Sunday, 15 July 2012

nari tum kewal sharddha ho

यत्र नारियस्तु रमन्ते ..................
आज पहली बार लगा कि भारत में नारी का क्या जलवा है ......वह कितनी शक्तिशाली है ....और नही तो क्या दुर्गा का रूप है जब चाहे आपका घर परिवार सब महिषासुर की तरह बर्बाद कर दे ..............देखिये देखिये वो सामने खड़ी महिला कैसे मुझको घूर रही है मानो मैंने स्वतंत्र भारत में कोई गलत बात कह दी हो......आप ही बताइए क्यों कहा गया है माया महा ठगिनी हम जानी??????????? क्योकि आप को पता ही नही की जादू टोने तो मुझको नही पता कि इस देश में कितना औरते जानती है पर यह जरुर जानता हूँ कि सरकार ने देश कि औरतो को धोबी का कुत्ता न घर का ना घाट ...............जी क्षमा करियेगा ...आपके देश की सारी कहावत ही कुत्ता , गधा , बिल्ली  से शुरू होती है ......हा तो मैं कह रहा था कि औरत अगर शादी ना करे और उसका भाई शादी करके एक लड़की घर ले आये और उस लड़की से आपकी  यानि ननद से ना बने तो वह दहेज़ का वाद ला कर आपको जेल के चक्कर कटवा सकती है ......और अगर आप को पुरुष को औकात बतानी हो तो आप भी आज किसी लंगूर .....मेरा मतलब पति क ढूंढ़ लीजिये और कर डालिए अपने ससुराल वालो का शोषण ......एक तो आपको अपने असीमित शक्ति का भान हो जायेगा और दूसरे आप देश में औरत के दो रूप समझने का मौका भी पा जाएँगी ...जी जी जब कुआंरी तो ननद के रूप में जेल की हवा खाने का आनंद और अगर विवाहित तो हवा खिलंवाने का सुख .........पर शक्ति का मजा अभी ख़त्म कहा हुआ ?????????? बस गर आप को शादी किये अब एक दिन भी हो गया है और आपका मन पाने पति से ऊब गया है तो सरकार ने आपके लिए विशेष व्यवस्था कर दी है ...ले डालिए तलाक तुरंत ........और ऐसे तलाक आप पाने जीवन में कितने भी ले सकती है यानि आपके पास शादी के असीमित मौके .......और वो उल्लू सा पति भले ही अपनी पत्नी के कारण मरना चाहता हो ...सर पटक डाले और कोर्ट के आगे एड़िया घिस डाले ...कि माई बाप मुझे शक्ति के ताप से बचाओ ..मेरे तन बदन जल कर सब खाक हुआ जा रहा है ...कृपया इस शक्ति से तलाक दिला दो ...पर जब तक आप नही चाहेंगी ......उस शक्तिशाली पुरुष को मुक्ति नही मिल सकती ............क्या आपको लगता है कि आप अबला है ???????????या पुरुष ............अरे अभी कहानी पूरी तो सुनिए ...वो बात अलग है कि पुरुष चोरी छिपे कई जगह मुह मार ले और वैसे भी उसके लिए यह कह देना आम बात है ........पर एक शादी करके वह कभी भी जब तक आप न चाहे न तो वह मुक्त हो सकता है और ना ही दूसरी शादी कर सकता है ....और अगर आपने उसको मुक्त कर भी दिया तो इतना घसीटने के बाद तो वह शादी करने से रहा ..हा सरकार की दूसरी लाभकारी योजनाओ जैसे लिविंग रिलेसन का फायेदा परिवार नियोजनो के तरीको के साथ पेरोल  के कैदी की तरह ले सकता है और आप तो जब चाहिय शादी करिए और आपका मन करे तो छोड़ दीजिये बर्बाद को चुके कंडोम की तरह ............आखिर इन बकवास मर्दों ???????? के पास है ही क्या सिर्फ दो मिनट का काम तो आप चाहे तो स्पर्म बैंक भी खुल गए है ...आप क्यों बने इन पुरुषो की गुलाम ....क्या आप कोई कम है इनसे ....और इनको आपकी जरूरत है .बेचारे ओवा बैंक से ओवा लेकर आयेंगे तो आपके पास ही .......तो आप हुई न शक्ति शाली ....शक्ति की देवी ..............खैर सरकार ने स्वयंबर की आपके गरिमा पूर्ण जीवन को ध्यान में रख कर फिर से नई शुरुवात की है आप एक एक करके रोज पुरुष के ऊपर कोई इलज़ाम लगा कर नई शादी कर सकती है और पहले तो कोई कह भी देता था की जगह जगह मुह मारती है पर अब तो किसी की हिम्मत तक नही है ...सब कुछ विधिक है ............कुछ जनजातियो में एक से ज्यादा पति होने पर बहु पति विवाह कहलाता है ....तो क्या हुआ अगर आप ने अपने मूल संस्क्रती को जीना शुरू कर दिया ...