Wednesday 25 July 2012

kutte se dar lagta hai ???????????


कुत्तो से डर लगता है ????????????????????/
कुत्ते अपनी जगह साफ़ करके बैठते है .......क्या कुत्ते सफाई पसंद है ???????????? या फिर कुत्ते गंदगी जी जी भ्रष्टाचार के विरोधी है ..................ओह हो इसी लिए आदमी को अगर कुत्ता कह दो मनो खा जायेगा ......सही भी है क्यों कहलाये आदमी कुत्ता ....अगर हम अपनी जगह भी साफ़ करने लगे तो सामजिक कार्यकर्ता कौन कहलायेगा ?????????? और हमको भ्रष्टाचार के लिए भी तो लड़ना है .......कुत्ता तो बेवकूफ है जो अपनी जगह साफ़ करता है ........वैसे भ्रष्टाचार ना फैलने पाए इसके लिए चौकन्ने रहना भी जरुरी है पर उसके लिए भी तो कुत्ते की तरह नींद होनी चाहिए .....यह मैं नही कह रहा हूँ यह कह रहे है आपके मनीषी जो कहते है काग चेष्टा ...बको ध्यान श्वान निंद्रा ........हुआ न विश्वास अगर कुत्ते जैसी नींद नही तो गई भैस पानी में ....और अगर आप समाज का सही आइना ...मतलब घिनौना रूप दिखाना चाहते है और जिस को देख कर सबको सच का ज्ञान हो ................तो आप मने न मने आप के पास कुत्ते के आलावा कोई चारा ही नही है ............अब लो यह मैं थोड़ी न कह रहा हूँ यह तो हमारे प्यारे देश में कहा जाता है ....की चाहे जितनी सीधी करो पर कुत्ते की पूछ रहे गी टेढ़ी की टेढ़ी .......यानि सच भी देखिये और सीधे भी न रहिये और सच तो आपको तभी दिखाई देगा ना जब कुत्ते की पूछ की तरह आप को सच दिखाने की ताकत होगी .............बस यही आदत बुरी है आप सब की कोई बात कही नही और आप उसको अपने से जोड़ कर देखने लगते है .......मैंने एक दिन आपसे कहा था की सोचिये क्यों कुत्तो की संख्या बढ़ रही है और शेरो की संख्या घट रही है .....जी जी कुत्ता पूछ हिला सकता है पर शेर ...............इसी लिए शेर पिंजड़े में होते है ...........देश में कुत्तो की संख्या क्या बढ़ी कि शेर भी कई कुत्तो से लड़ने के बजाये चुप रहना पसंद करने लगा है .....आखिर कुत्ता भेदिया ही तो है ...और  भेड़िया हमेशा चुपके से हमला करता है ....लेकिन एक बात तो है कि कुत्ता अपने मालिक पर हमला नही करता है ....हा मालिक के ही आदमियो पर हमला कर देता है ....क्या समझे ...जी अगर कुत्ते से बचना है तो आप्प भी कुत्तो को पुचकारना सीख लीजिये .....जितना पुचकारेंगे उतना ही कुत्ता पूछ हिलाएगा और आप किसी के भी घर में घुस जाइये ....इसी लिए कुत्ता पालकर भी लोगो के चोरी हो ही जाती है ...आखिर कुत्ता तो पूछ हिलाता ही है अपना खाने के लिए ...................और इसी खाने कि दौड़ ने कुत्तो को इतना लालची बना दिया है ....कि वह यह जान ही नही पा रहे है कि बैठने से पहले कहा कहा साफ़ करे ...पर कुत्ते यह तो रोज कहते मिल जाते है कि बेवजह लोग भ्रष्टाचार को मिटाने में लगे है हम खुद बैठने से पहले ऐसी सफाई कर लेते है कि हमारे आने जाने का निशान ही ना बचे और और यही कारण है कि उनको किसी कानून कि जरूरत ही नही समझ में आती क्योकि उनको लगता है कि काजल की कोठरी में कौन हाथ को काला होने से बचा पाया है .........कुत्ता जनता है कि ज्यादा बंधने की कोशिश की गयी तो या तो दौड़ा कर काट लूँगा या फिर खौरिया जाऊंगा कट हा हो जाऊंगा ....सब पागल समझ कर दूर से निकलेंगे आखिर कुत्तई का इतना फायेदा तो मिलना ही चाहीये कि दुसरो का हिस्सा छीन कर नोच कर खा भी लीजिये और कोई कुछ कर भी न पाए .....और कट हा कुत्ता पुरे देश में घुमे को स्वतंत्र ...घूमते रहिये लोक पाल का इंजेक्सन लेकर ........इंजेक्सन लगने से पहले इतनो को काट लेगा कि रेबीज से बचाने वाला कोई मिलेगा .......देखिये देखिये कही आप भी किसी कुत्ते का शिकार तो नही बन रहे है ...........मौका ना  जाने दीजिये एक डोज लोक पाल की दे दीजिये .......कम से कम आप का जीवन तो बच जायेगा ...................जी दुकान ...नही नही कम्पनी इस दवा की जंतर मंतर पर है ......आज कल तो विशेष छुट चल रही है .....जल्दी कीजिये और ले लीजिये एक लोक पाल का टीका ......और मुक्त हो जाइये कुत्तो और कुत्तो के काटने से ....देश में बढ़ रहे कुत्तो की संख्या से देश को मुक्त कीजिये .......आप के पीछे एक कुत्ता आ रहा है .....भागिए नही .......आप तो मनुष्य है ना ..................................

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