Tuesday, 31 December 2013

पुल्लिंग हार गया स्त्रीलिंग से नव वर्ष में

वर्ष + आ = वर्षा
अब आप मानिये या ना मानिये पर सच यही है कि पूरा साल पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के बीच उलझा रहा और मजेदार बात यह कि स्त्रीलिंग ने ना जाने कितनो को दिखा दिया कि नर पर दो दो मात्रा भरी है नारी | अब आप कहेंगे कि आज के दिन आप ये क्या बेसुरी बात ले बैठे ? अरे आप कहेंगे क्यों नहीं आखिर आप पुरुष जो ठहरे ! कुछ भी मान लेंगे तो नाक कट जायेगी ! पर आप यह तो मानते है कि वर्ष यानि पुल्लिंग और वर्ष को भी पुल्लिंग बन कर बड़ा नाज़ कि पूरी दुनिया उसके आने और जाने के दिन पागल हो उठती है पर लीजिये झेलिये अपनी हेकड़ी का फल वर्ष पुरुष तो महिला यानि स्त्रीलिंग कौन पीछे है जी जी वर्षा वर्षा ( स्त्रीलिंग ) अंतिम दिन पूरा दिन ऐसा बना दिया कि बस सब समझ गए कि स्त्री के आगे किसी की नहीं चली है | जहा स्त्री ने पूरे साल पुरुषो को अपनी महत्ता समझा दी तो वर्षा ( स्त्रीलिंग ) ने भी वर्ष( पुल्लिंग ) को उसकी हैसियत बता दी और सब वर्षा के आगे पुरे देश में हताश दिखे , ठण्ड में सिकुड़े और कोहरे में डूबे तो मानते है ना कि जाते जाते वर्ष +आ = वर्षा में बदल आया यानि पुल्लिंग  स्त्रीलिंग में वह क्या विज्ञानं का चमत्कार  है कि प्रकृति भी अपना लिंग बदलना मानव के साथ सीख गयी ......तो कहिये वर्ष नहीं वर्षा कि शुभकामनाये ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Monday, 30 December 2013

क्या मिला इस शाम में

जो भी पाया था ,
उसके जाने का ,
वक्त आ रहा है ,
संजो भी ना सका ,
अब तो लूटने का ,
मंजर आ रहा है ,
जिंदगी आलोक में है ,
रास्ते अंधेरो में ,
गुजर रहे है ,
साँसे तो चल रही है ,
खुद हर किसी में ,
मौत जी रहे है ,
ये कैसा सिला मिला ,
किसी से मिलने का ,
फिर बिछड़ने का ,
मौका भी मिला तो ,
चार कंधो पर ,
आज संवरने का ,
ये वर्ष जो जा रहा है ,
वो वर्ष जो आ रहा है ,
कोई मुझको पा रहा है ,
कोई मुझसे जा रहा है ,
जीना इसी का नाम है ,
चलना इसी का काम है ,
मुबारक हो साल अब ये ,
कल इसकी आखिरी शाम है ....................आइये सोचे कितने आजीब है हम जो यह नहीं समझ पाते कि हम सिर्फ किसी की तलाश में इस दुनिया में नहीं आये बल्कि दुनिया हमको तलाश रही है ......कुछ करने के लिए कुछ कहने के लिए ...अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Sunday, 29 December 2013

नए साल में जिंदगी का समझिये

पौधे से न जाने कब ,
जिंदगी दरख्त बन गयी ,
किसी के लिए यह ,
ओस कि बूंद सी रही ,
तो किसी के लिए ,
मदहोश सी मिलती  रही
कोई आकर घोसला ,
अपना बना गया ,
कोई मिल कर ,
होसला ही बढ़ा गया ,
किसी को हसी मिली ,
किसी कि सांस खिली ,
कोई जिया ही देखकर ,
कोई आया दिल भेद कर ,
सभी में अपने लिए ,
 तोड़ने , मोड़ने , छूने ,
छाया पाने की ललक दिखी ,
किसी ने फूल समझा ,
तो किसी ने कलम बना ,
अपनी ही इबारत लिखी ,
सभी को आलोक मिला ,
पर आलोक का गिला ,
अँधेरे से सब डरते रहे ,
मौत से ही मरते रहे ,
कोई नहीं दिखा आलोक में ,
जोड़ी बनती है परलोक में ,
आलोक पूरा हुआ अँधेरे से ,
रात पूरी होगी सबेरे से ,
आइये चलते रहे दरख्त ,
बनने की इस कहानी में ,
फूल पत्ती शाखो से ,
महकते रहे जवानी में ......................अखिल भारतीय अधिकार संगठन आप सभी को जिंदगी के मायने समझते हुए एक नए कल की शुभ कामनाये प्रेषित करता है ............

Saturday, 28 December 2013

नमन है देश तुझको ???

भारत में नसबंदी कराने पर पूरी उम्र में एक बार ११०० रुपये मिलते है और बच्चे को जन्म देने पर १४०० ऊपर से जितने चाहे पैदा करो हर बार १४०० पाओ तो क्या अब भी आपको बताऊ कि बेरोजगारी  कैसे ख़त्म किया जा सकता है ? समझे कि नहीं जनसंख्या की महिमा इस देश में .

Thursday, 19 December 2013

ये रिश्ता क्या कहलाता है ?

क्या रिश्ता मर गया ?
आखिर लड़का नहीं पैदा होगा तो नाम लेने वाला कौन होगा और पितृ ऋण से आप कैसे मुक्त होंगे ? बिलकुल इसी लिए तो भाई साहब फुले नहीं समा रहे थे और फूल कर कुप्पा क्यों ना हो आखिर दो दो बेटे के बाप जो ठहरे ! और फिर तो ऐठ पर ऐठ क्योकि दोनों लड़के पढ़ लिख कर अमेरिका जो चले गए | लीजिये भगवान ने भी परीक्षा ले डाली और माँ की मृत्यु हो गयी अब क्या था पिता जी हो गए अकेले और पिता के जिन्दा रहते बेटो के सर पर पितृ ऋण चुकाने का मौका | पिता ने कहा कि मैं अमेरिका आ जाता हूँ पर ये क्या पिता जी को नरक का मजा तो यही मिल गया | बेटो ने साफ़ कह दिया कि वो पिता को अपने साथ अमेरिका में नहीं रख सकते | वह क्या बच्चे है ऊपर से सलाह ये कि मकान बेच कर जो पैसा मिले उससे वृद्धा आश्रम में जाकर रहिये | भला इसी से तो पता चलता है कि मात पिता गुरु नवहि माथा ....पिता तो आकाश है वही तो हिमालय है और लगता भी यही है तभी तो हिमालय को उसके बेटे ही आश्रय देने को तैयार नहीं है | पर हिमालय ने कहा वो किसी से कम नहीं है और पिता ने एक विधवा के नाम अपना घर लिख कर उससे फिर शादी कर ली | अब आप बताइये कि आपका लड़का कब अमेरिका कब जा रहा है और लड़का होने पर आपका सीना तो फूला ही होगा ! मेरी कसारी बात कोरी लग रही होगी क्योकि ऐसा आपके बेटे थोड़ी ना करेंगे खैर मुझे कोई परेशानी नहीं और आप भी ना होइए आज कल वृद्धा आश्रम का धंधा फल फूल रहा है | तो डर किस बात का ? वैसे काशी और वृंदावन से कोई न कोई तो मिल ही जायेगा | क्या आप काशी जा रहे है ? अरे ऐठ क्यों रहे है मुझे मालूम है आप भी लड़के के पिता है !!( व्यंग्य समझ कर ही पढ़िए )

Wednesday, 18 December 2013

हम मनुष्य क्यों न बने ?

क्या आप अप्राकृतिक है ?
हो सकता है कि आप को मेरी बात बुरी लगे और लगे भी क्यों ना क्योकि इसी शब्द के कारण तो उच्चतम न्यायालय को दखल देना पड़ा था | | लेकिन आप तो अप्राकृतिक  उसी दिन हो गए थे जब आपने संस्कृति बनायी थी | क्या संस्कृति प्राकृतिक  नहीं है ? भैया शादी करना भी तो अप्राकृतिक है और इसी लिए लोगो को अब यह रास नही आता है | जिसको देखो वही अप्राकृतिक होना चाहता है | क्या आपको अब भी लगता है कि जो कहा जा रहा है वह सही है और सही कहे भी क्यों ना ? जो पूरी पृथ्वी के सारे प्राणी कर रहे हो वही अगर मनुष्य भी करेगा तो भला उसको कौन अद्भुत समझेगा ? इस लिए वह वो करना चाहता है जो जानवर नहीं करते ! कोई मनुष्य बच्चा पैदा करने के लिए ही तो पैदा नहीं हुआ ? वो और भी इस शरीर से कर सकता है आखिर शरीर उसका है कोई जानवर का तो है नहीं कि उसकी कोई मर्जी ही ना हो | इस लिए शरीर की आजादी मिलेगी तभी तो वह कह सकेगा वह जानवर नहीं मनुष्य है | लेकिन भैया जानवर भी तो कह रहे है कि अगर जानवर नहीं हो तो क्यों कपडे उतारे दे रहे हो ? लेकिन नहीं वह तो आप कहेंगे कि मेरी मर्जी क्योकि मनुष्य कहलाने के लिए जरुरी है कि वो नंगा दिखायी दे , मेरा कहने का मतलब है मनुष्य को पारदर्शिता पसंद है ना तो वो हर काम में पारदर्शिता चाहता है फिर शरीर ही क्यों ढका रहे ? क्या आपको नहीं लगता कि हम जो भी कर रहे है वह तो यह सिद्ध करने के लिए कर रहे है कि सही अर्थो में हम जानवर से अलग दिखे | ये क्या कि नर और मादा रहे ! मजा तो तब जब नर और नर और मादा और मादा रहे , कम से कम मनुष्य ने कुछ तो जानवर से हट कर किया और आप है कि उसको अप्राकृतिक कह कर कोस रहे है ! क्यों नहीं मनुष्य को जानवर से ऊपर जाने दे रहे है ? क्या आप नहीं चाहते कि जानवर सा मनुष्य? ना लगे ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Monday, 16 December 2013

निर्भया या निर्भय

निर्भया से निर्भय तक .........
कितनी ख़ुशी की बात है कि आज के दिन सेना वाले विजय दिवस मानते है और हम आप इस बात पर ख़ुशी मानते कि देश की बहादुर बेटी का दर्ज़ा पाने के लिए देश के सपूतों ( कपूत भला कैसे कह सकता हूँ आखिर भारत माँ का सर नीचा नहीं हो जायेगा ) से अपने शरीर को चील कौवो की तरह नोचवा कर बहन के लिए दौड़ने वाले उच्च आदर्शो वाले देश में एक लड़की नग्न पड़ी रही, वो तो भला हो देश की हिंदी पिक्चरों का जिनके कारण पूरी पिक्चर के बाद जैसे पुलिस आती है वैसे देश की जनता ने निर्भया के प्राण टूटने तक उसका साथ दिया और उसको बहादुर बेटी बना दिया | अब ये आप पर है कि आप सोचे कि इस तरह बहादुर बेटी कहलाने के लिए आप कितनी तैयार है | और इस बढ़िया उपहार हम निर्भया को और क्या दे सकता है कि अगर वो निर्भया बनी तो हम निर्भय बन गए | जी जी बिलकुल सही आप समझ रहे है आखिर आप अगर निर्भय ना हुए होते तो दिल्ली में लगभग ७०० बलात्कार हुए थे २०१२ में और २०१३ में करीब १४०० हो चुके है तो इस बढ़िया और क्या श्रद्धांजलि हो सकती है आखिर हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा ( उसको मैली करके ही दम लिया ) बहती है और तो और ये देश है वीर जवानो का मतवालो  का और फिर मतवाले लोग से उम्मीद क्या करेंगे कि ७०० से कम बलात्कार होते ? हम सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं | देश के सम्मान का मामला है और हम कैसे पीछे रह जाते इस मामले में कि १४०० बलात्कार नहीं कर पाये ? अगर उस बहादुर बेटी को निर्भया कहा गया तो आप को कैसे सहन होता आप भी १४०० का बलात्कार करके निर्भय बन गए | आखिर अब लड़का लड़की में कोई भेद तो है नहीं और न ही कोई भेद किया जा सकता है | गर वो निर्भया बनी तो हम क्यों नही निर्भय ? (व्यंग्य समझ कर ही इसे पढ़िए )

Thursday, 12 December 2013

कितनी तरह की अम्मा ???????????

