Monday 30 January 2012

manav kyo manav ka pyasa hai

श्मशान में खड़ा मै,
रागिनी गा रहा हूँ ,
मौत को सुना कर ,
अभी लोरी आ रहा हूँ ,
जान कर भी बहरे ,
क्यों बने जा रहे हो ,
कोई आदमी तडपता,
नही देख पा रहे हो ,
मेरी मौत की दावत ,
हो तुम्हे ही मुबारक ,
आलोक का जनाजा ,
लिए कहा जा रहे हो ,
देख मुझको जिन्दा,
क्यों मरे जा रहे हो ,
.......................काश मानव शास्त्र में मनुष्य बनाने के तरीके भी पढाये जाते .............

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