Saturday, 24 March 2012

saanp aur aadmi

क्या तुम भी अपने को आदमी मान बैठे ,
ये सांप क्यों चल रहे तुम  इतने ऐंठे ऐंठे ,
माना कि आदमी तुम्हारे जहर से नही डरा,
पर तू  आदमी को कांट के क्यों नही मरा............................क्या आदमी और सांप ने पानी फितरत बदल ली है ....डॉ आलोक चान्त्टिया

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