औरत कितनी तरह की, देश में बात जिरह की .....
मानवशास्त्र एक ऐसा विषय जो आपको आनुवंशिक भूत , वर्तमान और भविष्य बताता है और उसी ने बताया कि हम सब पूरी दुनिया में एक ही माँ की संतान है और ऐसा सम्भव हो सका डी एन  ए ( एक तरह का आनुवंशिक पदार्थ जो शरीर के निर्माण में जरुरी है ) की समानता के कारण तो अब तो मान लीजिये की हम सब एक ही माँ लूसी ( पहला पूरा मादा का कंकाल करीब २३ लाख साल पुराना ) की संतान है लेकिन नहीं भारत में अम्मा अलग अलग है ..........पप्पू की अम्मा अलग तरीके से बच्चे की जनती है , रघ्घू की अम्मा अलग , ताहिर की अलग और जेम्स की अलग | मुझे मालूम है कि अम्मा के लिए आप भला कहा कुछ सुन पाते है कहिये तो अभी आप मेरी जान ले ले आखिर मैं ना जाने क्या कह रहा हूँ या कहना चाहता हूँ और आप ठहरे मात्र भक्त वो बार अलग है कि आप इतने बीजी थे कि अम्मा का बटवारा हो गया और वो भी बेचारे मात्र भक्त क्या करें जिनकी अपनी बीवी के आगे नहीं चली तो अलग घर लेकर रहने लगे या फिर माँ ओ वृद्धा आश्रम  में डाल दिया लेकिन आप तो मुझसे यह जान कर ही छोड़िये कि मैंने ये कैसे कहा कि इस देश में माँ अलग अलग तरीके से बच्चे जनती है ? मेरी क्या औकात  इतने मात्र भक्तो के आगे ! मैं यह कह रहा था कि सरकार का मानना  है कि जो उसके लिए काम महिलाये करती है और सरकारी कर्मचारी का बिल्ला लगाये है उनको बच्चे को जन्म देने में सबसे ज्यादा कष्ट होता है आखिर लाल बत्ती लगा कर चलने वालो की तरह इन औरतो का भी तो कुछ जलवा होना चाहिए तो इनको पूरे वेतन के साथ १८० दिन का अवकाश मिलना चाहिए और मिलता है लेकिन अगर आप कारखाना या फैक्टरी में काम करने वाली माहि ला है तो होंगी महिला , इस देश में आप का स्तर थोडा नीचे है और आप को बच्चे को जन्म देने में उतना कष्ट नहीं होता है जितना सरकारी नौकरी करने वाली महिला को होता है तो आपको प्रसूति लाभ अवकाश मिलेगा ८४ दिन का सिर्फ | और भूल से अगर आप किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में काम कर रही है तो आप जनती है कि प्राइवेट काम में कितना कचूमर निकल लेते है और फिर तो आप हुई ना बहादुर महिला और इसी लिए आपको बच्चे के जन्म में कष्ट क्या होता है ! नहीं न पर माँ का मामला है तो लीजिये आपको छुट्टी दी ४५ दिन की| अब बात कर लीजिये प्राइवेट ऑफिस की तो कोई उन्होंने सेवा आश्रम तो खोल नहीं रखा है और ना ही खैरात चलते है वो बाज़ार में बैठे ही है कमाने के लिए कोई आप ने उनसे पूछा तो नहीं ना की माँ बनूँ या न बनूँ  तो भला उनको आपके माँ बनने से क्या फायेदा अलबत्ता नुकसान अलग से है तो लीजिये कोई अमानवीय ना कह दे तो १५ दिन की छुट्टी  ले लीजिये | अरे हां याद आया अगर आप भूल से मॉडल या अभिनेत्री बनना चाहती है तो कॉन्ट्रैक्ट में यह भी लिखा होगा की आप काम के दौरान माँ नहीं बन सकती क्योकि आपका फिगर और ऊपर से काम का नुकसान ? न बाबा ना पर इस देश में सभी औरत काम तो करती नहीं हमारे देश में मनरेगा के नाम पर १०० दिन की दिहाड़ी का पैसा देने के लिए पैसा है पर एक घर और गॉव में रहने वाली महिला के माँ बनने पर १०० सरकार उसको आराम देने से रही क्योड़े उसको १०० के बराबर दिहाड़ी किसने कहा था कि देश की जनसँख्या को बढ़ाओ | एक तो देश की अर्थ व्यवस्था का नुकसान ऊपर से बच्चा पैड अकरने के बदले में १०० दिन का पैसा ! लीजिये अखिल भारतीय अधिकार संगठन के पेट में ज्यादा दर्द हो रहा है तो कर दिया जननी सुरक्षा योजना पर इस १४०० या १५०० रुपये में होगा क्या ? क्या ५० रुपये रोज एक महीने के लिए काफी है ? माँ का दूध क्या ऑक्सीटोसिन  के इंजेक्शन से निकलेगा और फिर आप कहेंगे माँ अपने बच्चो को दूध नही पिलाती है | अब भी क्या कुछ बचा नंगे होने में देख लिया ना की इस देश में कितने तरीके की माँ होती है और बात करते है की हम सब एक ही माँ की संतान है झूठ झूठ झूठ , लूसी लूसी मेरी आदिम अम्मा कहा हो बताओ ना कि मानव शास्त्री झूठ बोलते है , इस देश में अम्मा की ना जाने कितनी प्रजातिया है ? आखिर हम ही तो अम्मा के विक्रेता , अमम ले लो अम्मा , १९४७ वाली अभी भी जिन्दा है एक अम्मा और ले लो ! शायद मैं ही झूठा हूँ आप सब सही है क्योकि इस देश में अम्मा की कलम बना बना कर पूरे दुनिया में अम्मा का बाग लगाने का ठेका जो आपने  ले रखा है | वैसे क्या आप अम्मा बनने पर सबको कष्ट अलग अलग होता है ? होता है , होता है , कोई इस देश के लोग पागल थोड़ी ना है जो अलग अलग छुट्टी देते है ?  तो मान लिया ना कि अम्मा की भी प्रजाति होती है , अम्मा बन लो अम्मा वैसे आप किस श्रेणी ?????????(व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
औरत कितनी तरह की, देश में बात जिरह की .....
मानवशास्त्र एक ऐसा विषय जो आपको आनुवंशिक भूत , वर्तमान और भविष्य बताता है और उसी ने बताया कि हम सब पूरी दुनिया में एक ही माँ की संतान है और ऐसा सम्भव हो सका डी एन  ए ( एक तरह का आनुवंशिक पदार्थ जो शरीर के निर्माण में जरुरी है ) की समानता के कारण तो अब तो मान लीजिये की हम सब एक ही माँ लूसी ( पहला पूरा मादा का कंकाल करीब २३ लाख साल पुराना ) की संतान है लेकिन नहीं भारत में अम्मा अलग अलग है ..........पप्पू की अम्मा अलग तरीके से बच्चे की जनती है , रघ्घू की अम्मा अलग , ताहिर की अलग और जेम्स की अलग | मुझे मालूम है कि अम्मा के लिए आप भला कहा कुछ सुन पाते है कहिये तो अभी आप मेरी जान ले ले आखिर मैं ना जाने क्या कह रहा हूँ या कहना चाहता हूँ और आप ठहरे मात्र भक्त वो बार अलग है कि आप इतने बीजी थे कि अम्मा का बटवारा हो गया और वो भी बेचारे मात्र भक्त क्या करें जिनकी अपनी बीवी के आगे नहीं चली तो अलग घर लेकर रहने लगे या फिर माँ ओ वृद्धा आश्रम  में डाल दिया लेकिन आप तो मुझसे यह जान कर ही छोड़िये कि मैंने ये कैसे कहा कि इस देश में माँ अलग अलग तरीके से बच्चे जनती है ? मेरी क्या औकात  इतने मात्र भक्तो के आगे ! मैं यह कह रहा था कि सरकार का मानना  है कि जो उसके लिए काम महिलाये करती है और सरकारी कर्मचारी का बिल्ला लगाये है उनको बच्चे को जन्म देने में सबसे ज्यादा कष्ट होता है आखिर लाल बत्ती लगा कर चलने वालो की तरह इन औरतो का भी तो कुछ जलवा होना चाहिए तो इनको पूरे वेतन के साथ १८० दिन का अवकाश मिलना चाहिए और मिलता है लेकिन अगर आप कारखाना या फैक्टरी में काम करने वाली माहि ला है तो होंगी महिला , इस देश में आप का स्तर थोडा नीचे है और आप को बच्चे को जन्म देने में उतना कष्ट नहीं होता है जितना सरकारी नौकरी करने वाली महिला को होता है तो आपको प्रसूति लाभ अवकाश मिलेगा ८४ दिन का सिर्फ | और भूल से अगर आप किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में काम कर रही है तो आप जनती है कि प्राइवेट काम में कितना कचूमर निकल लेते है और फिर तो आप हुई ना बहादुर महिला और इसी लिए आपको बच्चे के जन्म में कष्ट क्या होता है ! नहीं न पर माँ का मामला है तो लीजिये आपको छुट्टी दी ४५ दिन की| अब बात कर लीजिये प्राइवेट ऑफिस की तो कोई उन्होंने सेवा आश्रम तो खोल नहीं रखा है और ना ही खैरात चलते है वो बाज़ार में बैठे ही है कमाने के लिए कोई आप ने उनसे पूछा तो नहीं ना की माँ बनूँ या न बनूँ  तो भला उनको आपके माँ बनने से क्या फायेदा अलबत्ता नुकसान अलग से है तो लीजिये कोई अमानवीय ना कह दे तो १५ दिन की छुट्टी  ले लीजिये | अरे हां याद आया अगर आप भूल से मॉडल या अभिनेत्री बनना चाहती है तो कॉन्ट्रैक्ट में यह भी लिखा होगा की आप काम के दौरान माँ नहीं बन सकती क्योकि आपका फिगर और ऊपर से काम का नुकसान ? न बाबा ना पर इस देश में सभी औरत काम तो करती नहीं हमारे देश में मनरेगा के नाम पर १०० दिन की दिहाड़ी का पैसा देने के लिए पैसा है पर एक घर और गॉव में रहने वाली महिला के माँ बनने पर १०० सरकार उसको आराम देने से रही क्योड़े उसको १०० के बराबर दिहाड़ी किसने कहा था कि देश की जनसँख्या को बढ़ाओ | एक तो देश की अर्थ व्यवस्था का नुकसान ऊपर से बच्चा पैड अकरने के बदले में १०० दिन का पैसा ! लीजिये अखिल भारतीय अधिकार संगठन के पेट में ज्यादा दर्द हो रहा है तो कर दिया जननी सुरक्षा योजना पर इस १४०० या १५०० रुपये में होगा क्या ? क्या ५० रुपये रोज एक महीने के लिए काफी है ? माँ का दूध क्या ऑक्सीटोसिन  के इंजेक्शन से निकलेगा और फिर आप कहेंगे माँ अपने बच्चो को दूध नही पिलाती है | अब भी क्या कुछ बचा नंगे होने में देख लिया ना की इस देश में कितने तरीके की माँ होती है और बात करते है की हम सब एक ही माँ की संतान है झूठ झूठ झूठ , लूसी लूसी मेरी आदिम अम्मा कहा हो बताओ ना कि मानव शास्त्री झूठ बोलते है , इस देश में अम्मा की ना जाने कितनी प्रजातिया है ? आखिर हम ही तो अम्मा के विक्रेता , अमम ले लो अम्मा , १९४७ वाली अभी भी जिन्दा है एक अम्मा और ले लो ! शायद मैं ही झूठा हूँ आप सब सही है क्योकि इस देश में अम्मा की कलम बना बना कर पूरे दुनिया में अम्मा का बाग लगाने का ठेका जो आपने  ले रखा है | वैसे क्या आप अम्मा बनने पर सबको कष्ट अलग अलग होता है ? होता है , होता है , कोई इस देश के लोग पागल थोड़ी ना है जो अलग अलग छुट्टी देते है ?  तो मान लिया ना कि अम्मा की भी प्रजाति होती है , अम्मा बन लो अम्मा वैसे आप किस श्रेणी ?????????(व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Wednesday, 11 December 2013

गे से ये तक

गे से ये तक
कहने की जरूरत नहीं कि भारतीय समाज में पत्नी अपने पति का नाम ( मैं खच्चर समाज की बात नहीं कर रहा खच्चर यानि घोडा गधा का संयुक्त उत्पाद )नहीं लेती है और नाम न जेन कब ये सुना ..ये चलो में बदल जाता है पर ये कब गे में बदल गया पता ही नहीं चला ? लगता लोगो का मन उब गया था इसी लिए ये कि जगह गे ले आये वो तो भला तो उच्च न्यायालय का कि उसने ये का मतलब बरक़रार रखा और गे तो मजबूर कर दिया कि वह ये को अपनाये खैर आप सोच रहे होंगे कि भला गे में क्या मजा मिलता है ? मालूम तो मुझको भी नहीं पर सुना है खरबूजा खरबूजे को देख कर रंग बदलता है तो जब एक ने कहा तो सब कहने लगे और ऊपर से मैं पढता हूँ मानवशास्त्र , मैं तो यही सोच सोच कर मरा जा रहा हूँ कि अगर गे को ये से इतनी एलर्जी है तो गे में मम्मी कौन बनेगा और पापा कौन ? ऊपर से सोने पे सुहागा बच्चे के लिए माँ का दूध अमृत होता है पर पिलायेगा कौन ? भैया गुस्सा होने कि कोई बात नहीं है आखिर आप भगवन बनने चले है वो तो मैं अब समझ पाया कि बहुत दिनों से भगवान ने पृथिवी पर अवतार क्यों नहींलिया ? सारा ठेका तो आपने ही ले लिया है , हा तो जरा मुझे भी बताइयेगा कि माँ बनना सबसे उत्तम काम मन गया है तो माँ बनेगा कौन और बच्चा जानेगा कौन ? ये तो शत शत नमन उच्चतम न्यायलय को को वो समझ गए कि सांप छछूंदर के खेल में लोग पति पत्नी का का मतलब ही भूल जायेंगे और फिर ! ये सुनो , ये चलो , ये इधर ये उधर जाओ !! क्या इसका मजा गे ले पाएंगे ? अरे अरे आप कहा चले ये ये ये सुनिये ( व्यंग्य समझ कर ही पढ़िए )

Monday, 9 December 2013

महिला वामांगी क्यों है ??

औरत वामांगी क्यों ?
अक्सर आधी दुनिया अपने अधिकारो के लिए चिल्लाती हुई दिखायी देती है | वह बड़ी खुश होती है कि पुरुष से वह धर्म , अर्थ काम ( सेक्स ) में आगे है पर मोक्ष उसको पुरुष दिलाता है | अरे भाई यह मैं नहीं कह रहा हूँ विवाह के मान्य तथ्य बता रहा हूँ | ऊपर से तुर्रा यह कि पत्नी वामांगी होती है | वैसे भी बाया हाथ किस काम आता है बताने की जरूरत नहीं यानि पत्नी सिर्फ सफाई की प्रतीक बन कर ही रहती है पति के जीवन में | अब आप कहेंगे बायीं तरफ तो दिल भी होता है | हा भाई हा होता है पर दिल बायीं तरफ नहीं नहीं बायीं तरफ थोडा ज्यादा होता है यानि पत्नी सिर्फ रक्त संचरण की तरह दिन रात पति के जीवन को गतिशील बनाये रहे|  लीजिये आप तो बाल की खाल निकलने लगे मन ही कापी में हाशिया भी बाये तरफ होता है पर वह सिर्फ किसी रफ कार्य या प्रश्न उत्तर को बताने लिए उपयुक्त होता है कौन देखता है की हाशिये पर क्या लिखा है सभी को पन्ना पढ़ने की आदत है | तो क्या यह भी बताना पड़ेगा की औरत हमेशा से ही समाज में हाशिये पर रही है |हा तो मैं कह रहा था कि पत्नी रूप में वामांगी कहलाने का मतलब क्या है | अगर स्त्री पुरुष दोनों पूर्ण होते तो एक एक होते अब चाहे किसी भी तरफ एक लिखिए दिखायी एक ही देगा पर औरत को कब आपने अपने समकक्ष माना है ? उसे तो आप जीरो समझते है और खुद को एक | अब यदि यही जीरो एक के देने तरफ लगता है तो एक का मान बढ़ जाता है और वह एक से दस , सौ , एक हज़ार बन जाता है पर यही जीरो जब एक के बायीं तरफ लिखा जाता है तो एक का मान  स्थिर रहता है  यानि पुरुष को पसंद ही नहीं कि उसका मान औरत के कारण बढे \ अब तो समझ में आ गया ना कि औरत यानि पत्नी को वामांगी क्यों कहा जाता है और औरत के मूल्य को जीरो क्यों समझा जाता है अब आप कहेंगे कि औरत के कारण ही तो पुरुष का मान बढ़ता है पर पुरुष ने उन महिला को अपने दाये तरफ रखा है जैसे माँ | वह माँ को उच्च दर्ज दे सकता है पर मानता उसको भी जीरो ही है | मेरी बात पर विश्वास न हो तो बताइये कैसे कहते है औरत के अक्ल घुटनो में होती है | और खुद में झांक कर देखिये माँ के पैर तो छू लेंगे पर माँ की बात कैसे मान ले आखिर वह जीरो की स्थिति में है | माँ की बात करके पुरुष महँ बन जाता है जैसे भारत माँ की बात करके हम देश भक्त , सपूत बन जाते है पर माँ के आँचल , तक को हम बचने के इक्छुक नहीं है | खैर अब आप समझ गए होंगे की पत्नी को वामांगी क्यों मानते है | आप अपने बाये चाहे जितने जीरो ( महिला) लगा ले पर आप अपना वर्चस्व उसके ऊपर बनाये रखते है | तो अब तो नहीं कहेंगे ना की औरत को वामांगी क्यों कहते है ये पता नहीं ? काश औरत जान पति पुरुषो का यह अंको का खेल ! कितने अंकगणितए तरीके से उसने औरत ( पत्नी , प्रेमिका ) को अपने बाये जगह देकर उसकी सामाजिक स्थिति को जीरो जैसा बना दिया | खुद पुरुष बन कर समाज में पहचान बनाता रहा और औरत चार दीवारी में खो गयी | इस तरह आप लोग मुझे ना देखिये मैंने तो वही कहा जो सच ( झूठ ) है आगे आपकी मर्जी वैसे भी आप ने सच बोलने वाले को जीने ही कहा दिया है चाहे हरीश चन्द्र हो या युधिष्ठिर | क्या आपको भी वामांगी की तलाश है यानि जीरो बैलेंस पर जीवन को आपके सवारने वाली ......( इसे व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Friday, 6 December 2013

इसमें बहुमत क्यों नहीं ?

