आदमी को आदमी, आदमी ने ही कहा,
जानवर को जानवर नाम भी उसी ने दिया ,
मार दुत्कार सह कर भी जानवर चुप रहा ,
आदमी कब मार दुत्कार खाकर जानवर रहा ........हम अपने को आदमी कह कर क्यों फक्र करते है
डॉ आलोक चांत्तिया
जानवर को जानवर नाम भी उसी ने दिया ,
मार दुत्कार सह कर भी जानवर चुप रहा ,
आदमी कब मार दुत्कार खाकर जानवर रहा ........हम अपने को आदमी कह कर क्यों फक्र करते है
डॉ आलोक चांत्तिया
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