Saturday, 28 July 2012

janwar aaj hi baniye

\तिवारी जी जादूगर है .......आप क्या जानवर बनना  चाहते है ??????????
क्या आप एन डी तिवारी को ढूढ़ रहे है ...............पर वो तो नेता है उनको कोई भी बात न मानने की  आदत है ...............जी अपने लड़के तक को अपना नही मान पा रहे है ...कहते है अगर मान लिया तो नेता नही रह जाऊंगा .......आप भी सही कह रहे है कि तिवारी जी ने सिद्ध कर दिया कि च्यवन प्राश का क्या असर है ....................लेकिन आप को पता है ना कि नेता का चरित्र कितना गिरा ........... भैया अगर गिरेगा नही तो ये बाप कैसे बनेंगे ..................अब आप कहेंगे तिवारी  जैसे शरीफ पर कीचड़ उछाला गया ..जब कि उन्हों ने सात सात बार शपथ पत्र देकर कहा कि रोहित उनका लड़का नही है ....क्या किसी नेता को इस तरह बदनाम करना उचित है ????????????? तौबा तौबा इतनी जुर्रत हमारी जो तिवारी जी जैसे महान नेता पर कीचड़ उछालू....तिवारी जी ने भी गलत नही बोला ..रोहित उनका लड़का कैसे हो सकता है ...क्योकि मनुष्य तो बच्चे पैदा शादी के बाद ही पैदा करता है ...आखिर हम मनुष्यों ने ही तो संस्कृति बनायीं है .........और बिना शादी के बच्चे तो जानवर पैदा करते है .....................अब आप बताइए तिवारी जी जब अभी भी अपने को मनुष्य मानते है कैसे मने कि उन्होंने रोहित को पैदा करने में जानवर होने का आनंद लिया ........और तो और  जानवरों में ही जैविक परिवार होते है ...क्या कोई कुत्ता बता सकता है कि उसका पुत्र कौन है ....उसने कब किस के साथ संसर्ग किया और पाने पैदा पिल्लै का नाम तो बता ही नही सकता ........और ऐसे में आप पूरा देश बेवजह तिवारी जी के पीछे पड़े है .....जब रोहित हुआ तो कौन  तिवारी जी ने संस्कृति का पालन किया जो आप सब उनको मनुष्य बनाने पर लगे है ...भाई उस समय तो वह जैविक ..............आप को याद होगा कि कल मैंने आपसे कहा था कि संसद में मनुष्य रहते है जानवर तो देश के लोग है ...................पर तिवारी जी क भारत रत्न मिलाना चाहिए ...कम से कम एक नेता तो सामने आये यह सच बताने कि अलोक चान्टिया गलत कह रहे है ...संसद में जानवर .........और तिवारी जी ने असली चेहरा भी सामने ला कर धर दिया कि देखो कैसे जानवर कि तरह हम न जाने कितने नाजायज पिता होने का सुख प्राप्त करते है ....ये तो भला हो ऐसे न्याय प्रिये जन प्रतिनिधियों का जो राजाओ के ख़त्म हो जाने के बाद अपनी जनता की भलाई के लिए रात के अंधरे में निकल कर जनता को जिन्दगी भर के ऐसा ...उपहार दे जाते है ....जो वो ना तो किसी को बता सकते है और ना दिखा सकते है ......आखिर अब तो आप समझ गए ना कि देश कि असली जनसँख्या कौन बढ़ा रहा है .......और मैं तो कहता हूँ कि सांड के सडको पर रहने से ट्रैफिक  में बढ़ा होती है ...ऐसे सांड जब देश में है जो जब चाहे जहाँ चाहे किसी को भी गर्भवती कर सकते है तो उनको राष्ट्रीय चिन्ह लगा कर छोड़ देना चाहिए ....आखिर ८७ साल तक जिन्दा रहने वाला सांड कम ही मिलता है ........काश सरकार ऐसी परियोजना जल्दी शुरू करती क्योकि उसको कोई गलत काम तो दिखाई नही देता ,,ताज्जुब नही अगर कल तिवारी को कोई बड़ा उपहार देते हुए देश का प्रधान मंत्री बना दिया जाये .................पर आपको खुश होना चाहिए कि तिवारी जी ने यह मान लिया कि अगर मनुष्य छह ले तो क्या नही कर सकता जब चाहे आप अपना रूप तक बदल कर जानवर तक बन सकते है ...क्या आप तिवारी इंस्टिट्यूट जा रहे है ...................जाइये जाइये ...आज जानवर कौन नही बनना चाहता ......आखिर बाप ढूंढने का खेल है ही रोमांचकारी .......और हम ने तो हमेश औरत का सम्मान किया है क्या आप तिवारी जी तरह ही ..............................कल तक यह देश भाई बहनों का था ...अब तो आप जान ही नही सकते मामा बुआ का था पर अब तो अपने पिता ढूंढने का समय आ रहा है ...वाह वाह................पूरा देश जानवर ............................

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