गुणो में बहुमत क्यों नहीं ??

अनुवांशिकी का सिद्धांत यह कहता है कि मनुष्य को बनाने के लिए आवश्यक  ४६ गुणसूत्रों में २३ गुणसूत्र स्त्री से और २३ पुरुष से मिलते है | यानि पृथ्वी पर पाया जाने वाला हर नर और नारी में ५० - ५० % गुण दोनों के होते है | मतलब साफ़ है जैसे किसी चुनाव में वही विजयी होता है जिसको ५१% वोट मिले या संसद में वही पार्टी का प्रधानमंत्री  होता है जो ५१% बहुमत साबित करे यानि अब आपको बताने कि जरुरत नहीं कि आप के अंदर जो भी गुण ५०% से ज्यादा यानि ५१% प्रतिशत हो जाते है आप उनका ही प्रदर्शन करते है अब अगर पुरुष में स्त्री के गुण ज्यादा होकर ५१% प्रतिशत हो गए तो वह स्त्री की तरफ ही भागेगा और आप कहेंगे कि महिला सुरक्षित नहीं | अब चिल्लाइए नहीं मैं कोई नयी बात नहीं कह रहा रही बात महिला की तो अगर उसमे पुरुष के गुण ५१% प्रतिशत हो गए तो वह पुरुष के साथ ही दिखायी ज्यादा देगी और आप उसको व्यभिचारणी , कुलटा और चरित्र .... और ना जाने क्या क्या ? क्या फायेदा हुआ देश में पढाई का जब आप वैज्ञानिक बातें नहीं समझ रहे बेचारे हंगूली जी का क्या दोष , गरुण खेज गाल का क्या दोष ? तो आज से किसी पर भी कीचड़ उछालना बंद क्योकि बेचारे जिनके अंदर ५०-५०% वाले सामान गुण है वो क्या क्या खाक  दूसरो के साथ ? जी जी मेरे कहने का मतलब आप बिलकुल सही समझ रहे है जिनमे बराबर बराबर गुण है उनको तो इस दुनिया ने सिर्फ ताली पीटने से ज्यादा  समझा ही नहीं , कम से कम जिनमे सामान गुण नहीं है उनके कारण आपको तेल मिर्च लगा कर कुछ कहने सुनने का मौका तो मिल जाता है और तली तो आप पीट ही लेते है ? तो क्या अब भी आपको समझाना पड़ेगा कि देश में न्याय और पुलिस का सहारा लेकर जो दंगा काटा जा रहा है वो तो एक असाधारण लक्षण है और जो साधारण नहीं है वही तो समाज में कुछ करता है | तो देर किस बात की ऐसे सभी लोगो को ढूंढ कर सम्मानित कीजिये ( नहीं नहीं चप्पल जूता मैं नहीं कह सकता ) पर आप क्या बताएँगे कि जब ५१% प्रतिशत मत या बहुमत पाकर कोई नेता प्रधानमंत्री बन जाता है तो ५१% गुणो  को लेकर लड़का लड़की का और लड़की लड़के के जीवन में बहुमत क्यों नहीं प्राप्त कर पाता?इसको सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Thursday, 5 December 2013

कीचड़ होगा तो कमल दिखेगा ही ?

देश में कीचड़ ! या कीचड़ में कमल
अब आपको विश्वास नहीं हो रहा है तो क्या किया जा सकता है पर यह तो मानते हैं ना कि कीचड़ में ही कमल होता है और देखिये न पूरे देश में कैसे कमल खिल रहा है ...तो क्या देश में अब तक जो हुआ वह सब कीचड़ सा है ? पता नहीं पर जब खिल कमल ही रहा है तो विधि और न्याय तो यही कहता है कि गवाहों की सुनो और गवाही इसी बात की है कि देश में कमल कीचड़ के कारण ही हर तरफ दिखाइए दे रहा है | वैसे कमल पर ही सृष्टि के पालन कर्ता विष्णु ने अपनी नाभि पर सृष्टि कर्ता ब्रह्मा को उतपन्न किया था और अब तो आपको मानना ही पड़ेगा कि कमल में ही वो ताकत है जो सृष्टि कर्ता को भी धारण कर सके | ऐसे में अब आप क्या नहीं मानते कि दुनिया को चलाने का काम कमल ही कर पायेगा ! अरे मैं तो आपसे यह बताना भूल ही गया कि कमल का फूल शंकर जी को भी प्रिय है शिव रात्रि पर खूब कमल चढ़ाये जाते है उन पर तो क्या समझे आप ? कमल शंकर यानि संहार कर्ता को भी पसंद है | तो क्या कमल का दिखाइये देना शंकर के प्रसन्न होने का सूचक है ? क्या कीचड़ से लिप्त समाज को साफ़ करने के लिए तांडव होने जा रहा है लेकिन तांडव तो करेंगे आप ही ना ! भोले भंडारी भक्तो के लिए क्या नहीं करते ? तो कर डालिये तांडव और सजा दीजिये कमल से कमला सन | अब ये ना पूछियेगा कि कमलासन कहा पर है दिल्ली का नाम मैं नहीं बता पाउँगा ( व्यंग्य ही समझ कर पढ़िए )

Wednesday, 4 December 2013

क्यों पढ़े ????????///नेता ना बने !!!!!!!!!!!!!!!!

बेरोजगारी का इलाज़ नेतागिरी !!!!!!!
आप मानिये चाहे न मानिये जितना समय आप रोजगार समाचार या फुटपाथ पर बिक रहे रोजगार के फॉर्म को भरने में लगते है .............और जितने साल तैयारी में लगते है उतने समय में तो कोई रग्घू .........देश का नेता बन जाता है ................जितनी तनख्वाह आप नौकरी में कमाते है उतनी तो वो किसी नेता के साथ जुड़ कर रोज अपनी जेब में भर लेता है ..........जब आप एक ट्रैफिक पुलिस वाले के सामने मिमयाते रहते है तो उतनी समय में वह ट्रैफिक पुलिस वाले से अपने लिए सलाम ठोकवाता है .....नौकरी पाये भी तो २० -या ३० साल के लिए उसके बाद मिल गए मिटटी में ..............और रग्घू अमर हो जाता है बिना पढ़े लिखे ..उसकी मूर्ति लगती है ...........किताबो में नाम छाप जाता है ..........तो नाम और जीवन किसका सार्थक !!!!!!!!!!!!!!!!!!! अब समझ गए ना कि नेता इस देश में हर कोई क्यों बन रहा है ..................तो आप भी जुट जाइये ..वो देखिये एक नेता जी कार से उतर रहे है आप अपना हाथ जमीन पर रख दीजिये ...........फिर देखिये आपके सितारे कितनी बुलंदियों तक जाते है ......आपको अपने बाबा दादा का नाम नहीं पता पर नेता जी के खानदान का पूरा पता होगा !!!!!!!!!!!!!!!!!! तो हैं न नुस्खा बढ़िया ..................पढ़ाई से बेहतर  है सब लोग बस नेता नेता खेलिए ................क्या मेरे इस सुझाव से आपको उलटी आ रही है ??????????? माफ़ कीजियेगा मैं तो भूल ही गया था अंग्रेजो की गुलामी के बाद आपको अपने रास्ते बनाने की आदत ही नहीं रही ........आप तो सिर्फ किसी तरह जीवन काटने आये है !!!!!!!!!!!!!!! आये हैं ना !!!!!!!!!!!!!!!

Tuesday, 3 December 2013

फूल !!!!!!!!!!!!!!!!!!! सुलभ शौचालय वाले

फूल ????????????? ले लो फूल फूल शौचालय का !!!!!!!!!!!!!!!!!!
हा हा फुल लीजिये मुहं .क्योकि फूल वोभी शौचालय का !!!!!!!!!!!!!!!! फूल कोई गंदगी वाली चीज़  थोड़ी ना है !!!!!!!!!!! फूल तो सेज़ पर सजने के लिए होते है ...............पर लायेंगे तो सुलभ शौचालय से ही ना !!!!!!!!!!!!!!!!! चलिए सेज़ के लिए ना सही किसी की अंतिम यात्रा पर ही सही .................तो लाना तो पड़ेगा सुलभ शौचालय से ही ना ????????? मुझे ऐसे घूर कर क्यों देख रहे है ???/अच्छा मैं आपको पागल लग रहा होउंगा !!!!!!!!!!!!! हा हा मैं क्या कोई भी पागल जैसा ही लगेगा .क्या आप अपने प्रेम के प्रदर्शन के लिए एक बढ़िया गुलाब डंडी वाला चाहते है !!!!!!!!!!!!!!!!! तो समस्या क्या है ले लीजिये .......सुलभ शौचालय से .................अरे भाई साहब ये आप की डलिया से फूल गिर गया है शायद आप पूजा के लिए जा रहे है ???????????????? एक बड़े ही पढ़े लिखे से दिखायी देने वाले साहब बोले जा तो पूजा के लिए ही रहा हूँ और फूल मैंने भी गिरते देखा ..पर आप पूरे पागल लगते है कही गिरे फूल से पूजा होती है !!!!!!!!!!!!!!!!!! जी जी माफ़ कीजियेगा ..पर आप दूसरा फूल सुबलभ शौचालय से ले लीजिये ...क्याआआआआआआआआ  आप सर फिरे है क्या ..........आप को मालूम है आप क्या कह रहे है ..........आपको पता है शुलभ शौचालय का क्या मतलब है ???????????? जी जी मैं तो जानता हूँ ................मैं जानता हूँ वह भी आपके लिए ?????????? वैसे आप तो छुआ छूत, भेद भाव इन सब से दूर है कि फूल कहा बिक रहा हैं इससे आपको क्या मतलब ......दे तो दुनिया वाले बेवजह आपको बदनाम कर रहे है कि आप ऊच नीच मानते है ..................अब उनको भला कौन बताये कि जो व्यक्ति शुलभ शौचालय कि दीवार से सटे फूलो को पवित्र मान कर हर कार्य कर लेता हो वो भला क्या कोई दुराव की भावना रखेगा .......और आप कोई अंधे तो है नहीं जो आपको दिखायी नहीं देता .बहुत नाथ लखनऊ में कितनी लाइट जलती है हर समय ...............और ठीक शुलभ शौचालय के सामने दीवार से लगे फूल बिकते है ...........और मैं दिमाग से संकीर्ण हूँ आप जानते है कि सब कुछ गॉड का बनाया है तो परहेज़ कैसा ?????????????? इसी लिए तो कैसर बाग़ में भी फूल शुलभ शौचालय के सामने बिकते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह हो आप तो इसलिए वहा से ही फूल खरीदते है क्योकि फूल खुशबु जो बिखेरते है और बदबू से आपको नफरत है !!!!!!!!!!!!!!!!!! अरे बहनजी देखिएगा कही ये फूल शुलभ शौचालय वाला तो नहीं ..................आखिर प्रेम का मामला है और प्रेम की शुरुवात शुलभ .......................................कृपया व्यंग्य समझ कर पढ़े )

Monday, 2 December 2013

नाबालिग ?????????????????????????????????

नाबालिग कौन ??????????????????
ये भी कोई प्रश्न है पूछने का !!!!!!!!!!!!! इस देश क्या दुनिया  में कोई नाबालिग बचा भी है !!!!!!!!!!!!!!! चाइल्ड इस द फादर ऑफ़ मैन .....................जब बच्चा आदमी का भी बाप है तो क्या बचा उसे जानने से जो आप अब चिल्ला रहे है कि नाबालिग कौन ...............नाबालिग होंगे आप ........बच्चा तो आप का बाप ही बन कर रहेगा !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! पर आप कैसे मान लेंगे क्योकि कहते कुछ है और करते कुछ है आप तो कहानी सुनाएंगे अभिमन्यु की और जब टी . वी के तमाम चैनल का स्वाद लेने के बाद एक रोमांटिक बच्चा .....क्षमा क्षमा अभिमन्यु आपके घर पैदा होता है और संस्कृति के सारे दरवाजे तोड़ डालता है तो आप उसमे नाबालिग तलाशते है ...................वैसे आप ही तो बताते है कि बच्चे तो भगवान की मूरत होते है ............अब जब खुद भगवान के सामने सर फोड़ते है , रोते है भीख मांगते है तब तो मान लेते है कि भगवान अंतर्यामी है सर्वज्ञानी है ...............पर बच्चा कैसे सब जान गया !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! अरे भैया जब वो भगवान क़ी मूरत है तो सब तो जानेगा ही ................तो इतना  हाय तौबा क्यों ...............और ऐसे में उसको नाबालिग कहना आपकी ही बातों को झूठा करती है ...और आप ये कैसे मान ले ......................चलाइये आप तो परशुराम के देश के है कैसे मान लेंगे मेरी बात ..........एक बात बताइये ........आप अंग्रेजी में उम्र के बार में क्या पूछते है ????????????? हाउ ओल्ड ऑर यू ??????????? और जवाब आता है आई एम नाइन इयर ओल्ड ............जब आप खुद उसको ओल्ड मानते है तोफिर ओल्ड के ओल्ड वाली ही बात होंगी ना .................पर आप ने तो बुढ़ापे तक कहने क़ी हिम्मत नहीं क़ी ..............आई लव यू !!!!!!!!!!!!!!!!! तो भला छटक भर का बच्चा ???????????? ओल्ड ???????????? भगवान कैसे कह सकता है आखिर संस्कृति का मामला है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ये बात गलत नहीं हो जायेगी ......जस जाइके महतारी बाप तस ताइके लड़का ....................वैसे जब आप ऐसे थे नहीं तो आप के बच्चे ऐसे कैसे ?????????? क्या यह मुहावरा झूठा है या फिर अभिमन्यु क़ी कहानी सच है .....या कबीर क़ी यह बात ..................तू कहता कागद क़ी लेखी मैन कहता आखन क़ी देखि ................क्या आप बालिग ???? बच्चा नाबालिग उम्र में वो देख रहा है जो उसे पूरे जीवन अपने अंदर माँ पिता बनने के गुणो से भर कर उन्मादित रखती है ...................वैसे आज नाबालिग है ही कौन ...................टी. वी के एक ऐड में एक बच्ची कहती अपने माँ बाप से कि वो इस साल उनके साथ वह नहीं जायेगी जहाँ उनके माँ पिता ने अपना हनी मून मनाया था ...............क्या आप भी जानते थे बच्ची की उम्र में हनी मून ...............या मधुमक्खी के छत्ते  को ही निहारते रह गए .....कि कब शहद निकलेगा ???????????????? तो मान लीजिये ना कि नाबालिग अब कोई नहीं .और यह तो  हमारे देश के भविष्य है ..........क्या आपने सुना नहीं कि देश के नेता कहते है कि सबसे ज्यादा बालिग ( नौजवान ) हमारे देश में है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! समझ गए ना कि वो बालिग कौन है ?????????????????? (व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Friday, 22 November 2013

