बचपन में एक कहानी सुनी थी कि एक बार कछुआ और खरगोश में शर्त लगी कौन सबसे तेज दौड़ सकता है ???????? यह सोच कर वो दौड़ लगाने लगे ..कुछ ही देर में खरगोश दौड़ में आगे निकल गया ....कछुए का खी पता नही था ....खरगोश ने जब देखा कि कछुआ का कही पता नही है और गर्मी तेज है टी उसने सोचा कि क्यों ना मै थोड़ी देर आराम कर लू और यह सोच कर वो एक पेड़ की छाव में लेट गया और ठंडी हवा में उसे नींद आ गई .इधर कछुआ धीरे धीरे चलता रहा और वह पहुच गया जहा तक दौड़ना था .......जब खरगोश की आँख में खुली तो देर हो चुकी थी तेज दौड़ने की क्षमता होने के बाद भी खरगोश जीत गया और कछुआ धीरे चलने के बाद भी निरंतर काम करने के कारण जीत गया ........आप सोचेंगे कि इस कहानी का मत और चुनाव से क्या काम ????????? है बिलकुल है ......मतदाता को हमेशा लगता है कि कछुए की तरह उनके जीवन में हारना ही लिखा है और नेता खरगोश की तरह हमेशा अपने जीतने के गुमान में ही रहता है ....इस लिए जनता कछुए की तरह इस बार चुनाव में सारी व्यवस्था ही बदल सकते है बस उन्हें निरतर प्रयास करना होगा .उनको अपने नगण्य से लगने वाले एक मत को लेकर धीरे उस और चलना होगा जहा उनकी मन पसंद जीत इंतज़ार कर रही है ........अखिल भारतीय अधकार संगठन आपको यह कहानी इस लिए सुना रहा है क्यों कि अन्ना कि बात करके भारत को भ्रष्ट मुक्त देश बनाने का सपना तो हम सब ने देखा और जिस से भी पूछो वह अन्ना के साथ ही दिखाई देता है पर जब मत मांगो तब कोई पार्टी के कारण , कोई नातेदार , रिश्तेदार के कारण आपको मत नही डाल सकता ........तो फिर अन्ना के साथ समय क्यों बर्बाद किया आप सब ने ????????क्या आप अन्ना को एक खोखले आदमी की तरह प्रस्तुत करना चाहते है ????????? क्यों अन्ना भी खामोश है .......क्या उन्हें इमानदार लोगो का समर्थन नही करना चाहिए ?????? अखिल भारतीय अधिकार संगठन आपसे आग्रह करताहै कि अपने घर से इस लिए निकालिए और कछुए से खुद को बेहतर साबित करके अपने अधिकारों की जीत को आगामी चुनाव में सुनिश्चित कीजिये >>>>>>>>>>>करेंगे ना !!!!!!!!! डॉ आलोक चान्टिया
people run behind little selfish causes
ReplyDeleteExcuse me plzz.. I need some info about admission to MA(maths) from Kanpur Uni....
ReplyDelete@ Rajindar Singh
DeleteFOR MA IN MATHS U HAVE TO WAIT TILL JULY 2012