आज पता नही क्यों उस देश में लिखने का मन नही हो रहा है .जहा सब कुछ भगवन भरोसे चलता हो ..उसके लिए क्या कहू........ रूस के प्रधानमंत्री पुतिन ने कहा था कि मुझे यह तो नही पता कि भगवन है या नही पर इतना जरुर है कि भारत में सब कैसे चल रहा है .........जब इस पर विचार किया जाये तो लगेगा कि भगवान होता है ..आज ऐसा क्या है कि हम हर सही बात करने वाले को समय की बर्बादी करने वाले की तरह देखते है .और हर गलत काम करने वाले को इस देश में निर्माता के रूप में देखा जाता है .....हम रावन को गलत कहकर प्रस्तुत करते है ........कंस को राक्षस कह कर मुह सिकोड़ते है .........पर क़त्ल , घोटाला , भ्रष्टाचार करने वाले को हम आधुनिक भारत में जन प्रतनिधि के रूप में देखते है ..हम खुद को भूखा नंगा समझ कर लोगो के आगे बिकते रहते है ......और लोग हमें मैगी की तरह खरीद कर संसद, विधान सभा में पहुच जाते है ...ऐसा क्या है उनके पास कि वो इसी देश में धन कुबेर बन कर मत करीदने वाले बन जाते है .और हम ६० साल से गुलाम की मत बेचने वाले दुकानदार बन जाते है .........जब मौका आया तो भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने वाले चुनाव के समय खामोश हो गए .और न जाने मौन रह कर किसके लिए चुनाव होता देखने लगे ......राम के देश में विभीषण हम क्यों नही खोज पाए यह भी सोचना पड़ेगा ....माता पिता जिस देश में वृद्ध आश्रम में रहने लगे ...लडकियों से बलत्कार करने वाले , दहेज़ के लिए जलाने वाले जानते है कि अंधेर नगरी चौपट रजा का क्या फायेदा है .उस देश में चुनाव में बदलाव लेन में हमारे पसीने छूट रहे है ....क्या हम देश की राजनीति की धुरी नही बन सकते .एक वोट का दर्शन नही समझ सकते .अपनी बहन , माँ के दर्द को समझ लीजिये सडको पर बीएस आप खुद देश सुधारने में जुट जायेंगे ..पर इस के लिए आपको पूरा दिन देना होगा ...अपना मत देने के लिए इंतज़ार करना होगा .क्या अखिल भारतीय अधिकार संगठन की अपील को आप दिल से सुन रहे है ...तो फिर अखिल भारतीय अधिकार संगठन की तरह पूरे दिन में एक बार जरुर मत के लिए लोगो को प्रेरित करे ..और मत को प्रजातंत्र का वरदान ही नही ....ब्रह्मस्त्र बना दे ...ताकि इस बार कोई ईमानदार सच्चा उम्मीदवार अपने पद चिन्ह विधान सभा में बना सके .क्या आप खुद सच का साथ नही देंगे .आप भी तो सच्चे और ईमानदार है ???????????पर ये आप को खुद से जानना होगा ..अकेले में ....अपने लिए ......अपनों के लिए ....डॉ आलोक चान्टिया
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