावती को जौहर करना पड़ा था .....और तो और आप अंग्रेज को महमा समझ कर लाये तो ३०० साल कितना लुटा उन्होंने .............कि दर्द आज भी तो रहा है .....चलिए रुई लगा लीजिये ....पर अब तो घर का भेदी लंका ढाहे ..........पहले पत्नी बनिए फिर घर को बाटिये ...यही नही ....सब के घर मे हिस्सा पाइये ............. क्या आप इस से बचना चाहते है ...तो इस देश में किसी को अपनी बहू न बनाइये ....................अरे भाई ईतना नाराज क्यों हो रहे है मालूम है कि आपका देश मूल्यों संस्करो का देश ....वो बात अलग है कि इस देश में विश्व के तीसरे सबसे ज्यादा एड्स रोगी रहते है ...................अब बताइए क्या गलत कह रहा हूँ न कोई रिश्ता रहेगा ....न सम्बन्ध तो बहू हिस्सा क्या मागेंगी ....घुइया की जड़ .............और हां अपना स्पर्म बैंक भी मत बनने दीजिये ........और सिर्फ नर मादा बन कर रहिये ......अपने पहचान और गरिमा के लिए अगर कोई देश गर्त में जा रहा है तो क्या हुआ ...कम से कम आपको तो सुकून मिलेगा ...कि जैसा चाहते थे वैसे जिए .....वो बात अलग है कि कुत्ता बिल्ली कुछ दिन अपने जानवर होने पर गर्व करेंगे क्योकि कम से कम बिल्ली ...बिल्ला को बच्चो के पास आने से तो नही रोकती ...न ही बिल्ले से हिस्सा मांगती है .............और अब न कोई किसी का रिश्तेदार रहेगा और ना पत्नी तो ...............हर हर गंगे ....क्यों कैसी रही ...यही तो आप चाहते है भारत को बनाना ......................संभालिये ...वो देखिये ...आपकी बहू ...आपके भतीजे , भांजे , बेटे के साथ आ रही है ............हैजा कालरा ...काली खासी
, डेंगू बन कर सब ख़त्म हो जायेगा ....जल्दी से दरवाजा बंद कर लीजिये ....या फिर द्वार्वाजे पर लटका दीजिये घर में कोई नही है .......और नही तो कह दीजिये आपको अल्झईमेर रोग हो गया है ...आप किसी को पहचानते नही ...........कहते अब देश में बहू नही भूतनी ....चुड़ैल ...डायन का डेरा बढ़ रहा है ............वह किसी को भी खा जाएगी ...क्या आप औरत है ....आप ममतामई माँ है ....प्रेम कि देवी है ...त्याग की मूर्ति है ..............दुसरो के लिए जीने वाली है ....तो फिर वो कौन है ...जो शादी के नाम पर घरो में आ रहा है ....कही वह जलाई जा रही है ...तो कही वह पूरा घर बर्बाद करे दे रही .....कही आप माया तो नही .....परीक्षा जरुरी है .....कोइकी आपको अगर अपनी जान प्यारी है तो जान लीजिये की कही बहू के रूप में रक्त पिशाचिनी ( मेरा खून पसीने की कमाई को लूटने वाली और क्या हो सकती है .....जय आंबे माँ ....) तो नही है .....चलिए घर के बाहर हाथ का पंजा बना दीजिये ...और अपने घर को बचा लीजिये ....बहू को अपने घर मत आने दीजिये ............भाई साहब ये लड़की आपके साथ कौन है ???गर्ल फ्रेंड ........तो आपने शादी क्यों नही की ........नही ऐसे ही ठीक है ....अब गर्ल फ्रेंड को डायन तो कोई नही कहेगा ....और न ही किसी के घर में हिस्सा बटेगा ....मैं नर ...और इसको मादा का इल्म रहेगा ....आप भी अपना घर तब तक बंद रहिये जब तक आपका बेटा बहू नही गर्ल फ्रेंड ना ले आये ....और एक दो क्यों पूरा देश ही तब तक यह नाटक खेलता रहे जब तक हम सिर्फ ....नंगे न हो जाये ................................क्या आपके घर बहू या गर्ल फ्रेंड ...................डॉ आलोक चान्टिया
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