बुरा जो देखन मैं चला

बुरा जो देखन मैं चला ..................
पता नहीं क्यों मुझे बुरा देखने का शौक चढ़ गया .......पर बुरा है कहा वो तो कीचड़ न हो तो कमल कैसे खिले .और तो और भगवान के बारे में तभी सब अच्छा लगता है जब राक्षस के बारे में भी बात हो .............और बुरा देखने की जरूरत क्या है ..........कल ही तो नेता जी का भाषण आया था उनकी तस्वीर भी देखी थी .....जी जी आप इतना नाराज न होइए मैं तो बुराई की बात कर रहा हूँ .............कुत्ता कहने पर मुँह बन जाता है पर कुत्ता ही तो स्वामिभक्त होता है ..........अब बताइये कैसे आपको बुराई दिखायी देगी .........अब अगर आम्रपाली जैसी नगर वधु ( वेश्या वृति  को हमेशा एक बुराई समझा गया है ) ना होती तो भला बुद्ध को ज्ञान कहा प्राप्त होता .............तो आप भी थोडा गंदगी फैलाइये ताकि कोई बुद्ध फिर पैदा हो सके .............क्या आप अपने को बुरा नहीं मानते ?????????????????? कोई बात नहीं आखिर चिराग तले अँधेरा ही होता है ..............वैसे आप तो किसी का भी कुछ कर सकते है .तो क्या यह बुराई नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह हो आप रावण के कदम पर चल रहे है इतने पाप कर डालना चाहते है कि राम को आना पड़े .सही भी है आप के कर्म के आगे दुनिया वाले तो बेचारे बेबस है वो क्या आपको सजा दे पाएंगे ???? वैसे क्या झूठ बोलना कभी आपको एक बुराई लगी ??????????? बिलकुल नहीं आपके कारण तो हरिश्चंद्र , युधिष्ठिर का नाम जिन्दा है वर्ण कौन जान पाता...........आप बिलकुल सही जा रहे है आप के रोम रोम में झूठ फरेब भरा है .पर लोग क्या समझे आप इतना त्याग किसको उठाने के लिए कर रहे है ??? क्या आपको अपनी काली करतूत कभी एक बुराई जैसी लगी ??????????? लो जी लो यह भी कोई बुराई है !!!!!!!!!!!!!!! इसी कारण तो ना जेन कितने पाठशाला स्कूल में पूरा पुर्र एक घंटा ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाता है ...और आपके इस घिनौने प्रयास से ही तो एक नैतिक शिक्षा का टीचर रखा जाता है .......अब बताइये आप ना होते तो बेचारा नौकरी कैसे पाता ....................आप तो कल्याणकारी भावना से सबके हित के लिए कार्य करते आये है ...................वैसे क्या बुरे कामो से नरक आपको मिलेगा इसका कभी डर लगा ??????????????? बुरे काम और वो भी आप ...............मरा मरा कहकर ही राम को पाया जाता है ..............ऋषि मुनियो के खून से ही सीता का जन्म होता है .और उसी से फिर रावण को स्वर्ग मिलता है ................तो बुरे काम से मुझे ही नरक क्यों ?????????????? आप पागल हो गए है जितने में अत्याचारी हुए है उनके लिए भगवान  आते है ..भला कितने शरीफो के लिए भगवान आये .................तो आप समझ गए होंगे कि नरक नहीं स्वर्ग का रास्ता बिलकुल साफ़ है ........मेरी बात सुन कर आप कहा चल दिए ?????? क्या क्या कुछ बुरा करने ????????????? हा हां क्यों नहीं भला भगवान कौन नहीं पाना चाहता ?????????????पर आप इसे व्यंग्य समझियेगा कही इसमें भी तो बुराई नहीं दिखायी दे गयी !!!!!!!!!!!!!!!! अब यह आप कह सकते है मैं किसी के लिए कैसे कह सकता हूँ .....................कंस आप है भगवान आपके लिए है मैं तो विभीषण हूँ जो भगवान का नाम लेने पर बस लात खा सकता हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Thursday, 21 November 2013

संगत से फल उपजे ....................

संगत से फल उपजे ............
कहते है कि खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदल देता है .ओह हो आपको यह उदहारण तो समझ  में ही नहीं आएगा ...चलिए चोर चोर मौसेरे भाई तो समझते है ना ..........अब आप यूँ समझ लीजिये कि जब रात दिन आप चोर उचक्को के साथ ही रहेंगे तो आपसे कैसे उम्मीद करूँ ????????????? और जिसे देखो वो पुलिस को कोसता रहता है ..........नीम पर जो भी लता चढ़ जाती है उसके  फल कड़वे हो जाते है अब आप यह क्यों सोचते है कि जब आप एक चोर आदमी के साथ रात दिन रहेंगे तो संगत का फल तो पड़ेगा ही और आप चोर मचाये शोर कि देखो आया माखन चोर गाना गाने लगेंगे ............और चोर कब अपने को चोर कहता है वो तो हमेशा शाह बन कर रहता है ऊपर से उसका असर .फिर क्या कहने बल्ले बल्ले सब चोर अब कौन बंधे बिल्ली के गले में घंटी क्योकि अब तो काजल की कोठरी में सभी के हाथ काले है .यानि स्टाक होम सिंड्रोम के शिकार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! नहीं समझे ना चलिए आपको बताये देता हूँ कि स्टाक होम में एक बैंक में जो लोग चोरी करने गए थे उन्होंने वह कुछ लोगो को बंधक बना लिया .....कुछ दिनों तक बंधक और चोर साथ साथ रहे तो बंधको को चोरो से सहानभूति होने लगी और सारे बंधक उन चोरो के समर्थक  बन गए ..............अब ऐसा तो है नहीं कि यह सिंड्रोम यहाँ न फैले जब अफ्रीका का एड्स भारत के आ सकता है तो स्वीडन का सिंड्रोम क्यों नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! देखिये कही आप भी किसी चोर उचक्के , लुटेरे या झूठे आदमी के साथ बराबर तो नहीं रह रहे है ????????????????????? यानि गयी भैस पानी में और आप हो गए सिंड्रोम के सिकार जिस कहते संगत से फल उपजे संगत से फल जाये >.......................अब आप अपनी दाढ़ी में तिनका ढूंढने लगते है तो मैं क्या करूँ .आरे भैया व्यंग्य क व्यंग्य समझो अपनी सच्चाई उसमे क्यों ढूंढने लगते हो .................पर आप क्या दोष पाप सर चढ़ कर जो बोलता है ..चलिए आप भी पाप का इंजेक्शन लगवा लीजिये नहीं तो कही सच आपके अंदर रह गया ..........तो कोई आपके पास भी नहीं खड़ा होगा और आपको कुत्ते की मौत वाला मुहावरा याद आएगा ...तो देर किस बात की खर पतवार की तरह हर नुक्कड़ पर झूठ का पौधा मिल जायेगा ...........उसे लगा लीजिये फिर देखिये आपको कितना सम्मान मिलता है आखिर दिल्ली तक ????????????????? तो आपके हाथ तो दिल्ली का तख्ते ताऊस तो आना ही है ............ये तो शुक्र है कि अभी संगत से कुत्ते पैदा नहीं होते हा लम्बे समय तक रह कर कुत्ते जैसे !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! कृपया इसे व्यंग्य समझ कर मुझ पर रहम खाइये और मेरी लेखनी को चलने दीजिये

Monday, 18 November 2013

क्योकि मैं आदमी हूँ ?????????????????

पेट के आगे बौना है हर रिश्ता .............

सेमिनार में लगातार मेहनत के कारण मेरे स्वास्थ्य पर फिर बुरा असर पड़ा है और मजेदार बात यह है कि लोग कहते तो है कि यार बता दिया होता पर जब आप उनको बताते है कि मैं ज्यादा काम से परेशान हो सकता हूँ तो हसने लगते है कहते वो तो है ................खैर मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि आज भी दर्द के कारण मैं पैदल ही घूम रहा था कि निशातगंज कि गली नंबर ५ के पास एक आदमी को देखता हूँ जो जमीन से उठा उठा कर कुछ खा रहा था .मैं उसको ध्यान से देखने लगा तो मेरे आँखे आश्चर्य से फ़ैल गयी ....ये तो मुंडेर नाना ( मेरे जानने वाले जिनको मैं बचपन से नाना कहता था ) का लड़का है ..................२ -२ फीट लम्बे बाल .............करीब १ फीट लम्बी दाढ़ी .....कम से कम २-२ किलो मैल से लिपटे कपडे पहने वो कुछ खाने में व्यस्त था .उम्र करीब ५० साल .मुझे यह तो मालूम है कि उनका एक लड़का कुछ दिमागी समस्या से ग्रस्त  था पर नाना और नानी के मरने के बाद मैं वह गया नहीं .............४ लड़के ...एक बड़ा लड़का अधिशासी अभियंता , एक लड़का डॉक्टर , एक लड़का योजना भवन में अधिकारी ...............और एक यह .....................शायद इससे ज्यादा खुले रूप से आप को और क्या बता सकता हूँ कि अगर आपको लगता है कि एक उम्र के बाद भाई बहन आपके जीवन के लिए एक पल भी सोचेंगे तो आप गलतफहमी में है और आपका आने वाला समय ????????????????? टुन्नी ( नाम ) अभी भी जमीन में मुर्गी की तरह अपने जीवन की साँसे ढूंढ रहा था ...........शायद रिश्ता .................रिसता है जो इस दर्शन को समझ लेता है वो तो आदमी बन कर रह पता है और जो नहीं समझ पता वो आदमी बन कर पशु की तरह कूड़े में जीवन तलाशता है ................मुझे मालूम है कि आप मेरी बात कहा मानने वाले .......................बस एक बार किसी को यह एहसास करा दीजिये की आपके पास पैसा नहीं है फिर देखिये वो कितने दिन आपको अपने पास रखता है .........माँ भी अपना ढूध बस कुछ समय के लिए ही बच्चे को देती है फिर उसको दूसरे उपाए ढूंढने पड़ते है ...............ये लीजिये किसी ने अपनी दूकान से कुछ फेका और टुन्नी दौड़ पड़ा शायद भाई से ज्यादा दूकानदार कूड़ा फेक कर उसके जीवन का मतलब समझ रहे थे .......................रिश्ते पर नहीं अपने आप पर भरोसा करिये कोई रिश्ता आपके साथ अंतहीन नहीं हो सकता ...........

Sunday, 17 November 2013

अपराध की ट्रैनिंग यहाँ मिलती है ??????????????////

अंधेर नगरी चौपट राजा ........
आज मैं स्वास्थ्य समस्या के कारण ऑटो से घूम रहा था ....मेरा ड्राईवर था श्री प्रेम चन्द्र चौरसिया ...............मैंने कहा कि सरकार तो परमिट सिर्फ तीन लोगो का देती है फिर तुम लोग ५ क्यों बैठाते हो ..........वो बोला जब सवारी ही मरना चाहती है तो हमें क्या ????????????? क्या आपको पता है कि ऑटो में सिर्फ तीन लोग बैठ सकते है और अगर कोई दुर्घटना हो जाये तो सिर्फ तीन को ही हर्जाना मिलेगा ...................वैसे नियम यह है कि अगर ऑटो वाला तीन से ज्यादा बैठायेगा तो ३००० रूपया पर सवारी जुरमाना लगेगा .मैंने कहा कि पूरे दिन ऑटो वाले फिर  ५ को बैठाते कैसे है , .......उसने कहा कि टेम्पो वालो को हर चौराहे के हिसाब से १०० रूपया महीना देना रहता  है  फिर चाहे जो करिये .सवारी मरे तो मरे .....................ऑटो वाले ज्यादातर १०० से ५०० रुपये देकर गलत सवारी बैठाते है |.............आपको पता है कि रेलवे स्टेशन पर मिलने वाले ऑटो को रोज ३० रुपये रेलवे को और २० रुपये लखनऊ विकास प्राधिकरण को देने पड़ते है यानि रोज ५० रुपये उसके बाद दिन भर में चाहे जितनी बार सवारी रेलवे स्टेशन से उठाइये ..........वैसे तो नियम है कि हर बार सवारी ले जाने पर १० रुपये की पर्ची पुलिस वाले काटते है पर ऑटो वाले रसीद न कटा कर ५ रुपये दे देते है .......ऑटो वाले को सवारी मिल गयी और पुलिस को हर ऑटो से ५ रुपये जिसका कोई लेखा जोखा नहीं रहता है .................क्या आपको अब अपराध का दर्शन समझ में आया कि नहीं ..........चलते चलते प्रेम चन्द्र ने कहा कि साहब परमिट तीन का देते है .और परिवार नियोजन में नारा देते है .............हम दो हमारे दो .............तो हुए न चार ....अब आप ही बताइये कि ऑटो वाला एक परिवार के लोगो को कैसे न बैठाये ............और नहीं तो देश वाले अगर ऑटो पर चलना चाहते है ...............और ऑटो वाला जुर्माने से बचना चाहता है .............तो नारा दीजिये हम दो हमारे एक ................पर ऐसा करके सरकार कैसे जनसँख्या रोकेगी ........क्या यह भी सफ़ेद पॉश अपराध का एक सुंदर उदहारण है ????????????? मैं घर पहुच चूका था पर प्रेम चन्द्र मुझे अपराध का एक नया अध्याय पढ़ा गया था ........................क्या आप के साथ हम दो हमारे दो वाली समस्या है यानि ऑटो नहीं अपनी कार से चलिए ....कार लेना है तो कर्ज लीजिये ........समझ गए ना देश कैसे कार बेचने का धंधा चला कर पूंजीपतियो का घर भर रहा है ...............क्या आप भी ???????????????????इस गोरख धंधे में आना चाहते है ??????????????????

Friday, 1 November 2013

बोलियेगा नहीं ?????????????????

