Sunday, 8 January 2012

vote is an ultimate appraoch

एक कहानी मई आज आपको सुनाने जा रहा हूँ ............एक आदमी को इस बात का काफी दुःख था कि वो काफी गर्रेब है और भगवन ने उसके साथ नाइंसाफी की है .और इस लिए वो अपने जीवन को चलने के लिए भीख मांगने लगा ...............एक बार उसकी मुलाकात भगवन बुद्ध से हुई तो उसने अपनी गरीबी का रोना रोया .........बुद्ध उसकी बात सुनते रहे और हसते हुए बोले ..कि तुम्हरे दो हाथ है .अगर इनको मुझे दे दो तो मै तुमको एक लाख रूपया दूंगा .पर उसने इंकार कर दिया .फिर बुद्ध ने कहा कि अच्छा अपने दोनों पैर दे दो तो मै तुमेह ३ लिख दूंगा पर वो नही तैयार हुआ ...बुद्ध ने हसते हुए कहा कि अपनी दोनों आंखे मुझे दे दो तो मै तुमको ५ लाख दे दूंगा .पर उसने देने से इंकार कर दिया ..उसने कहा कि अगर हाथ दे दिया तो काम कैसे करूंगा ?????????अगर पैर दे दिया तो चलूँगा कैसे ?????????? और अगर आंख दे दी तो दुनिया को देखूंगा कैसे ??????? बुद्ध ने कहा कि तुम जब जानते है कि तुम्हरे शरीर के अंग कितने बहुमूल्य है  तो फिर तुम गरीब कहा हो .तुम तो अमीर होने का मन्त्र जानते हो .............मेहनत करो .यही जीवन का मन्त्र है ........आप भी इस कहानी को ढंग से पढिये और सोचिये कि क्या आपके पास भी यह सब नही है पर आप ऐसा मानते है कि आप कुछ नही कर सकते .आपको लगता है कि यह दुःख , भ्रष्टाचार सब भाग्य का खेल है .और आपके पिछले जन्मो का कर्म है जो आप को यह सब झेलना है ..पर ऐसा नही है अप्पके पास दिमाग है जो हंस कि सकती से बेहतर नीर क्षीर में अंतर  कर सकता है .लेकिन क्या आप को यह पता है ???????????तो फिर आप वोट डालने से भागते क्यों है ????आपने अपनी अनोखी शक्ति का प्रयोग आज तक क्यों नही किया ..और देश की तस्वीर बदल दी ???????????मत की कीमत अगर आपको पता है तो इस ब्रह्माश्त्र से उनको नकार दीजिये जो सिर्फ विधायक , संसद इस लिए बनते है ताकि उनके घर वाले कई पीढ़ी तक खाते रहे ..अप्प खोजिये एक ऐसा नेता जो जनता के लिए जीना चाहता हो ....जिसे इस देश को बदलने की ललक हो ......क्या इस बार भी आप वोट सिर्फ धर्म , पार्टी के आधार पर ही करेंगे ????????????? क्या आप भ्रष्टाचार से इस देश को मुक्त नही करायेंगे ?????????????? याद कीजिये  हनुमान जी को जिनको अपनी शक्ति का ज्ञान था ही नही .........यद् किये मोह्हमद साहेब को जिन्हों ने जुल्म के आगे घुटने नही टेके ...याद कीजिये ईसा मसीह को जिन्हों ने सच का रास्ता नही छोड़ा .सही दुनिया और समाज बनाने के लिए ..फिर हम सब इन महँ लोगो के अनुयायी होने का दावा कैसे कर सकते है ..अगर सच के रस्ते वालो को हम, ही पनाह नही दे रहे ????????? तो फिर सोचिये एक बार अपने को और अखिल भारतीय अधिकार संगठन की इस मुहीम में शामिल हो जाइये और निकल पढिये घर से एक ईमानदार उम्मीदवार की तलाश में ताकि एक बार फिर देश में सच्चे लोगो का साम्राज्य हो और आप को प्रजातंत्र का सही आनंद मिले .........क्या आप अखिल भारतीय अधिकार संगठन के साथ आ रहे है ?????????????

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