Sunday 29 July 2012

kash anna kachumri devi ka vrt rkhte

अन्ना को कौन समझाए ...काश कचुमरी देवी का व्रत करते !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
अरे अरे बाबा संभालिये ....गिर जायेंगे ...सड़क पर गाड़ी दौड़ रही है  आप कुचल जायेंगे ....नही नही बाबा हटिये आप कहा इतना बोझ उठाएंगे ....मैं भी तो आपके बेटी /बेटे जैसा हूँ ...यह तो मेरा फर्ज है कैसी बात करते है आप कौन सा बड़ा कम कर रहा हूँ ...आप का बेटा भी यही करता ..........पर नही अन्ना कोई बाबा थोड़ी ना है और हां वह तो देश को सुधारें जैसी फर्जी बात कर रहा है ...आप कैसे उसके बेटे बेटी बन कर उसके लिए सड़को पर आ सकते है ...और आप जिस बूढ़े के लिए लिए काम करते है ..वह तो सिर्फ दो मिनट के लिए  होता है ,,,,,,आप तो वही भारतीय है जिसको एक गरीब को देख कर दया आ जाती है ...आप अपनी मेहनत की कमाई जेब से कब निकल जाती है पता ही नही चलता ...............पर आप अन्ना के लिए अपनी मेहनत की कमाई क्यों बर्बाद  करे वह देश को जो दे रहे है वह आप चाहते ही कहा है .....................एक लड़की की फोटो फेस बुक पर चिपक जाये तो आपके खून में उबल आ जाता है ...न जाने कितने लोग उसको लाइक करते है और सैकड़ो कमेन्ट करते है ,,,,पर आप भारत जैसी लड़की के लिए क्यों कमेन्ट करे क्योकि अब वो लड़की तो माँ कहलाती है ...और माँ बन्ने के बाद बचा ही क्या जो उसके लिए हम अपने घरो से निकले और अन्ना के लिए मुह खोले .....बिलकुल न कीजियेगा .....उस लड़की का समर्थन जिसको आज  भारत माँ कहा जाता है .......अगर हम गंदगी को हटाने के लिए समर्थन नही करते तो क्या .......आदमी भारत में रहते है .... अगर लोक पल बन जायेगा तो क्या आप का काम रुक जायेगा ........या हम सब को पैसा देकर काम करने की आदत पड़ गयी है ............हा हा आप और पैसा तो किसी को देते ही नही ...पैसा देना किसी और का काम   होगा ...अन्ना के घर में बच्चे तो पढ़ते नही ....उनको कपडे चाहिए नही ...तो फर्जी भ्रष्टाचार मिटाने की बात कर रहे है ........तभी तो आपने अन्ना का समर्थन किया ही नही ..................क्या मई पागल हूँ जो ऐसा कह रहा हूँ ...ओह हो ...आपका कहना ही कि इस देश का कौन कहता है अगर चुप रहा जाये तो उसका मतलब होता है कि आपकी सहमति है ..अच्छा अच्छा आप कह रहेहै बार बार अन्ना के आवाहन के बाद भी अगर आप चुप है तो आप उनके साथ है ....................चलिए मैंने तो समझा कि कुछ समय पहले आप ने ज्यादा तर तागी लोगो को मत देकर विधान सभा में जिताया ...आप बेईमानी और भर्ष्टाचार के साथ है ...............क्या sssssssssssssss मैं अभी भी गलत हूँ ...आप इस लिए चोर बदमाशो के साथ है क्योकि चन्दन विष व्यापत नही लपते रहत भुजंग .............. और यही नही इन चोर बदमाशो को आप इस लिए उत्पीडन करने दे रहे है क्योकि दुर्बल को न सताइए जाको मोटी हाय ...... मतलब लोक पल कौन बनाना फर्जी प्रयास है ...यह नेता आपके आहो से मर जायेंगे ...कोढ़ी हो जायेंगे .....हा हा क्यों नही ...अन्ना को क्या पता कि गजनवी के सोमनाथ के आक्रमण के समय भी आप ऐसे ही चुप रहे थे क्योकि आपको पता था कि भगवान खुद पाने को बचा लेंगे .......पर राम तो खुद सीता को बचने गए थे ...क्या आपने उनको नही बताया कि इस देश में कुछ करने की जरूरत  नही है ........और क्या कृष्ण ने आप से सलाह नही ली और जीवन भर असत्य को मिटाने के लिए ...जेल से अपने  माँ बाप को छुड़ाने के लिए कोशिश करते रहे ......इस देश के होकर भी आपके भगवान अच्छाई के लिए प्रयास करते रहे ...