आलोक चांटिया को क्यों दीपावली माननी चाहिए ????????????????
दीपावली का त्यौहार माँ लक्ष्मी ( महिला ) के लिए समर्पित होता है और इस देश में जब द्रौपदी नग्न की जाती है तो समाज के अच्छे लोग ????? खामोश रहते है .जब इस देश में अहिल्या पत्थर की बनती है तब भी अच्छे लोग खामोश ही रहते है और जब एक औरत सारी रात घर से बाहर रहने केकारण पति द्वारा मारी जाती है एक औरत को वनवास होता है तब भी ये अच्छे लोग चुप ही रहते है ..........और फिर २१ वीं शताब्दी में एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय में एक लड़की मारी जाती है तब भी वो अच्छे शिक्षक चुप रहते है जो समाज को दिशा देते है जो समाजको अँधेरे से दूर ले जाते है ............वही अच्छे लोग शिक्षक के रूप में कहते है कि बेटी समझ कर मारा तो क्या यही लोग जब इनकी बेटी कभी सड़क पर मारी जायेगी , तो समझ पाएंगे कि मारने वाला पिता था ??????????? क्या छेड़े जाने पर मान पाएंगे कि छेड़ने वाला भाई था .........और किसी भी लड़की का बलात्कार हो तो क्या यही अच्छे लोग कहेंगे कि ऐसा करने वाला पति समझ लिया जाये ..............क्या आज शिक्षक ऐसी सोच लेकर समाज के लड़के लड़कियो को देख रहा है .........जब लक्ष्मी रूपी लड़की का सम्मान नहीं तो दीपावली कैसी ??????????? लड़की से बयां बदलवा कर आप अगर यह सीना थोक रहे है कि कुछ हुआ नहीं तो क्या ये आपकी सोच को लड़की के प्रति नहीं प्रदर्शित करता ???????????? कहा है वो महिला जो महिला उत्पीड़न सेल की सदस्य तो बनना चाहती है पर लड़की के साथ हुई घटना को छिपा लेनी चाहती है ????????????? कहा है वो शिक्षक जो समाज में समाज सेवक का लबादा ओढ़ता है और लड़की का बयां बदलवा का समाज में लड़की के साथ हुए शोषण को छिपाने में मदद करता है | .......कहा है वो लोग जो लड़की के मारे का समर्थन करते है और लड़की की गरिमा और अस्मिता की रक्षा करने वाले के विरुद्ध बयान देकर अपनी लड़की के प्रति सोच को दिखाते है | क्या करूँ ऐसे भारत में सिर्फ इस लिए दीपावली मनाऊ क्योकि लड़की मेरे घर की नहीं है और देखता रहूँ  चाहे जो होता रहे  क्या इसी लिए भारतीय संविधान में निति निदेशक तत्वो का समाधान किया गया था कि हैम सब लड़की के सम्मान और गरिमा के लिएय कार्य करें .......................मैं जनता हूँ कि अच्छे लोग क्या करें वो जानते है लड़ना आसान नहीं है और आलोक का क्या उसके नीचे हमेशा अँधेरा रहता है .....पर आलोक तो आज आप भी अपने घर चाहते है तो फिर अँधेरे से क्यों डर रहे है .........क्यों दो तरह का जीवन जी रहे है ..आप चुप इस लिए है कि नौकरी बची रहे फिर हम मनुष्य किसी अर्थ में है ???????????/ जानवर भी अपनों के लिए लड़ता है ...क्या हम उससे भी ????????????/ और इसी सब से दुखी होकर मैंने इस बार दीपावली ना मानाने का निर्णय लिया है ...क्या करूँ उस देश में दीपावली मना कर जहा कथनी करनी में अंतर है और लक्ष्मी को हम चौराहे पर नीलाम करते है ..............माफ़ी चाहता हूँ अगर आप सभी सम्मानित भारतीयो को मेरी बात से कोई ठेस पहुची हो ......भगवान न करें आपकी बेटी बहन , पत्नी , माँ किसी को चौराहे पर किसी की मदद की जरूरत पड़े और आप के पास हाथ मलने के अलावा कुछ न बचे ................खैर आप दीपावली जरुर मनाये आखिर लक्ष्मी( महिला ) तो हाथ की मैल( गंदगी ) है उसके लिए सोचने की क्या जरूरत ????????????????? आलोक चांटिया ऐसे से शामिल नहीं जिसमे आप सब देख कर भी खामोश है .................देखिये कही दिए का अँधेरा आपके घर में ना छूट जाये ............जय भारत ..अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Thursday, 10 October 2013

भगवान को पाना है ????????????????

भगवान बदमाश का है  ??????????
क्यों इसमें क्या गलत लिख दिया जो आपको फिर मुहं  बनाने की जरूरत पड़ गयी !!!!!!!!!! अच्छे लोगो को भगवान तभी दर्शन देते है जब वो अपना शरीर गला डाले ..........लम्बी तपस्या करें ( पता नहीं भगवान कितना दुःख देकर सामने आना चाहते है .............) अनशन करके सरकार को भी जगाना पड़ता है और आमरण अनशन करके भगवान मिलता है ............क्या समझे सरकारका मतलब भगवान को पाना!!!!!!!!!!!!!! इसी लिए तो सरकार माफ़ कीजियेगा भगवान को किसी के सुख दुःख से मतलब नहीं रहता ...........क्योकि कुछ भी अच्छा बुरा हो कहना तो यही है ना कि सरकार ?????????? फिर गलती हो गयी मेरा मतलब भगवान कि कोई मर्जी होगी ...............पर रावन को यह सब नहीं करना है उसको अपने लिए सोने की लंका बनाना है सबकी माँ बहन कन है और सारे सुख लूटते हुए इतना आतंक फैला है कि भगवान को आना पड़े .....अब तो मान गए ना कि भगवान बदमाश की ही सुनते है ............और एक आप है जो किसी बदमाश के बदमाशी की बुराई करते है ....आपको इन बदमाशो के चरण धो धो कर पीना चाहिए क्योकि इनकी हर निम्न हरकत के कारन ही तो भगवान पृथ्वी पर आयेंगे !!!!!!!!!!!!!!! हर्रा लगा न फिटकरी और रंग भी चोखा !!!!!!!!!!! मैं जनता हूँ आप इसी लिए न तो किसी के बलात्कार पर बोलते है न किसी की हत्या पर बोलते है और अपने सामने मारी गयी लड़की को देखने के बाद भी बयां देते या देती है कि मुझे तो ऐसी किसी घटना का पता नहीं ...........अब ऐसे ही लोगो के कारन ही तो भगवान आयेंगे ....................लेकिन धैर्य रखिये भगवान खुद निर्धारित करता है कि कितने जुर्म होने के बाद उसको पृथ्वी  पर आना है !!!!!!!!!!!!!!१ मानते है कि नहीं भगवान को भी जुर्म से कोई परहेज़ नहीं है ..खूब करो क्योकि जुर्म उसके लिए भी कोई अनुचित बात नहीं है ..फिर हम लोग क्यों एक आदर्श राज्य की कल्पना करते है ???????? शर्म नहीं आती आप सबको एक तरफ भगवान की पूजा करते है और दूसरी तरफ उसकी ही इच्छा ( जुर्म जरुरी है ) का विरोध करते है .........और भला भगवान कहा अपना विरोध देख सकता है ??????? क्या आपने कोई जुर्म होते देखा है ??????/तो बिलकुल कही ना बताये क्योकि ये तो भगवान की मर्जी है और जुर्म के हिस्से दार बन कर इतना जुर्म कर डालिए कि उसको खुद अपनी कृति ( मानव ) को बनाने पर शर्म आने लगे और कितनी अच्छी बात है कि आप तो बेशर्म निकले लेकिन भगवान शर्मसार हो जाता है और अपनी गलती ( मानव बनाने ) को सुधारने पृथ्वी पर आ जाता है ....................अब और क्या चाहिए आपको जुर्म किया और दर्शन भगवान के हुए .......इतना मुनाफे का सौदा कही मिलेगा ??????????????? आज से ही क़त्ल करना शुरू कर दीजिये ( विरोध करने की आपकी औकात तो है नहीं ) जब नदी में पानी जगह खून बहने लगे तब तो भगवान आयेंगे ये क्या बात हुई कि भगवान ने आपको पृथ्वी पर भेज दिया और खुद स्वर्ग में मजे ले रहा है उसको भी औकात बता दो और देखिएगा जिसने आपको बनाया वोखुद दौड़ आएगा और आप इस दुनिया में वो देख लेंगे जो मुमकिन नहीं था ................कभी सुना कि किसी के अच्छे काम के लिए भगवान ने पूरी दुनिया को दर्शन दिया हो ????????? अगर दिया तो सिर्फ उसी को जिसने तपस्या की पर अगर आप बदमाश है तो भगवान पूरी दुनिया के लिए सामने आता है तो फिर कौन सा काम बढ़िया है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! अब क्या ये भी बताना पड़ेगा ???????? अरे अरे ये सरकारी पैसा कहा चोरी करके भाग रहे हो ?????? लड़की को तमाचा क्यों मारा??????? चाकू लेकर कहा चल दिए ???????????? चलिए भगवान को पाने का रास्ता तो जान गए ?????? अब ये ना कहियेगा कि दुनिया में कुछ गलत हो रहा है !!!!!!!!!!! ये तो भगवान को लेन का रास्ता है ......जय जय हो बदमाश महराज ...आपकी वजह से हम सब भगवान को देख पाएंगे ?????????? क्या आप इस आन्दोलन में शामिल है ?????????( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये ..इस से किसी का कोई सम्बन्ध नहीं है )

Wednesday, 9 October 2013

क्या आप भूखे नंगे है ???????????

भूखे नंगो में संभावना है !!!!!!!!!!!!!!
इसमें मैंने क्या कुछ गलत कहा ?? खैर आपको यह भी व्यंग्य ही लगेगा क्योकि आपको सच सुनने की आदत जो नहीं ??? है अरे भाई मनुष्य जब इस दुनिया में आया तो नंगा और भूखा था और तभी तो आप आज कपडे में दिखाई दे रहे है !!!!!!!!! पर आपको तो अभी भी लोगो में गरीबी दिखाई दे रही है .......तो ठीक ही तो है कितने अमीर दुनिया में नाम कर पाए है ??????? एक किसान का बेटा ही नेपोलियन बन सकता है ................लिंकन बन सकता है और लाल बहादुर शास्त्री बन सकता है ...........और लीजिये एक चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमन्त्री बन सकता है ..........माफ़ कीजियेगा बन सकता है ..........क्या अब भी आपको नही लगता कि भूखे नंगो में ही संभावना है और अब ये तो बताने की जरूरत नहीं ना कि स्वतंत्रता के ६६ साल बाद भी देश में भूखे नंगे ज्यादा क्यों है ????????? महँ लोग तो इन्ही में से पैदा होंगे !!!!!!!!!!!!! ये लो क्या ये नहीं पता कि गुदड़ी में ही लाल होते है ....................अब आपको अपने गरीबी पर अफ़सोस नही होगा और शुरू कर दीजिये हो सकता गरीबी से कल आप भी एक महान व्यक्ति बनने जा रहे हो ....................कहते है ते का जाने पीर परायी ....जा के पैर न पड़ी बिवाई ...........तो गरीबी के अद्भुत मन्त्र को जानने के लिए आज ही गरीब बनिये औत मुफ्त में बन जाइये महान ...............है ना कमाल का सौदा .............क्या कलाम साहब भूल गए .या फिर माशेलकर ( दोनों भारत के बड़े वैज्ञानिक )................है ना गरीबी में जादू तो गरीबी को देख कर इतना मुह क्यों सिकोड़ रहे है .............कीचड़ से ही तो कमल निकलता है ................अब ना कहियेगा कि देश में गरीबी है क्योकि हम दूरदर्शी है और एक दिन आएगा जब दुनिया के सबसे ज्यादा महान ( गरीबी ज्यादा है ) यही से पैदा होंगे !!!!!!!!!!!!!!! अब आप ये क्या कर रहे आप कपडे क्यों उतार!!!!!!!!!!!!!!! ऐसे तो बन चुके महान बस सब्र रखिये और चुनाव पर चुनाव करा कर महंगाई को इतना बढ़ा दीजिये कि आप गरीब क्या महा गरीब हो जायेंगे ................और हर घर से निकलेगा महा मानव ( अन्गुल्माली जैसा )...........अब आप रोटी क्यों फेक रहे है ...........कुत्तो को खिलने से बेहतर है कि किसी भूखे को खिल दीजिये क्योकि अगर वो भूखा रह गया तो आपके सामने ही वो महान बन जायेगा और भला आप ऐसा कैसे होने दे सकते है .........तो दौडिए और तलाशिये कोई भूखा !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! समझ रहे है ना पता चला सारे सुख आपके पास और सिर्फ आभाव के कारण कोई सुदामा को भगवन ( कृष्ण ) दो दो लोक दे देंगे ........इस लिए किसी को .................( वैसे भी किसी को आगे बढ़ता देखना आसान कब रहा)..............ये क्या आप सड़क पर सोने जा रहे है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! हा हा हा हा समझा इसी बहाने कोई आकर कम्बल डाल जायेगा आपको बेवजह खरीदना नहीं पड़ेगा ........अब तो मान लीजिये कि गरीबी का अपना  मजा है .............और आपके लिए सुनहरा मौका ..............वैसे चुनाव आ रहे है !!!!!!!!!!! क्या कोई कटोरा लेकर आ गया !!!!!!!!!!!११ और देखिये ना कटोरा लेकर आपके दरवाजे आने वाला ...............नेता बनने जा रहा है ......और अब उससे मिलना तक आसान नहीं होगा ...............उसे ५०००० महीना भत्ता मिलेगा  ......हुआ न एक गरीब  का काया कल्प ...........क्या आप अमीर बनना चाहते है ???????????????????( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये ).

Tuesday, 8 October 2013

भगवन बिकता है ??????????????

भगवान बिकता है !!!!!!!!!!!!!!! कितने में
जनसँख्या बढ़ने का कोई फायेदा आपको हुआ हो या न हुआ हो पर भगवान की तो चांदी ही चांदी है ............क्या आपको भगवान से मिलना है तो आओ न कौन सा दर्शन चाहिए ...............१० . १०० , ५०० या १००० वाला फिर अगर वो कुछ बेच रहा है तो क्या हुआ वो भी तो भगवान के रास्ते पर है .........बेवजह लोग उसको ( अब नाम में क्या रखा है आप तो कुछ ज्यादा समझदार है जहा सुई न जाती हो वह तलवार डाल दे आप तो फिर किसी का भी नाम आप उछलने में कैसे पीछे रह सकते है ) बदनाम करते है ..........भगवान का नाम ही दरिद्र नारायण है ................तो अगर कोई दरिद्र आज सुलतान ...... से लखनऊ ????????? नहीं नहीं कही का भी राजा बन गया तो क्या हुआ ..............भगवान के रास्ते पर चलने वाले लोग ही तो इस दुनिया को बचाए है ....अगर वो ना होते तो भगवान को सोने का छत्र कौन चढ़ाता !!!!!!!!!!!!!!! क्या लकडहारा पेड़ नहीं काटता तो उसने कौन सा पाप कर दिया .................वो भी अपने पेट के लिए ही तो कर रहा है !!!!!!!!!!! भगवान को बेच कर दुनिया अगर अपना पेट भर सकती है तो उसने कौन सा गुनाह किया जो कागज बेच कर उसका पैसा रख लिया ............बच्चे ही तो भगवान की मूरत होते है और भगवान के लिए दिए गए पैसे को अगर उसने खुद खा लिया तो कौन सा अपराध हो गया ..क्या वो भगवान को नहीं समझता .................और भगवान ही क्यों देवी का रूप शक्ति का रूप ...किसकी औकात जो उनके आगे ठहरे ......वो तो उसने देवी को कंस बन कर इस लिए पटका ताकि पता तो चले कि देवी में कितनी शक्ति है और लीजिये देवी ने पटके जाने के बाद भी उस दुष्ट !!!!!!!!!!!!!! धर्मात्मा को अभयदान दे दिया कि अपने पटके ( या मारे ) जाने कि खबर वो किसी को नहीं बताएंगी ................अब आप ही बताइए महिषासुर कौन ?????????????? हुए ना वो भगवान वो भी कलयुग के .....................अब बताइए बिकता कौन है ????????????????( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Sunday, 6 October 2013

झूठ से बड़ा सच कौन सा ????????????????????