आखिर आपका जीवन तो गरिमा पूर्ण हो गया ना और शादी ..में दहेज़....घरेलु हिंसा के नाम पर आप कितनो के साथ शादी कर ले जीवन भर में पर क्या मजाल जो कोई चर्तित्र हीन का हीन भी आपके लिए कह ले ....................और आपको एक और मजेदार बात बताऊ शायद सरकार आपके लिए इतनी संवेदनशील है कि उसने आपको पिता कि संपत्ति में भी हिस्सा दिया है ( वो बात अलग है कि लड़की की शादी के समय कभी भी उसे उसका संपत्ति का हिस्सा नही दिया जाता और ना ही आज तक कोई पिता या बही इसके लिए जेल गया होगा ) पर शादी के बाद ससुराल में भी हिस्सा अगर पति न दे तो उसकी तुरंत ऐसी की तैसी .......साझी गृहस्थी में पत्नी  का पूरा आधा हिस्सा है ...............हुई ना आपको संपत्ति अर्जित करने मौका ...........आप जितनी जितनी बार तलाक लेंगी या शादी करेंगी उतना ही साझा  संपत्ति  में हिस्सा यानि हर्रा लगा ना फिटकरी और रंग चोखा ...................तो हुई ना आप हर तरफ से शक्तिशाली .............सरकार्र के आपको बना दिया है की अगर नारी की पूजा नही करोगे तो देवता निवास नही करेंगे ...........वैसे पति भी देवता है और सरकार देवता के पीछे पड़ी तो क्या सरकार कहना चाहती है कि देवता को रोकने के लिए नारी कि पूजा करते रहो या फिर पूजा का मतलब ही फाटक चटाक...लात घूसा और अगर यह सब सहे गी नही तो देवता घर में रुकेंगे कैसे ................क्या आप ऐसी ही धनवान महिला बनना चाहती थी ??????क्या ऐसे  ही पुरुष को रोकने के लिए हम सब परेशान है ......या फिर सरकार्र मादा भूर्ण हत्या ना रोक पाने के कारण सभी पुरुषो के लिए महिला का प्रबंध नही कर पा रही जो एक ही महिला को शोषण और सशक्तिकरण  के नाम पर एक से ज्यादा विवाह के लिए प्रेरित कर रही है ...जो महिला समझ ही नही पा रही है ...या फिर जनजातियो की तरह बहुपति विबाह से प्रेरित होकर श्रंखलाबद्ध विवाह को बढ़ावा दे  रही है .....................जी जी मैं जानता हूँ की आप पुरुष से किसी मामले में  कम नही है .......पर आप को द्रौपदी की तो याद है ना ....................क्या हुआ था पति अनेक पर एक भी नपुंसक चीर हरण को नही बचा पाया ...............तो क्या आप भी सिर्फ चीर हरण का द्रश्य देखने के लिए यह सब कर रही है या फिर पुरुषो को पानी शक्ति का एहसास करने के लिए महाभारत का सूत्रपात कर रही है .जहा अंत में हस्तिनापुर ( आपका घर ) का सन्नाटा , खून से सनी सड़के और सिसकारी के सिवा कुछा भी ना होगा ..............मैं आपके क्या हूँ मै तो एक अदना सा पुरुष जो आप के रहमो करम पर पानी इज्जत बचाए है वरना आप तो जब चाहे उसकी इज्जत का जनाजा निकलवा कर मसल दे .......आखिर आप शक्ति की देवी है ...............और आपकी पूजा करना हमारा धर्म है .....देवता तो हमें भी बुलाने पड़ते है जब किसी के सर पर चढ़  जाते है ............वो देखिये दौडिए  दौडिए एक औरत के सर पर देवता आ रहे है ...जल्दी जल्दी से जूता सूंघो ..पानी गालो मिर्चा जलाओ ...बाल नोचो ....थप्पड़ मरो ....हा हा डंडे से पिटो...... लो बेदम होकर गिर गई ....अधमरी हो गई बेचारी ...ना जाने देवता क्या आ जाते है ...क्या कसूर है बेचारी का ....देखो पूजा करने से मानो प्राण ही ना रह गए हो ...पर हम सब कर भी क्या सकते है .....देवता को तो नाराज कर नही सकते ....नारी की पूजा करनी ही पड़ेगी .....................कितना प्यारा है मेरा देश जहा नारी की पूजा होती है ताकिदेवता चले ना जाये ............और कस्तूरी को अपने  में बसाये नारी हिरनी की तरह ना जाने कहा कहा भटक रही है .........शायद औरत शक्तिशाली ही तो हो गई है ..................आप मानती है ना अपनी इस अद्भुत शक्ति के वरदान को .................नारी तो केवल श्रद्धा हो ?????????????????????? डॉ आलोक चान्टिया

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