हम लोग चुनाव को कुछ इस तरह मानते है जैसे किसी का जन्मदिन हो ....और हम सब जन्मदिन वाले व्यक्ति इर्द गिर्द बस हसने , खाने और बधाई देने के लिए होते है .........क्या आप कभी यह सोचेते है कि मताधिकार आपका मानवाधिकार है और अगर अप्प उसके साथ मजाक कर रहे है तो खुद मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहे है .जैसे खुद को मारने को आत्महत्या कहते है .उसी तरह अपना मत का प्रयोग न करके आप ऐसे लोगो को कुर्सी पर बैठा देते है जो आपके अधिकारों के लिए कम ही लड़ते है यानि मत न देना आत्म मानवाधिकार हत्या ही है ..इन सब के इतर क्या कभी आप ने सर्कार और जन प्रतिनिधिओ से ग्रह कर देने से मना किया .शायद आप अपने घर की कुर्की के दर से खुद ही लाइन में खड़े होकर अपना कर जमा कर देते है ....लेकिन आप शायद यह नही जानते कि सुखा अधिकार अधिनियम में साफ़ साफ़ लिखा है कि आप के घर के सामने सड़क बिलकुल ठीक होनी चाहिए और प्रकाश की प्रयाप्त व्यवस्था होनी चाहिए , नाली साफ़ होनी चाहिए , इसके अलावा वातावरण की वायु पूरी तरह शुद्ध होनी चाहिए .पर क्या आपके घर के सामने ऐसा है ..आप वास्तव में मानव की तरह जी रहे है ????????????? फिर भी आप अपना क्र अदा करने के लिए पागल हुए जा रहे है .........क्या आपको स्वतंत्र होने का मतलब पता चल आया आज तक ?????????? आपने कभी नाग निगम को पत्र लिखा कि कोई सुविधा न होने के कारण मै अपना कर अदा नही करूंगा/करूंगी क्योकि यह मेरा अधिकार है .या फिर आप कभी न्यायालय गए शायद नही क्यों कि हमें आपको नागरिक होने का मतलब ही आज तक नही पता है ...उअर ज्यादा तर लोग यही सोचते है कि कोई हमें ही परेशानी है सभी तो इस परेशानी से गुजर रहे है और इसका फायेदा किसे मिल रहा है ??????????????नेता सिर्फ नेट्स जो जानता है कि देश कि जानता को सही सड़क से मतलब ही नही है ...और आपके इसी उपेक्षा के कारण लोग हर दिन सड़क बनवाने के नाम पर घोटाले कर रहे है और हम कह रहे है कि देश में भ्रष्टाचार है जब कि उसको बढ़ने में हमने भी सहयोग किया है ..अपने अधिकारों को अनदेखा करके ......आप सब कुछ बदल सकते है पर इसके लिए आप को घरो से बहार निकलना होगा ...अपने मत का प्रयोग करना होगा .ताकि आप ऐसे नेताओ को विधान सभा में ले जा सके जो यह जानते है कि जानता के अधिकार और गरिमा का मतलब क्या है ????? क्या इस के बाद भी आप अपने घर से नही निकलंगे अपने एक मत से इस देश का चेहरा बदलने के लिए ???????????? अखिल भारतीय अधिकार संगठन की यही सोच है कि भारत अब सही अर्थो में जग जाये और एक बार यह महसूस करे कि जानता, गरिमा ,अधिकार का मतलब क्या है ..और देश का एक नागरिक अपने एक मत से क्या कुछ कर सकता है ...आइये अखिल भारतीय अधिकार संगठन के इस जागरण मुहिम का हिस्सा बनिए और भारत वासी के बजाये भारतीय बनिए ..............
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