Saturday, 21 July 2012

ladko se kam nhi hai ladkiya

लड़की कोई कम है लडको से ...क्यों दब कर रहे वो ...................

आज मध्य प्रदेश के एक नेता के इस बयां पर खूब बवाल हुआ कि उन्होंने कैसे कह दिया कि लड़कियां जींस और टॉप ना पहने या इस बात के लिए त्याग ना करे कि देश कि जनसँख्या इतनी ज्यादा है कि सबको कपडे नही मिल सकते हैं , इस लिए वह कम कम कपडे में काम चला कर देश के लिए जीने की कोशिश कर रही है ...................मैं भी देश की  महिलाओ के साथ हूँ ....हा हा आप तो होंगे ही ....वो कोई जानवर थोड़ी न हैं जो आप ने जो कह दिया और उन्होंने मान लिया ............वो तो गार्गी के देश की हैं जिस के सामने नग्न होकर शास्त्रार्थ  करने की शर्त राखी गयी थी .........कही उसकी इज्जत किसी ने लूटी............अरे भैया बता रहा हूँ कहे को लार टपकाए दे रहे हो मन का मामला गरम है पर धीरे धीरे आनंद लो ..आको तो देश और हस्तिना पुर ( दिल्ली ) की रक्षा से बंधे होने के कारन द्रौपदी को नंगा होते देखने की आदत है ....अब कौन समझाए इस देश के नेता को जो मार पागल हुए जा रहे है कि लड़की अगर ऐसे वैसे कपडे पहनेगी तो पहाड़ टूट पड़ेगा ....वो तो भला हो देश की लडकियों का जो द्रौदी के समय से ही पुरुषो की .......................देख चुकी है ........और तो और क्या आपको मालूम नही है या आप आज भी लडकियों का जाहिल गंवार समझते है ...उनके भी आंख नाक कान है ...उनको मालूम है की इस देश में अनसूया से कहा गया की जब नगन होकर खाना  खिलाओगी तो खाना  खाया जायेगा ......और वो हो गई नंगी .......खिला दिया  खाना ....कौन सा पहाड़ टूट पड़ा ....तो फिर इस देश के पुरुषो से क्या डरना ........ लीजिये अब तो दीपिका पादुकोण ने भी बता दिया .....यह तन है मति का ...मति में मिल जायेगा ....और चाहे तुम देख लो यह दे ले दुनिया ....मुझको तो कुछ रुपया मिल जायेगा ....और आप माने ना माने हीरोइने कहने का मौका तो मिल जायेगा .....और फिर लड़की क्यों भागे दूर लडको से ...लड़की का हर कपडा ...श्रृंगार तो लड़के ...पुरुष बेचते है ....दुकान पर जब कोई श्रम ह्या नही देखि गेय इस देश में तो देश के खरीदारों से क्या भागना .....जब कह कर खरीद सकती है ...तो आपके सामने क्यों नही .....अब लड़के ...अगर लड़की को देख कर पागल हो रहे है ...तो दुकान पर लडकियों का जाना भी खतरनाक हो गया हैं ........बेचारी .....कितनी मजबूर है चौपायो से भी ....कितनी आराम से एक शेरनी और वो भी जो आपके घर के पास रहती है चारो पैर फैलाये ......वह कितने समझदार है आप तुरंत समझ गए ...बस मादा के लिए इशारा भर करो की समझ में आये गया .....बिना कपडे के बिना पुलिस के , बिना भाई बहन , बिना रक्षा बंधन के आराम से सड़क पर पड़ी रहती है ...और कार्तिक के महीने से पाहिले कोई चिंता नही ......वो भी क्या मजाल जो कोई भी आकर छू भर ले ....घूरिये पड़ती है ...नोच लेती है .....खुद धुन्धती हैं अपने स्वान कुमार को ........................पर ...क्या हुआ आप दांत चियारते हुए कह दीजिये ....अरे वो जानवर है अगर हमने भी वही किया जो वो कर रही है तो फिर हम मनुष्य किस बात के ....जब तक संनते से आवाज़ न गूंजे ...बचाओ बचाओ ...भगवन के ल्लिये छोड़ दो ....क्या तुम्हरे भाई नही है ....प्लीज मुझे जाने दो ...मैं तुम्हरे पांव प्पद्ती हूँ तो फिर मानव होने का मजा क्या और यह मजा तब कितना दुगना हो जाता है कि पहले संस्कृति के नाम का कपडा पहनना सिखाओ फिर वही कपडा तार तार करो .....आखिर मनुष्ट भी तो कोई चीज़ हैं ....भला कोई अपने कपडे खुद उतारे यह कहा बर्दाश्त हैं हमें ....हम तो दुसरो के लिए ही बने है .......औरलडकिय क्यों न कपडे कम पहने ....देश के लिए जब भारत माँ ने पाने को कता डाला तो वो देश वालो के लिए क्यों ना जिए ....उनको तो सब लुटा कर ही सुखी रहने का वरदान हैं .....और आपक अगर लडकियों का कपडा फाड़ना ना आता हो तो गुवाहटी चले जाइये वह नाबालिग लड़की के कपडे फाड़ने उतरने की ट्रेनिग चल रही है .....आखिर यह देश तो वह है दाल दाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा ...एक चिड़िया आप भी उठा लाइए ...घर में रौनक आ जाएगी भले ही वो उसके दर्द की हो .....देखिये लडियो को घर सेकम कपडे में निकलने दीजिये वरना ....आप के काम बढ़ जायेगा ...जितना कपडा उतना काम .....जी जी बिलकुल सही समझे ...द्रौदी का कपडा दुशासन उतार ही नही पाया ............तो  फिर लड़की का सम्मान कीजिये उसको लडको की बराबरी करने दीजिये .....................लड़की आपसे कोई कम थोड़ी ना है ...अगर आप शेर है तो वो सवा शेर है ....आप गर बुशर्ट उतार कर चलेंगे ...तो .......वो भी ...............समझ गए ना ...............जी तो चलिए ........बुशर्ट उतार कर फेक दीजिये .................

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