झूठ बोलना पाप है???????????????
पाप का मतलब ???????????? यही कि मारो अश्वत्थामा  हाथी और चिल्लाओ अश्वत्थामा मर मर गया बस एक सच आदमी ( द्रोणाचार्य ) को आप आसानी से मार सकते है !!!!!!!!!!!!!!! ये कौन सा बड़ा झूठ है !!!!!!!!!!और आप झूठ बोलते कहा है !!!!!!!!!!!!आप तो पूरी दुनिया को आसमान का रंग नीला बताते है अब आप ही बताइए आपके बारे में इससे ज्यादा क्या कहे !!!!!!!!!१११११ मानिये या ना मानिये जब कोई पूछे तो कहिये सारे भारतीय भाई बहन है .......पर जब रिश्ते में फस जाइये तो कह दीजिये कि इनको सारे भारतीय इतना मानते है इस लिए १०० प्रतिशत ब्लैक मेल कर रहे होंगे ( अपना लोगो को यही करके ही तो फसाते रहे है ) .अब बताइए कि क्या सच और क्या हो सकता है ...............और झूठ से बड़ा सच क्या होगा .......आलोक को मुट्ठी में बांध कर दिखायेंगे ..........हा हा हा क्या मिला .....सिर्फ अँधेरा ......अरे अरे यानि काला काला ......अब लीजिये सार काला या कालिख आपके चेहरे पर पुत गयी ...........फिर भी कहते है आलोक से रौशनी फैलती है ................हर पल कुत्ते ही दुनिया में बढ़ रहे है ( अरे भैया शेर तो आपकी गुलामी करने से रहा आपको तो दुम हिलाने वाले चाहिए तो लीजिये हर गली , नुक्कड़ घर में कुत्ते मिल जायेंगे )..............पर आपको सच सुनने की बीमारी ही नहीं लगी बचपन से ......वरना आपके माँ बाप ने सच का टीका ( चेचक के टीके आपकी बाहं पर लगे होंगे तो उसके दाग देखिये ) लगवाया जरुर होता ...............लेकिन आप भी क्या करें .......आप को झूठ बोलने का शौक कोई अम्मा के पेट से तो लगा नहीं ................ये दुनिया वाले क्या जाने ..आप ठहरे गागर के शिष्य जिन्होंने सीखाया कि लोग पैदा होते ही मरने लगते है और बेवकूफी में जन्मदिन मानते है ..............वैसे पाप सर चढ़ कर बोलता है और झूठ के आप पुजारी है ..तो बोलिए कि पेड़  हमने नहीं कटवाए ................ मेरे जानने में कोई अताम्हात्य नहीं हुई ..........कही पर महिलाओ का शोषण नहीं हुआ और सबसे बड़ी बात ये कि आप कंस है ...............अब भला कंस का मुकबल कृष्ण के माँ पिता नहीं कर पाए तो ये प्रजा कि क्या मजाल ..............आप जो चाहे करें आखिर गागर ने आपके सागर में यही तो भरा है ना ...................म्मफ कीजियेगा अगर झूठ बोल रहा हूँ ..............क्योकि मुझे पाप से दर लगता है ..........और आप जानते है कि पाप करके ही राम से अपनी मुक्ति करायी जा सकती है ..............आखिर कोई आप बेवजह तो झूठ बोल नही रहे ............आप जैसे को श्मशान में जगह मिलने से रही ................तो भगवन ही आपको तरेगा ना .है तो आप भी उसकी ही संतान ( माँ को अपना अँधा ,लूला , चोर , बदमाश लड़का भी प्यारा होता है )..............पर मेरी समझ में अभी नहीं आया कि जब झूठ भी एक खुद में सच है ......तो फिर पाप ???????????/ वाह वाह .............लगे रहो मुन्ना भाई ..कितना लड़ कर तो रोटी का जुगाड़ कर पाए हो चूकना नहीं .............वो देखिये रुपये पड़े है .................क्या क्या ..आप को सिर्फ वह कागज ही मिले .............आप को भला झूठ बोलने की क्या जरूरत ?????? क्योकि पाप आप जानते ही नहीं ..............वैसे आपका नाम क्या है ?????????????? बड़ा बढ़िया नाम है ....................सच को बदलो  झूठ ???????????? क्या ये नाम आपको पसंद  आया ( सिर्फ व्यंग्य की तरह ही पढ़ा जाये , इसका किसी से कोई सरोकार नहीं है )

Saturday, 5 October 2013

गधा भी नाराज ???????????????

गधा नाराज है !!!!!!!!!!!!!!!!!
मनुष्य ने शब्द क्या बोलना सीख लिया वो हर बात में मतलब निकालने लगता है ..........पर भैया  गधे से ही पूछ लो कि वो नाराज क्यों है .......लो कह रहा है कि जब देखो तुम लोग आदमी को गधा कह कर डाटते हो ...............ये गधा अधिकार का उल्लंघन है हमारे भी कोई अधिकार और गरिमा है .............. हम  लोग तो भूल से भी कभी अपनों को आदमी नहीं कहते ...............और आदमी ही जानवरों के पीछे लगे रहते है वरना कौन जानवर आदमी के एक मिनट भी रुकना चाहता है ...................मेरी बात पर हसो मर आदमियों ..............किसको तुम लोग जंजीर से नहीं बांधते..............हम जानवरों को तुमसे बदबू आती है ...........पूरी दुनिया का गधा एक ही जैसा काम और व्यवहार का होगा पर तुम  आदमी कहो अपनों को समय पड़ने पर गधा कह दो ............. आदमी की कोई गरिमा है भी ????????????///और जानवर की ना जाने कितनी प्रजातियाँ खत्म हो गयी लेकिन वे आदमी के पास नहीं गए तो कहे का गरूर आदमी को ............किसी गधे के लिए कुछ लाड कर ले जा पाए और बड़े आये गधा कहने वाले ..............खबर दार जो आज के बाद किसी आदमी को गधा कहा .......इन्हें सिर्फ आदमी कहो ..........देखो आदमी का नाम सुनकर गिरगिट कैसे भागा जा रहा है ..........मैं तो गधे को आदमी कही का कह भी नहीं सकता .......इतनी बड़ी गाली?????????????????????*( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़े और इसका किसी से कोई सरोकार नहीं है )

Friday, 4 October 2013

क्या आप महिषासुर से दुर्गा को ??????????????????

महिषा सुर ...दुर्गा के पीछे
अब  आपको ये बताने की कोई जरूरत नहीं है कि महिष यानि भैस ....और भैस के आगे बीन बजाओ ...भैस खड़ी पगुराय ......... अब तो मान गए ना कि गयी भैस पानी में ..............पर भैस जैसे महिषा सुर को कहा ज्ञान वो तो दुर्गा ( लड़की ) के पीछे ही नहीं पड़ेंगे ...बल्कि दुर्गा को प्रताड़ित करेंगे .....दुर्गा को मारने का साहस भैस जैसे ही लोग ( आज कल ऐसे भैसे ........के आस पास भी मिल जाते है ..इसका चेहरा छोड़ कर शरीर बस मनुष्य जैसा दिखाई देता है ).............अब इन्ही महिषा सुर को तो आप लेकर उसकी रक्षा करने के लिए तत्पर है ................आपकी अक्ल बड़ी या फिर ये भैस ........चलिए भैस को क्या कहे .............जब सामने महिषासुर मर्दनी हो ..................संभल कर देखिये कही किसी दुर्गा को आप चोट न पंहुचा दे .........आखिर आप तो मनुष्य ही नही ना ................आपको दुर्गा कहा दिखाई देती है तभी तो ले तमाचा दे तमाचा ............और महिषासुर सामने आ जाता है .....पर आप ऐसे महिषासुर को कैसे मार सकते है ........इसके लिए तो माँ को ही आना पड़ेगा ............क्या आप ऐसे भैस को रोक पाएंगे नवरात्र में ....................कभी अपनी बेटी में , माँ में और पत्नी , बहन में आपको दुर्गा दिखाई दी ????????????????????या  सिर्फ मांस !!!!!!!!!!!!!!!!!! आप सभी को नव रात्रि कि शुभ कामना आखिर महिषासुर के लिए आपको शुभ कामना तो देना ही पड़ेगा (  व्यंग्य समझ कर पढ़े )

Thursday, 3 October 2013

राम वही जहा मरा मरा!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

राम वही जहा मरा???????????????
कितनी अजीब  बात है कि आप को इतना भी नही पता कि राम उसी के पास है जिसको मरा कहने की आदत है ...पर आप तो अपने घर में दो बार मरा मरा कहते नही है कि घर वाले आपको मनहूस बना देते है .......यानि घर में राम आते आते रह जाते है !!!!!!!!!!!!!!!! तो अब देर किस बात की आप समझ ही गए कि आपको राम राज्य स्थापित करने के लिए क्या करना है ????????????? जिसे पाइए लूटिये , दक डालिए ...देश को बर्बाद कर डालिए .............अनपढ़ और देश से ज्यादा अपने लिए सोचने वालो को तुगलक बना दीजिये ...लड़की का कोई भी दर्द सुनिए ही नहीं ...बस फिर क्या है .........................राम राज्य आ ही जायेगा .........जब मरा मरा कहते कहते राम राम निकलने  लगता है तो फिर सारे भ्रष्टाचार से राम राज्य क्यों नहीं ????????????? अब आप मुझको घूरने क्यों लगे .......मैं क्या कह रहा हूँ आप ही बचपन से रटते आये है .कीचड़ में कमल होते है .........तो फैलाइए ना कीचड़ ...आपको कमल ही तो मिलेगा .......वही देश को चला पा रहे है जो चारा खा पा रहे है ...............आपको खाना खाने कि आदत क्या पद गयी बस दिन रत उसी में जुटे रहिये ....यानि आदमी बनते बनते जानवर ???????????? अब ये तो आप ही मरा मरा कह कर कह रहे है ना !!!!!!!!!!!!!!!!!!अच्छा आपको क्या लगता है रावन बनना जरुरी नहीं है ????????????????? मतलब आप राम से मिलना नही चाहते ????????? अरे अरे ये क्या आप उस लडकीको तमाचा क्यों मार रहे है ?/////////उसका अपहरण क्यों कर रहे है ????????//// और अब देश को गिरवी रख रहे है ??????????????// क्या राम राज्य आने वाला है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! तो रुक क्यों गए पूरे देश को नंगा कर दीजिये !!!!!!!!!!!!!!! करेंगे ना आखिर मरा कहने से राम जो मिलते है ............रत्नाकर में बाल्मीकि जो मिलते है ????????????चलिए अब डॉ फेना के तमाचा सम्ह्रोह में चलते है और देखते है कैसे रावन बनते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!राम .........तो आप भी कह ही डालिए मरा मरा (व्यंग्य समझ कर ही पढ़ा जाये )

Wednesday, 2 October 2013

गाँधी जी आपकी जेब में है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

गाँधी ही क्यों ???????????????????
क्या शास्त्री जी भी आज ही पैदा हुए थे ................पर आप भला उनका नाम क्यों ले .गाँधी कहने से देश में चलने वाले हर रुपये पर उनका चेहरा  जो आता है .......और जो रुपये के साथ है वो आपके साथ है क्योकि जब आपकी जब गरम रहेगी तभी तो मजा ले सकेंगे ...............मैं नहीं आप खुद ऐसा कह रहे है .........गाँधी हर समय जेब में रहता है क्योकि देश में अब रुपये से ऊपर बचा ही क्या है ......................पर शात्री कौन थे ?????????????? होंगे कोई गरीब ...............क्या कह रहे है वो तो देश के प्रधान मंत्री थे ................यार ये भी  कोई प्रधान मंत्री की कहानी है कि जब मरे तो जो कार ली थी उसका भी उधर लिया था और मरने के बाद घर वाले कर्ज उतारते रहे ..................पता नहीं शास्त्री जी क्यों नहीं समझ पाए .अरे आज के नेता से ट्रेनिंग ले लेते ...........कार कर्जे से वो भी एक टूटुर पुंजिया  नेता तो लेता नहीं नहीं कहिये तो देश को कर्जे में डुबो दे ...........अब एक कर्ज दार प्रधान मंत्री से कौन अपना रिश्ता ( देश में अगर रिश्ते दार यहाँ तक माता पिता अगर गरीब है तो लोग अपना रिश्ता नहीं बताते )......जोड़े .......गाँधी की बात और है कम कम से सुबह से शाम तक हर भारतीय  के लिए  वाहक बन कर जेब में रुपये तो लाता है .............क्या अब भी आपको लगता है कि कर्जे तक अदा न कर पाने वाले शास्त्री को हमें जन्मदिन की शुभ कामना देनी चाहिए ??????????????? देखिये कही आपकी जेब से रूपया गिर ........मतलब गाँधी जी निकल न जाये  ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Tuesday, 1 October 2013

क्या कहेंगे आप ????????????

गाँधी जी या बापू जी ..................
मैं १९९७ में गुजरात  के सुरेन्द्र नगर की तहसील लिमडी में काम कर रहा था ........जिनके घर में मैं रहता था उनकी लड़की सिंदूर बिछिया लगाये रहती थी ....कई दिन बीत गए पर ना तो मैंने उसको ससुराल की बात करते देखा और ना ही उसका पति कभी आता ...........एक दिन मैंने पूछा तो पता चला कि वो अभी अविवाहित है ...........तो ये सिंदूर ...बिछिया ......पता चला कि राज घराने के या राज घराने से जुड़े लोगो को वहा बापू  कहा जाता है और अविवाहित लडकियों के लिए ये बापू लोग काफी खतरनाक होते है .इस लिए लडकिया सिंदूर लगा कर आभासी विवाहित होने का भ्रम पैदा करके अपनी गरिमा को बचाती है .............और शायद मैं सही हूँ क्योकि गाँधी जी बापू इसी लिए कहलाते थे क्योकि उनके पिता दीवान थे .......और लड़की के चक्कर में फसे बापू जी के घर भी राज घराने से सम्बंधित था .................अब हर समय यही न समझिये कि बस व्यंग्य चल रहा है .........एक ऐसा सत्य जो मैंने सुना देखा ...और विश्लेषण पर सही लगता है .............तो अब आप सोचिये कि बापू या ...........................गाँधी जी ..........गरिमा किस्मे है .सोचना है आपको ...............क्योकि कल २ अक्टूबर है ..................क्या गाँधी जी .खुद आज के दौर में बापू कहलाना पसंद करेंगे ??????????????????????