और आप हाथ पर हाथ धरे बैठे है .....................ओह हो उन्ही भगवान ने आपको संशय में डाल रखा है ....उन्होंने तो कहा था की जब जब अधर्म बढेगा वह आएगा ......और वो नही आये इसका मतलब यही आप लगा रहे है ना की अभी अधर्म बाधा नही है ......घुस तो तब आपको लगे जब पूरी तनख्वाह आपकी कोई ले ले ....जब देश की हर लड़की के साथ बलात्कार हो ......सभी लोग रोज कुत्ते की तरह दुत्कारे जाये ........सरकारी आफिस तो खुले पर काम किसी का न हो ......इस लिए अन्ना फर्जी भ्रष्टाचार चिल्ला रहे है ...आपके भगवान ने तो जैसा कहा था वैसा कुछ अभी दिखाई नही दे रहा ..........अरे मेरे जगत गुरु देश के अवशेष ......भगवान भी डर गया है वह कलियुग का अंजाम जानता था और उसे अपने ही देश में आने से भय लग रहा था ....इसी लिए उसने उस समय यह कह दिया था कि कण कण में भगवान होते है ...और अपनेको ही भगवान समझ कर काम चला लेना ....................क्या आप इस बात को नही मानते ...आप पाने में भगवान को नही पाते ...............हा हा आपको तो भगवान अब पत्थर में ही दिखाई देता है और इसी लिए आप भ्रष्टाचार को देख कर पत्थर हुए जा रहे है ..................पर भैये पत्थर में ही मूर्ति खोदी जाती है तो आप फिर भगवान हो गए न ...उठाइए सुदर्शन और ख़त्म कर दीजिये भर्ष्टाचार को ....................अन्ना सोने कि लंका जलने के लिए खड़े है ....................उनको पता है कि रावन के पास अमृत कहा है ..............उनका साथ दीजिये और खत्म कर दीजिये भर्ष्टाचार को ...................क्या आप चले लंका का सोना उखाड़ने .............क्या सोना महंगा हो गया है ...और ऐसा मौका बार बार नही आता ....................अन्ना का क्या वो तो फिर बैठ जायेंगे अनशन पर ...उनके पास काम ही क्या है ???????????? आपको अपना घर चलाना है ..................सही कह रहे है ............बिना  मरे स्वर्ग मिलता भी नही ...मरो अन्ना मरो ...............ये सब आपके साथ है और चाहते है कि अन्ना इस गन्दी दुनिया में नही रहने चाहिए ...इनका स्थान तो देवता के बराबर है ..और वही इनको होना चाहिए .........आखिर ये जान गए शायद कि अकेला चना भांड  नही फोड़ सकता ........पर अकेला शुक्राणु .बच्चा तो पैदा कर सकता है ...छि छि कैसी बात करते है आप इस देश में ...........आपको तमीज तक नही बात करने कि यह शरीफों  का देश है ..............क्या आपको पता नही कि ऐसी बात करके आप देश की संस्कृतिका नाश कर रहे है ....वो तो अखिय एक हम लोग है ...जो इस देश में आज तक उन विशेषताओ को मिटने नही दे रहे है जिसके लिए हम प्रसिद्द  है ........विअसे भी हमको दुनिया में कोई नही जानता कम से कम अन्ना यह जान पाते की हम किसी कारण तो दुनिया में नंबर वन बन सकते है ....................और अन्ना के चाहिए की हमारे देश में तैतीस देवी देवता है ........उनकी पूजा करवाए और ..कचुमरी देवी के व्रत से ही यह भ्रष्टाचार खत्म होगा यह उनका ही प्रकोप है जो देश बर्बाद हुआ जा रहा है .....साढ़े सत्रह व्रत करने पर ही भर्ष्टाचार से  किसी को निजात मिल सकती है ,,,,,,,,,,,,,,,आप अन्ना से कहियेगा हम सब उनके साथ है पर भगवान ही सब कुछ है .......मैं तो चला साढ़े सत्रह व्रत रखने ...................क्या आप अन्ना के पास जा रहे है .......................या व्रत रखने ...............सोच लीजये भारत की परम्परा का सवाल है ................डॉ आलोक चान्टिया

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