Tuesday 24 July 2012

bhrshtachar kayam rhe

भ्रष्टाचार का अपना आनंद है ...अन्ना बकवास है ???????????/
आज पूरे दिन पानी गिरा .....हा हा भैया मैं पानी गिरने की बात कर रहा हूँ ...मानता हूँ जब सब इस देश में सब गिरा हुआ है तो पानी के गिरने पर आपको कोई आश्चर्य नही हो रहा है लेकिन गिरी तो गंगा भी थी ...पहले ब्रह्मा के कमंडल से गिरी शिव की जटाओ में और शिव की जटाओ से पृथ्वी पर गिरी और पर्थिवी से पाताल में चली गई ...पर हमने गिरने को कभी गलत कहा ही कब ......और गर गिरे हुए लोग से हमको नफरत होती तो विवेकानंद यह क्यों कहते पाप से घ्रणा करो पापी से नही और हम सब विवेकानंद के बताये रास्ते पर ही तो चल रहे है ....अब कौन बताये अन्ना को जो भर्ष्टाचार मिटने का राग आलाप लगा रहे है बल्कि आपको तो हर भ्रष्ट मंत्री का सम्मान करना चाहिए क्योकि आपको उसके पाप से नफरत करनी है ना कि उस से ........पर पानी तो गिर ही रहा है .....शायद हमारी आँखों का पानी मरता देख कर ऊपर वाले की आँखों में पानी आ गया ...वो बात अलग है कि पानी इतना गिरा कि पूरी पर्थिवी भीगी जा रही है .....................क्या क्या पानी इस लिए गिर रहा है क्योकि भ्रष्टाचार के निशान मिट जाये .......पर आप उस का क्या करेंगे पानी में भीगते एक आदमी ने अपने छाते  को बाहर रखकर बैंक में जाने पर किसी ने कहा कि आप अपना छाता अंदर ले जाइये नही तो गायब हो जायेगा ............मैंने कहा जी जी जिस देश में बच्चा अस्पताल से घर के बाहर से गायब हो जाता हो ..तो छाता तो बेचारा बोल भी नही पता .......खैर यह बच्चा चोरी कोई भ्रष्टाचार थोड़ी ही है यह तो बच्चे को भगवन समझना है ...और भगवन को कोई भी ले जा सकता है ...अब भगवन को कौन ढूंढ़ पाया है ...इस लिए जो बच्चा गायब हो गया वह मिलना है ही नही ......वो तो आपका भाग्य था जो भगवन आपके घर आये थे और आप जान नही पाए ........खैर पानी के बरसने एक फायेदा तो है कि भ्रष्टाचार का कोढ़ उभर कर दिखाई देने लगा ........पर पिछली बार कि तरह देश के सभी हरीश चन्द्रो ने तय किया है कि आलोक चान्टिया इस बार अन्ना के अनशन में नही बैठेंगे ....क्योकि उनके बैठने से नकली दवा की पोल खुल गई थी पिछली बार .....खुद भूखे रह कर अनशन करते हैऔर अगर अनशन में कोई शराब पिए बैठा है तो उसको चिल्ला चिल्ला कर गाते है ...............और ऐसे बकवास आदमी को क्यों बैठाया जाये जो अन्ना के साथ बैठने के बाद ना तो चुनाव लड़ना चाहता है ...ना दलाली खाना चाहता है ..........अरे इस देश में युधिष्ठिर ने कौन पूरा सच का पालन किया था ......और आलोक चान्टिया क्या खाक  देश सुधारना चाहते है .....बकवास करते है सिर्फ ....अन्ना की भाव्वाना तक समझते नही ...अन्ना कहा चाहते है कि भ्रष्टाचार मिटे देश से वर्ना साल भर से यह अनशन का नाटक चलता ......हा हा मुझे याद है कि अन्ना गांधीवादी है और गाँधी ने भी तो हर आन्दोलन तब समाप्त कर दिया जब वह अपनी सफलता के नजदीक था .....................भेडिया भेडिया आया आया की कहानी सुनकर भी आलोक नही समझ पाया कि अन्ना जी सिर्फ यह देखना चाहते है कि क्या उनके पुकारने पर भारत के लोग आते है या नही .......................और वह वह कितने लोग आते है .......जैसे देश कोई बताने के बाद भी गाँधी जी हमारे दिल में बसते है तो अन्ना जी तो बार बार देश के लोगो को पुकार कर पाने को गांधीवादी ही तो बता रहे है और हम उनको भी सम्मान देंगे .........भले ही देश के लिए उसको कोई मतलब नही ....वो देखिये डॉक्टर कह रहा है ....माँ के पेट में नाल फस गई है ...ओपरेशन करना पड़ेगा ......पर यह भ्रष्टाचार कहा है ...डॉक्टर तो भगवान है ...आखिर आपके घर बच्चा आया है ........क्या आपको आज भी ४०००० साल पहले कि तरह झोपड़ी , अँधेरे , बिना साफ़ पानी के रहना पद रहा है ....तो यह भी भ्रष्टाचार कहा है ....