Monday, 30 September 2013

संभलियेगा !!!!!!!!!!! गोश्त है

कही आप गोश्त  तो नहीं खाते  ?????????
अमा मियां आप तो ऐसे बात करते है जैसे पूरे देश का ठेका आपने ही ले रखा है .............जी मैंने ऐसा कब कहा .मैंने तो कल बस ये कहा कि बाजारीकरण के दौर में जो चीज़ ज्यादा हो जाती है ...उसका दाम ( मान , सम्मान , गरिमा ) घट जाता है ......अब आप देखिये ना इस देश में ही ??????? सबसे ज्यादा माँ और बहन बनायीं जाती है .......................और फिर उनका क्या होता है क्या ये भी ??????????????? देश को माँ कहा तो उसका क्या ?????? किया ..गंगा को माँ कहा तो उसको मैला ?????? किसको नहीं पता कि खटोला पद्धति में क्या होता था अपनी जान बचे .बहन जाये भाड़ में !!!!!!!!!!!!!!!!! खैर छोडिये इन गड़े मुर्दों को हम तो उस देश के वासी है जहा आज में लोग जेते है कल किसकी इज्जत लुटी और किसने अपनी माँ को ??????????? आप बुरा ना माने ( वैसे आप बुरा मानते कहा है ....आप तो बुराई को जन्म देते है ) तो एक बात कहूँ !!!!!!!!!!!!!! पूरी जिन्दगी आप एक लड़की को इज्जत का पाठ  पढ़ा कर बड़ा करते है ..और जब उसके साथ कुछ होता है तो कहते मेरी इज्जत लुट गयी ( पता नहीं ये जादू कैसे होता है ) कोई लड़की अपने मन पसंद लड़के के साथ शादी कर ले ................तो बेचारा लड़का मारा जाता है और आप कहेंगे लड़की भाग गयी ( चलिए कही तो लड़की लड़के से तेज दौड़ लेती है ).लड़की को आप तम्चा मार देते है जब सजा होने कि बारी आती है तो आप उसके पिता बन जाते है ( वैसे कहते फिरते हैकि छात्र छात्राओ से दुरी बना कर रखनी चाहिए ...........ऐसे मगर मच्छ कहा मिलेंगे )...आप तो दूध के धुले है ...............ना ना मैं कहा ढूध का धुला हूँ मैंने तो सिर्फ ढूध पिया भर है ( क्या आप कभी ढूध में नहाये भी है ......हा हा क्यों नहीं जब सब लड़की आंचल में ढूध और आँखों में पानी लिए आपको दिखाई देती है तो नहाये तो होंगे ही ) .......खैर लड़की की इज्जत से ज्यादा आप अपनी चिंता करिए क्योकि लड़की को  मारना , जलाना , बलात्कार करना , शोषण करना यही तो डॉ ..... फेना का काम है .......क्या पता इनके घर पर लड़की रहती है या इनकी  इज्जत पर इतना तो है ..........इज्जत लड़की की लुटती है और शर्म से ये घर से नहीं निकलते है ...और निकले भी कैसे आखिर कोई बाहर की लड़की को तमाचा थोड़ी ना मारा गया है ..............आज तो इनकी लड़की ...............आखिर लड़की तो अपने घर की ही होती है ना .........बाकी तो सिर्फ हांड मांस !!!!!!!!!!!! माफ़ी माफ़ी माफ़ी ....हांड मांस कह दिया और आपके मुह से पानी आने लगा .क्योकि आपको तो गोश्त खाने की बुरी आदत भी है ..............( इसको सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये .सब काल्पनिक है )

Sunday, 29 September 2013

सबसे ज्यादा कोढ़ी ????????????????????

मैं क्यों बोलू ????????? मैं तो जानवर हूँ .................
आज मैं अमीनाबाद की बाज़ार का मजा ले रहा था ..............अब ये धीरे धीरे बुद बुदा   क्या रहे है सीधे कहिये की छुट्टे  सांड तो घूमते ही रहते है .........अब मैं कैसे कहूँ की आप तो वो है जो खूटें से बंधे रहते है ...खैर छोडिये मेरे ही सामने एक आदमी को गोली मार दी गयी और वो वही मर गया ..............पुलिस आ गयी और शुरू हुई पूछ ताछ .............तुमलोगों के सामने गोली चली थी पर सब चुप थे भला बोलते भी कैसे .......दुनिया के सबसे ज्यादा अंधे इसी देश में रहते है तो भला कैसे किसी को दिखाई देता ....................रही बात गोली के आवाज सुनने की तो लो कर बात मैं ही पुलिस को आप की तरफ से बता देता हूँ कि दुनिया के सबसे ज्यादा बहरे भी इसी देश के रिकार्ड में है ( कम से कम इसको व्यंग्य न समझिएगा ).................तुम लोगो के सामने गोली मार कर कोई चला जाये और तुम लोग पकड़ नहीं सके .......अरे अरे दरोगा जी क्या आपकी जी के कमजोर है और होगी क्यों नहीं आज तक आपको ये तक तो पता नहीं कि शरीफों के बीच अपराधी कितने है ......अपनी जान बचने के लिए किसी शरीफ के हाथ में पकड़ा दीजिये तमंचा ......बस हो गया काम तमाम और लीजिये हाजिर है इस देश का ताजा अपराधी ....खैर पकड़ते कैसे क्या आपको ये भी नहीं पता कि पूरी दुनिया के सबसे ज्यादा लूले लंगड़े इस देश में रहते है ........और ना भी रहते हो तो क्यों अपराधी को छू कर अपने हाथ गंदे करे ...................आखिर इनको इतना तो पता ही है ना कि दुनिया के सबसे ज्यादा कोढ़ी यही रहते है ( एक बार जरा पता कर लीजियेगा ) अब आप ही बताइए तो अपराधी को भला कहा से पकड़ते .................क्या आप पुलिस में नए नए हो क्या .जाइये रजिस्टर खोलिए और किसी पहले से दर्ज अपराधी को इस गोली कांड में अंदर कर दीजिये और ले लीजिये २४ घंटे के अंदर हत्या की गुत्थी  सुलझाने के लिए प्रमोसन .... मेरी तरफ इतना मुह बना कर आप लोग क्यों देख रहे है क्या सच बोलना गुनाह ही है .............और्मैने क्या कहा .....आप ही बताइए पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भाई बहन इसी देश में है ( चाहे बनाये हुए और चाहे ???????????) पर फिर भी हम दुनिया में एच आई वी में दुनिया में तीसरे नम्बर पर है कि नहीं  तो भला बताइए दुनिया में रिश्ते का मतलब सबसे ज्यादा कौन समझता है .............मेरी न मानो तो बजजवा ( दलाल ) से पूछ लीजिये ...इन्ही लोगो ( सारे शरीफों  की और इशारा  करके मीना कुमारी पाकीजा पिक्चर में कहती है ) ले लिन दुपट्टा मेरा ..............अरे हा कालिज में भी तो यही कहा जाता है कि लड़के लडकियों से दुरी बना कर रहिये .......और रहे भी क्यों नहीं आखिर कालेज के बच्चे बेटा बेटी तो हो ही नहीं सकते .....बेटा बेटी तो अपने प्रयास से पैदा ही हो सकते है ..यानि टीचर के लिए कालेज के बच्चे सिर्फ गोश्त के टुकड़े ( और कसम खिलाते है सारे भारतीय भाई बहन है ...कितने उच्च कोटि के है हम लोग .आपको गर्व तो होता  होगा )....इसी लिए टीचर अपने बेटी से शादी ( कई किस्से आप ढूंढ़ सकते है ) तक कर लेते है .बेटी स्टूडेंट को तमाचा मार कर कह देते है कि वो लड़की खुद बदमाश ????????? थी और गलत तरीके से बैठी थी .क्या अब भी आपको लगता है कि हमारे देश में दुनिया के सबसे ज्यादा ??????????? रिश्ते क्यों है ????///बाज़ार का सिद्धांत  है जो बाज़ार में ज्यादा होगा उसकी कीमत कम हो जाएगी !!!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अब भी नहीं समझ पाए कि देश में दुनिया के सबसे ज्यादा  बहन , बेटी होने से उनकी कीमत हमने क्या ?????????बचाओ बचो ये गुंडे मुझे परेशां कर रहे है भैया  बचा लो ...पर मिलती है सड़क के किनारे लड़की की लाश क्योकि ये देश है वीर जवानों का ........भाई बहनों का ...................दुनिया के सबसे ज्यादा .........मी भी कही यही तो ( ये आप सोचिये मेरी क्या औकात जो कह दूँ ) ( सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़िए किसी पर आक्षेप नहीं है )

Tuesday, 24 September 2013

काले से मोहब्बत कर लो

जस जेके महतारी बाप तस तैके.............
क्या करूँ अम्मा के पेट में सबसे ज्यादा जिस रंग को देखा वो क्या था बताइए बताइए ......................अब कही उत्साह में गिर न जाइएगा मैं भी जानता हूँ काला , काला , काला , काला ...........ऐसा मेरी बात सुन रहे है जैसे इन्होने नीला रंग देखा था ...........................तो काला रंग तो अच्छा लगेगा ही | अब आज के बाद ये ना कहियेगा क़ि आप उनके साथ क्यों चिपके रहते है और मैं ही क्या जो भी अम्मा के पेट से पैदा हुआ है वो सब काले के दीवाने है ..........सच बताइए कभी दिन आपको अच्छा लगा .....रात क्योकि अँधेरा ही तो सपने लता है अब आप समझ गए होंगे क़ि हर चंगू मंगू  क्यों काले के पीछे दौड़ते है .आखिर उनके सपने तो काले से ही पुरे होंगे और सपने कहा नहीं तो आंख तो बंद करेंगे ना .................और बंद आंख को सिर्फ नींद नहीं .........चलिए आप ही बता डालिए क्या कहते है ?????// इतना डर किस काम का ??कहिये ना अंधे तो आप तो आंख बंद करके काले जीवन को जीते है आखिर सपने जो पूरे होने है .....ऐसी तैसी में जाये दुनिया ........क्या करू काले को मिटा कर सबेरे ने क्या दिया सिर्फ चलना , हर समय मेहनत पसीना और अन्तःतः थकान .कम से कम काले जीवन में सुकून तो है क्यों आपको नहीं लगता क़ि काला का नाता क्यों आपको भाता ..............कलि बिंदी हो या काली काली आंखे ............देखा जो तुझे जानम ............या फिर काला तिल ............तो अब आप समझ गए होंगे क़ि मुंगेरी लाल के सपने देखने के लिए काला ??????????????? कितना बड़ा होना चाहिए और इतना दिमाग खपाने की जरूरत क्या है ......शनि महराज की पूजा कर डालिए और तो और काला कपडा ( देखिएगा अगर दन्त सफ़ेद न हो तो आप कम से कम काले कपडे न पहिनियेगा क्योकि अभी भी दुनिया को भूत से डर लगता है ) पहन कर घूमिये ....................पर मैं एक बात कहूँ ( वैसे मेरी हर बात के आप १० मतलब तो निकलते ही है रोज ).........इतने काले के झमेलो से तो अच्छा है कि आप किसी काले हिरन ( ब्लैक बक ) के साथ रह लीजिये पर संभल कर सलमान को जेल काटना पड़ा था इसी काले हिरन के कारण...............वैसे चोर चोर मौसेरे भाई ........सब रोगों की एक मात्र औषधि है ...........आदमी  हूँ आदमी से प्यार करता हूँ ( वैसे अब डरने की जरूरत भी नहीं है गे कल्चर आ चुका है ) तो ढूंढ़  लीजिये उनको जो दीखते है काले ..................पर मैं ज्यादा कैसे बताऊ क्यकी मेरे तो सपने ही काले के साथ चूर चूर हुए है ............क्या आपका काले के साथ कोई अनुभव ???????? कह डालिए अम्मा के पेट से काले से रिश्ता है वो लीजिये !!!!!!!!!!!!!! अरे हा शैतान और राक्षस को भी काला ही हर जगह दिखाया जाता है लेकिन आप तो आदमी है और आदमी को आदमी से प्यार होता है तो देखिये ..करत करत अभ्यास से जड़ मत हॉट सुजान...................कही तो होगा ..............काले का काला साम्राज्य मतलब घर , शरीर , और जो आप समझना चाहे ..............( किसी से इस का कोई मतलब नहीं है सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Monday, 23 September 2013

लंका में लंकिनी ?????????????????????????

लंका की लंकिनी किसको ???????????
आप तो ऐसा उछलने लगे मानो आप लंका का मतब सबको बता ही डालेंगे पर मैं  तो सिर्फ लंका का मतलब लंका ही समझ रहा हूँ आप की मर्जी आखिर स्वतंत्र देश में रहते है ऊपर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तो समझिये लंका का मतलब और समझिए लंका का मतलब .................मैं तो सिर्फ इतना कह रहा हूँ की लंका की लंकिनी वही बनी होगी जो रावन ???? की नज़र में खुबसूरत रही होगी ( वैसे तो आप भी जानते है कि राक्षसी जैसी शक्ल वाली कैसी लगती होगी ) लेकिन कोई बात नहीं रावन जिसको चाहे जो बनाये वो लंका का राजा है विभीषण को लात मार दे ( भले ही बाद में खुद लतियाया जाये क्या ये बताऊ कि कितनी दुर्गति रावन के नस्सेब में रही होगी ) बस रावन ने लाकिनी को लंका की रक्षा का चार्ज दे दिया बस उचकने लगी फांदने लगी मानो कोहिनूर हीरा मिल गया हो .............राक्षसी है तो अक्ल तो होने से रही वैसे बे सर पैर की बात करने में जाता भी क्या है ????? लंकिनी को न जाने किस बात का घमंड था कि हनुमान जी( हनुमान मतलब शक्ति और आपने हनुमान को देखा तो है नहीं लेकिन युवा लड़का लड़की तो देखा है !!!!!!!!!!!! अब समझ गए न शक्ति का मतलब ) जब लंका के दरवाजे पर पहुचे तो लगी समझाने मैं तुमको बर्बाद कर सकती हूँ ..राम ( क्या राम भी नहीं देखा कोई बात नहीं किसी आदर्श पर चलने वाले आदमी को कभी तो देखा होगा .नहीं देखा तो चलो रावन को सुकून मिला होगा )  के चक्कर में रहोगे तो बर्बाद हो जाओगे मैं चाह लू तो तुम एक बेहतर जीवन देख भी नहीं सकते ?????????? रावन के द्वारा फर्जी वकत दिए जाने के कारन अपनी औकात भूल चुकी लंकिनी ने सोचा ही नहीं कि हनुमान क्या कर सकते है बस ..................जो दै दना दन दै दना दन ...............बेचारी जान ही नहीं पाई कि रावन के चक्कर में कितने पा गयी ................हनुमान ने कहा कि जाओ अपने रावन से कह दो हम प्रभु राम के सेवक है जो उखाड़ सके उखाड़ ले ....और तुम क्या मेरा जीवन बर्बाद करोगी जब खुद सच को जान कर भी बकवास किये जा रही हो ..........तुमहरा अंत निश्चित है और फिर लंकिनी को पड़ा ...............ये ये और ले और ले ......लेकिन आप क्या सोच कर मुस्करा रहे है क्या आपने भी कही लंका और लंकिनी देखा है ............. तो क्या उनका हश्र भी बताना पड़ेगा ??????????????????????

