Saturday 21 January 2012

a vote for future

मुझे मालूम है कि भारत वो देश है जहा पर रत्नाकर जैसे डाकू ने बाल्मीकि बन कर रामायण जैसे महा काव्य की रचना कर दी ........यह वही देश है जहा एक लड़की की रक्षा करने के कारण एक सीधा सा किसान अंगुलिमाली डाकू बन गया ..........इस देश में खडग सिंह की भी कहानी प्रसिद्ध है जिसने डाकू को शिक्षा दी थी कि किसी के साथ छल नही करना चाहिए वरना लोग असहाय लोगो पर विश्वास करना छोड़ देंगे .........और सबसे बड़ी बात इस देश कि यह है कि यह पर मरे हुए लोगो के लिए चार कंधे तो मिल जाते है पर जिन्दा आदमी के साथ कन्धा मिला कर चलने वाला चिराग लेकर भी ढूंढने पर भी नही मिलता .यही कारण है कि इस देश में राजनीती कि लाश पर रोने वाले तमाम लोग है पर राजनीती को सवारने कि बात करने पर शमशान सा सन्नाटा फ़ैल जाता है चारो तरफ ..और फिर राजनीती कि लाशो को चार कंधे आसानी से मिल जाते है और निष्क्रिय होने पर भी लाश विधान सभा और संसद पहुच जाती है और हम लाशो से उम्मीद क्र लेते है कि वो हमारे लिए कम करेंगी जब कि हम खुद कहते घूमते है कि मुर्दे बोला नही करते .......फिर भी चार कंधो के सहारे चने वाली लाशो से हम सत्ता के गलियारों में अपने लिए आशा पाल लेते है लेकिन सच तो यह है कि उन्हें मातम का संगीत इतना अच्छा लगने लगता है कि वो देश की जनता को गरीबी , ख़राब स्वास्थ्य, अशिक्षा , में इतना डुबो देते है कि उन्हें चलने  के लिए सही सड़क , पीने के लिए साफ़ पानी , ताजी और स्वस्थ हवा एक सपना लगने लगती है ......नरक क्या है .ये लाशे हमें इसी पृथ्वी पर ही हमें दिखा देते है ....फिर भी हम जिन्दा लोगो के लिए अपने कंधे नही देते ...........नारा देने में हमसे बढ़ कर कौन होगा ....वसुधैव कुतुम्बुकम यानि साडी पृथ्वी को अपना परिवार कहने वाले भारत के दर्शनमे खुद इतना टोटा दिखाई देने लगा है कि वो कभी अपने को हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई में बाँट लेते है तो कभी अपने ही अंदर ब्रह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र, दलित पिछड़ी जाति और न जाने कितने भागो में बंट कर देश को खोखला करने वाली लाशो के साथ पिशाच पैदा करने में मदद करते है जो जनता के  खून ( उनके धन ) से अपने को और शक्तिवान बनाते है .......ऐसे देश में क्या एक बेहतर कल का सपना देखा जा सकता है ???????????? बिलकुल पर एक आम नागरिक को अपनी शक्ति यानि मत को पहचानना होगा ........तभी मत तंत्र से मत मन्त्र की शक्ति से जनता इन लाशो और पिशाचो से मुक्त होकर ऋषियों( ईमानदार, चरित्रवान , सच्चे ) को हम विधान सभा संसद में भेज कर इस देश को अंधकार से बचा पाएंगे पर इन सब के लिए आपको अखिल भारतीय अधिकार संगठन की मुहीम में जुड़ कर लोगो को मत देने के लिए जगाना होगा औत अखिल भारतीय अधिकार संगठन देश में चार जिन्दा कंधो को आपके साथ जोड़ने में हर संभव कोशिश करेगा ..तो चलिए जागते है भारत को मत के लिए ......मत आपका देश आपका .............डॉ आलोक चान्टिया

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