यह तो आपके पूर्व जन्म का कर्म है और इस जन्म का  भाग्य है ....क्या पढाई के लिए टीचर नही है तो आप सिर्फ ऊँगली उठा रहे है ...सरकार पर क्या एकलव्य को कोइस्कुल या टीचर मिला था पढ़ने के लिए ...जहा चाह वहा राह .....भ्रष्टाचार है ही नही .....इतना इतना वेतान्मिलता है इस देश में ....मजदुर तक को रोज १५० रुपये मिलते है ...जब सिर्फ २८ रुपये चाहिए गाँव में रहने वाले को और ३२ रुपये चाहिए शहर में रहने वाले को .....अब इतना पैसा आप बचा रहे है तो कहा से भ्रष्टाचार की बात आप कर रहे है ......क्या लडकियों की संख्या लगातार कम होने पर वैश्यावृति का बढ़ने पर कौन सा गलत काम हो रहा है ....यह तो सामान वितरण का उदहारण है ......देश में दहेज़ के लिए मरी जा रही लड़की के हत्यारों को सजा न मिलना और न्यायलय का निर्णय जल्दी न देना कौन सा गलत काम है ...कम से कम जल्दी जला  दी गई तो एक तो बच्चा पैदा करने से बच गई और प्फिर जिन्दा रहने पर ही जान गई कि जलने पर कैसा लगता है ....यह तो दुर्भाग्य है पुरुषो को जो लडकियों को जला कर खाते नही है ....कम से कम सब्जी का भी पैसा बच सकता है ...और यह कोई भ्रष्टाचार थोड़ी नही है .......आपके पास पैसा है तो आप किसी के जमीं पर कब्ज़ा कर लीजिये और पुलिस को बता दीजिये ......आप जितने बड़े गुंडे उतना महान बनने की संभावना ..................जी जी इरातना डाकू ही बाल्मीकि बन सकता है ....फूलन देवी संसंद सदस्य बन सकती है ......क्या आप भ्रष्टाचारी नही है ...तो कभी संसद की सोचियेगा भी नही .......खैर आपके सामने मौका है ...डाकू बनने का ...आप कही अन्ना का साथ तो नही दे रहे है ..............तब आप महान तो नही बन पाएंगे ........आपको आचार खाने का तो शौक है ही फिर आप इस भ्रष्टाचार का स्वाद कैसे छोड़ सकते है .........लीजिये लीजिये ...अपना काम बने कौन देश भगा जा रहा है ....क्या देश खत्म  हो गया ,,,,नही ना तो इस का मतलब है अन्ना जी बिलकुल फर्जी बात करते है ........आप देश को बेचने का काम करिए ...क्या पास पोर्ट नही बन रहा है ....दलाल से मिल लीजिये ....क्या ट्रेन में आरक्षण नही मिल रहा है तो कोई बात नही किसी दलाल के कह दीजिये वह ट्रेन में जगह दिला देगा ..............पर याद रखिये यह सब भ्रष्टाचार नही है ....क्योकि अगर आपका काम हो गया तो सब जायज है ...भ्रष्टाचार तो वह है जब आपका काम न हो ..................क्या बिना पैसे लिए शमशान में लाश को जलने नही दे रहे है ..............यह भी भ्रष्टाचार नही बल्कि पर्यावरण सरंक्षण है ..................अब भी आपको लगता है कि इस देश में कही भर्ष्टाचार है ...और हमें किसी अन्ना की जरूरत है ????????????????? आप जैसे सच्चे लोगो के सामने अन्ना जैसे ढोंगी का क्या काम .....तभी तो ऐडिया रगड़ रहे है एक साल से ...सावधान ऐसे बरगलाने वालो से जो देश को सुधारने की बात करके आपका समय बर्बाद करना चाहते है ...देश और संविधान के विरुद्ध खड़ा करना चाहते है .......आप जैसे सपूतो पर देश को नाज है ........क्या आप को कलमाड़ी , राजा में कोई कमी दिखाई देती है ........आप एक लाइन भी उनके विरूद्ध ना कहियेगा .....इन्होने ही देश का सारा पैसा कह कर देश के ना जाने कितने लोगो को घुसखोर होने से बचाया है ....तोईसे लोगो को तो भारत रत्न मिलना चाहिए .......तो देर किस बात की चलिए लिख डालिए एक पत्र इनके लिए प्रधान मंत्री को दिला दीजिये भारत रत्न ,,,,,और हा  भूलियेगा नही ...कि अन्ना के लिए सिर्फ जेल होनी चाहिए ......आखिर हम सब किसी के बहकाने पर आकर सच के रास्ते पर चलेंगे .................भारत माँ को बेचने का जो मजा है है ...वो एक माँ को बचने में कहा और हम आये ही है इस दुनिया में आनंद के लिए ...............तो चलिए मजा लेते है ....भ्रष्टाचार जिन्दा .......और रहे आबाद ..............डॉ आलोक चान्टिया

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