Sunday, 22 July 2012

rashtr ko pati mil gaya

राष्ट्र को आज पति मिल गया .......पूरा राष्ट्र पागल  हुआ जा रहा है ...............कितनी अजीब बात है कि राष्ट्र का पिता मिलने या कहने पर यह के लोगो को तन बदन में आग लग जाती है .......और ना जाने कितनी बार यह पूछा गया होगा कि किसने कहा उसको पिता ..........................हा हा यह तो व्यक्तिगत मामला है कैसे कोई जान गया कि कौन पिता है ?????? हा पति तो दिखाई देता है और वो भी इस देश में पति बनने की होड़ तो देखिये एक कोराष्ट्र का पति बनाने के लिए तीन लाख तेरह हज़ार और तीन सौ सत्तासी लोग अपने मत का प्रयोग करते है और दुसरे के लिए करीब तीन लाख से ज्यादा लोग मत डालते है ...................वैसे प्रपंच करने को कह दीजिये तो इस देश में बरसाती मेढक की तरह लोग टर्राते मिल जायेंगे ...आप बस किसी बूढ़े से किसी लड़की शादी करके तो देखिये .............................कोई अँधा कहेगा तो कोई बूढ़े को कामी कहेगा और तो और देश की कोर्ट तो कहिये तलाक तक करा दे आखिर लड़की के जीवन का सवाल है ....और राष्ट्र का पति कितने साल का शायद ७८ या ८० साल का .............पता नही कौन सी दुश्मनी निकल रहे है इस देश में लोग जो बूढ़े को पति बना रहे है ...वह क्या सुख देगा और क्या सुख लेगा ....इस लायक भी तो नही कि अपने पीछे कोई वारिस छोड़ जाये जो उसके नाम से ही देश चला सके .................पर अब किसी तरह तो कोई मिला जो राष्ट्र का पति बनने को तैयार हुआ ......पता नही आप वर छिकाई के रश्म को देख पाए थे या नही ..............यह वर नही कहा पति बनने को तैयार था ...जिस को भी पूछा गया सबने किनारा कर लिया था ...आखिर देश के समधी कितनी माथा पच्ची करते ....जैसे दामाद को देखा और ऐसा लगा कि वह भी अपनी जिन्दगी से थक गया है बस डाल दी रोटी और बुढ़ापे में इस से ज्यादा अच्छा क्या हो सकता है कि दो रोटी सुकून की मिल जाये .......पर क्या यही हम सबने सीखा है कि बूढ़े कंधो पर ज्यादा दायित्व का बोझ डाल दिया जाये ...लाठी लेकर चलने वाला आदमी क्या राष्ट्र  का पति बन पायेगा लेकिन आपको तो फुर्सत मिली अब चाहे पति शराबी को , कवाबी हो , जुआरी हो या कुछ भी नही कम से कम कोई यह नही कहेगा कि एक दामाद नही ढूंढ़ नही पाए ....नाक तो नही कटेगी कोई कहेगा तो नही कि पुरे जीवन राष्ट्र के लिए पति नही ढूंढ़ पाए ......अरे चस्मा ही तो लगाता है .................बाल सारे सफ़ेद हो गए है ...दांत नकली है तो क्या हुआ ............झुर्रिया  भी है तो क्या हुआ ?????????????????कम से कम इतने दिन से काम करते करते यह तो जानता है ना कि चमचा गिरी करके क्या कैसे पाया जा सकता है और इस देश में चाहिए भी क्या ...कौन अपनी योग्यता से पा रहा है ....जो अपनी योग्यता पर ऐठते है .....उनका हाल शेषण और कलाम की तरह हो जाता है ...कोई भी उनके बगल खड़ा नही होना चाहता ............विअसे राष्ट्र के लिए वो भी बूढ़े पति ही थे पर थे तो अक्लमंद ....लेकिन कोई बात नही धीरे धीरे सब सीख जायेंगे ...........वो देखिये राष्ट्र के बूढ़े पति की ख़ुशी में पटाखे दागे जा रहे है ....मिठाई बट रही है ................आप भी दौडिए शायद कोई आपको भी मिल जाये और पति की तलाश  ख़त्म हो जाये .............और आप परेशां ना होइए यह हर कोयला वर्षो तक दबा रह कर हीरा बन जाता है .....आप भी मिनिया जी की चाकरी कर लीजिये बस आप भी पिता , पति , बाबा , भाई  कुछ ना कुछ बन जायेंगे ...........................तो आइये कोएले के बीच आप भी ......................हाथ काला कर  ही लीजिये .........................कोई बात नही पिता नही बन पाएंगे ७८ साल में पति तो कहलायेंगे .............................जय हो राष्ट्र के पति ...जी जी दामाद आ रहे है ...घूँघट कर लो कोई खुले मुह उनके सामने थोड़े ही पड़ता है .....मुह तो अब सिर्फ उनका ही खुला रहेगा ...आखिर पूरा देश जो दहेज़ में मिला है .........राष्ट्र के पति को मेरा भी अभिवादन ,,,,,मैं भी राष्ट्र  का दूर का रिश्तेदार हूँ .......क्या आप पति का फर्ज जानते है श्रीमान .....................डॉ आलोक चान्टिया

No comments:

Post a Comment