Thursday, 19 September 2013

बन्दर जैसे राजा

कही बन्दर तो ???????????????

गुरु विद्द्वान होता है पर हर गुरु अपने अर्जित ज्ञान का सही उपयोग कर पाए ये जरुरी नहीं है क्योकि बहुत तो ये दिखाने में कि हम किसी से कम नहीं है अक्सर बंदर ( बुरा मत मानियेगा मैं मानव शास्त्र का थोडा सा जानकार हूँ और उसके अनुसार हमारे पूर्वज बंदर से ही अलग होकर मानव बने )जैसी हरकत करने लगते है और  अगर  बंदर ही जंगल ( यानि जहा सब कुछ अराजकता में डूबा हो ) का राजा बना जाये तो ????????? ओह हो मुझे एक ऐसी ही कहानी याद आ रही है ...........क्या हुआ एक बार जंगल में सभी जानवरों ने सोचा कि क्यों न इस बार जंगल का राजा शेर( कुर्सी पर हमेशा योग्य व्यक्ति ही बैठे जरुरी तो नहीं कई बार भालू जाधव जैसे मूर्ख भी कही के मुखिया बन जाते है ) के बजाये कोई और बने  और देखते ही देखते बंदर को राजा बना दिया गया | एक दिन शेर ने बकरी के बच्चे को पकड़ लिया | बकरी दौड़ी दौड़ी बन्दर के पास आई महराज कि जय हो ( मूर्ख हमेशा अपनी जय जय कर सुनना पसंद करते है ).......महराज जल्दी चलिए मेरे बच्चे को शेर ने पकड़ लिया है .पर बन्दर चुप चाप बैठा रहा ......फिर बकरी ने कहा तो न्याय के बजाये वो मूर्ख की तरह बैठा रहा .......पर जब बकरी ने तिबारा कहा तो बन्दर पेड़ पर चढ़ गया और एक डाल से दूसरे डाल पर कूदने लगा | बन्दर को ऐसा करते देख बकरी बोली महराज वहा मेरे बच्चे को शेर मारे डाल रहा है और आप है कि एक डाल से दूसरी डाल पर ही कूद रहे है ...बकरी की बात सुन कर मूर्ख बन्दर ( ऐसे कई लोग है जो बिना किसी ज्ञान के मंच पर खड़े होकर बताने लगेंगे मैं जब वहा था तो ऐसा करता था ) कहने लगेगा अच्छा ये बताओ जो मुझे आता है क्या उसमे तुमको कोई कमी दिखाई दी ...........और बकरी का बच्चा मर गया .यानि देख सुन कर गुरु बनाइए कही ऐसा न हो आपके हाथ बन्दर आ जाये जो बस कूदता ज्यादा  रहे और किसी भी साम्राज्य को बर्बाद कर डाले ( अब आप क्यों लंगूर की तरह........... मुंह  किये डाल रहे है क्या आप अपने  को ???????????) क्या आपको कोई सच्चा गुरु मिला या फिर ??????९ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये

Saturday, 14 September 2013

शिक्षक संगठन की दुर्दशा

डिग्री शिक्षकों के प्रदेश संगठन का बुरा हाल है. दिनांक ९ सितम्बर को पी पी एन कालेज में हुई बैठक इस बात का सबूत है. अध्यक्ष महोदय रिटायर होने के बाद भी पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं. गुटबंदी की ऐसी सीमा पहली बार देखने को मिली. शोर शराबे हंगामे के बाद बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गयी. समझ में नहीं आ रहा समाज को शिक्षित करने दंभ भरने वाले वाले इस तबके से जुड़े लोग स्वयं को कब शिक्षित कर पायेगे? शिक्षक नेता लगता है अब मात्र नेता ही रह जायेगे. शिक्षकत्व का लोप हो रहा है. मर्यादाएं लांघी जा रही हैं. एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है , अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब सम्मान तो भूल जाईये शिक्षक समाज की आवाज कोई सुनने वाला नहीं होगा. मंच से बड़ी बड़ी बाते करने से कुछ नहीं होने वाला. अपने से बाहर निकलने की जरूरत है.
 

Friday, 13 September 2013

बिंदी से ऊपर नहीं है हिंदी

बिंदी भर है हिंदी ....................
आपको बिंदी इसी लिए अच्छी लगती है क्योकि सुन्दरता बढ़ जाती है ..............पर अक्सर आप सुन्दरता बताने वाली इस बिंदी को या तो स्नान घर की दिवार पर लगा देते है या फिर शीशे पर चिपका देते है ............कभी कभी तो आप खुद नहीं जानते कि बिंदी कहा चली गयो ..............तो बाहर की बिंदी हिंदी के लिए इतनी चिल्ल पुकार क्यों ............इस देश में लड़की बेटी है पर खुलेआम उसको तमाचा मार दिया जाता है और उस लड़की की रक्षा करने वाले को फसा दिया जाता है ...............आप सही कह रहे है मैं बहक गया हूँ पर क्या करूँ आप हिंदी में कुछ समझ कहा पाते है .......................आपको तो अंग्रेजी में ही सब समझ में आता है और बिंदी हिंदी दोनों स्त्री का प्रतिनिधत्व करती है तो लड़की का भारत में झापड़ खाने का दृश्य भी याद आ गया ....................आपको बुरा लगने की बीमारी इतनी बड़ी है कि आप कहिये तो मुझको खा ही डाले पर क्या गली के कुत्ते( आपको ख़राब लग रहा होगा .चलिए स्वान जी कह दूँ तो मुह तो नहीं बनेगा ) को देखा आपने प्रजातंत्र और राजा के लक्षणों से परिपूर्ण  ......वो किसी एक का ना होकर पूरे मोहल्ले का होता है रात भर पूरे मोहल्ले और मोहल्ले वालो की रक्षा करता है पर कितने घर वाले उस गली के स्वान जी को अपना मान पाते है कितनो को उसके भूख प्यास , गर्मी जाड़े की परवाह होती है ............पर वो गली वालो को देख कर पूछ हिलाना नहीं भूलता .....उनके पैरो में लोट भी जाता है पर उसको झिडकी के सिवा और लात के सिवा कुछ नहीं मिलता लेकिन कही आपके पास डाबर मैन है या जेर्मन शेफर्ड है तो क्या कहने आपको अपनी इज्जत बढ़ते हुए लगती है आप उसको कार में पार्क में घुमाते है और विदेशियों की सैकड़ो सालो से गुलामी के अवशेष कुछ महापुरुष तारीफ करते भी मिल जायेंगे ..............भाई  कुत्ता है तो उनके पास ...........हो सकता है कोई पिल्ला मांगने भी चला आये ........................समझ गए ना मैन क्या कह रहा हूँ हमको कुछ भी देशी पसंद ही नहीं हम तो विदेशी से पहचाने जाते है ऐसे में अगर हिंदी बचाओ बचाओ चिल्ला रही है तो क्या हुआ ........एक हफ्ते तक बिंदी की तरह किसी कमरे में चिपका दीजिये फिर पूरे साल ढूंढते रहिये कि हिंदी को कहा छोड़ आये थे .....................कहा चल दिए क्या बिंदी को अब ढूढ़ पाएंगे ?????????????????? वैसे बिंदी को अंग्रेजी में क्या कहते है ?????????? मतलब बिंदी सिर्फ हिंदी की ही है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ( व्यंग्य समझ कर ही पढ़ा जाये )

Thursday, 12 September 2013

हिंदी ...............एक औरत की दुर्दशा

हिंदी या औरत की दुर्दशा

जिधर देखो बस रुदाली करते हुए लोग ........हाय हाय हमारी  हिंदी .........कितनी दुर्दशा .............अंचल में दूध ( आज कल दूध काफी महंगा हो गया है ) और आँखों में पानी ( कम कम से साफ़ पानी कही तो बचा है )....................अब कौन समझये इनको .....आ बैल मुझे मार ......पर हिंदी ठहरी स्त्रीलिंग !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! तो इस देश में औरत के लिए ढिंढोरा तो पीटा जा सकता है पर रहेगी तो वह उत्पीडन , बलात्कार , का शिकार ही तो कौन सी आफत आ गयी हिंदी के शोषण को देखकर ...........एक तरह जिसको भी रौंद( पृथ्वी ) सकते है गन्दा( गंगा ) कर सकते है अगर उन सबको स्त्रीलिंग से न नवाजे तो खाना नहीं पचता है और जब दिखावा करना होगा तो माँ बहन न जाने क्या क्या कहने लगेंगे ....................हिंदी को भी माँ कहने में आपको शर्म तो आने से रही ..............जी जी अब आप कहेंगे कि अंग्रेजी भी तो स्त्रीलिंग है .....................आ गए ने चरित्र पर जब तक चरित्र न उच्छ्ले मजा नहीं आता इस देश में ....................आपको देशी औरत पसंद कब आती है अंग्रेजी पिक्चर हो या सियारा लियोन या अंग्रेजी औरत के कपडे सब आपको अपने देश से ज्यादा अच्छे लगते है तो अंग्रेजी तो तो आप अपनी छाती , ओठ से लगायेंगे नहीं तो पता कैसे चलेगा कि आपको प्रेम करना आता है .......... तो अब तो समझ गए ना कि देशी स्त्री ( हिंदी ) की दुर्दशा क्या है ....................आरे आरे मेरी बात सुन कर भी आप बेशर्मी से उसी से चिपके है ............थैंक यू थैंक यू ..........ये क्या कर रहे है आपके घर में भी तो औरत ( हिंदी ) है कभी तो उसका ध्यान करके कह दीजिये धन्यवाद् ...............

Wednesday, 11 September 2013

कौन कहता है कि आप मनुष्य नहीं है ??????????????????????

क्या कोई शक है आपके ???????????

मनुष्य ही इस दुनिया में सबसे बुद्धिमान है ??????????????????? रोज कहता है दिन हो गया...............सूरज निकल आया .......रात हो गयी ....सूरज डूब गया ....कम से कम बेवकूफ जानवरों को ये तो पता है कि दिन रात होते नहीं बस पृथ्वी घूमती है ..........................न न आप बुद्धिमान है भला कोई जानवर कहता है कि आसमान नीला है बस एक आप ही है जो आसमान को नीला कहते है ( जब कि ऐसा कुछ नहीं होता है )..........क्या अब भी आपको अपने मनुष्य होने पर शक है

Tuesday, 10 September 2013

भगवान बनने का लालच है हमको


भगवान बनने का सुनहरा मौका ......
आज मैं भूतनाथ पर बजरंगबली से मिलने गया ( वैसे तो जितने काले दिल , बदमाश और समाज के अराजक तत्व है सभी उनको अपने घर में लगाये मिल जाते है शायद इसी लिए मेरे घर में उनकी फोटो नहीं है )मैं वह खड़ा ही था कि बहरत माँ फटी धोती में एक बच्चा ( शायद भारतीय ) गोद में एक पेट के अंदर , एक कटोरा लिए और एक किसी से कुछ पा गया था तो शायद क्वालिटी चेक कर रहा था ...............मेरे पास आकर कहने लगी भैया कुछ हमको भी खाने को दे दो बच्चे भूखे है ..................मैंने भारत माँ को देखा और उनके शरीर पर जनसंख्या का बोझ  देखा फिर एक दार्शनिक नेता की तरह बोला माँ आप ने इतनी जनसँख्या क्यों बढ़ा ली देखिये मैंने महगांई  के डर से आज तक शादी नहीं की और आप जनसंख्या बढ़ाये जा रही है जब मैं अपने बच्चे पैदा करने की ताकत ( अब परीक्षा मत ले लीजियेगा वरना एक बोझ और बढ़ जायेगा ) नहीं है तो मैं  आपके बच्चे का दर्द क्या समझूंगा मैं कोई नेता तो हूँ नहीं जो आप पर दया करके लैप टॉप दे दू ( खाना तो देने से रहा ) या फ़ूड बिल  लाकर मुफ्त में खाना बाटूँ..................मेरी बात सुन कर भारत माँ बोली ................तुम इस देश के दुश्मन हो वो तो हम लोग ( देश के तमाम गरीब जिनके ७ से १० बच्चे है ) है जिनके दम पर देश जब देखो चिल्लाता रहता है कि विश्व में सबसे ज्यादा युवा हमारे देश में है और अगर इतने युवा हम न देते तो क्या इस देश में इतनी पार्टी बना पाती .................तुम क्या समझते हो चीन आक्रमण सेना से डर कर नहीं कर रहा आरे वो तो हमने इतनी जनसँख्या बढ़ा दी है कि डर के मारे वो आक्रमण नहीं कर रहा है ..................सारे नेता दरिद्र नारायण के घर न जाये तो संसद का मुह तक न देख पाए तो देश में भारत रत्न कौन ????????????हम देश भक्त कौन ???????????????हम तुम क्या जानो मेरे शरीर के चारो तरफ चीलर की तरह जो जनसँख्या लिपटी है उसी से तुम्हारे  घर बर्तन साफ़ होते है कपडा धुलता है .....................चले आये बात करने देश के लिए सोचो और शादी करके युवा पैदा कर डालो भले कहने को नहीं रहेगा पर देश में आदमी तो रहेगा और आदमी आदमी के कम नहीं आएगा तो किसके आएगा क्या कभी गोश्त नहीं खाया क्या ???????? तुमको कुछ मालूम भी है इस देश का हर महापुरुष अपने माँ पिता की पहली संतान नहीं था ६ वी या १० वी संतान थी तो क्या पता मैं भी कोई महापुरुष पैदा कर दू वैसे भी इस देश में कंश और रावन ही शासन करते आये है राम कृष्ण को तो भटकना पड़ा है ....और मैं भी इनके ( बच्चो ) के साथ भटक रही हूँ ......................और बच्चे तो भगवन की मूरत होते है और तुम मंदिर के सामने खड़े हो पर भगवान को दुनिया में नहीं लाना चाहते ..............फिर भगवान को १४ वर्ष जंगल में रहना आना चाहिए तो हम क्या करे चिंता मैं सिर्फ माँ ( भारत ) हूँ मैं कैसे भगवान को पैदा करने का श्रेय छोड़ दूँ , ..............जी मैं समझ गया माँ आप ही भारत माँ है तभी तो भगवान हजारो में होते जा रहे है .............और मैं चल दिया ..............खा चले भारत माँ चिल्लाई ...............भगवान को ढूंढने...................क्या आप के घर पर भी भगवान के आने की तैयारी हो रही है .........अब समझ गए ना कि भगवान की संख्या हजारो में क्यों है ??????? चुनाव आ रहे है भगवान के सहारे ही न जाने कितनी पार्टी अपने जीवन को सवारेंगी ................भगवान तो  प्रेम के भूखे है उनको पानी बिजली , भोजन से क्या मतलब ........वो तो भक्त ( नेता जब एक झोपडी के आगे हाथ जोड़ कर वोट मांगता है तो चिथड़ो में लिप्त गरीब भगवान इसी में खुश हो जाता है कि नेता जी हमरे घर आये रहे ) के प्रेम में डूबा है और भक्त भगवान के सहारे वो हर पद पा लेता है जिसको भगवान ???????????????????? क्या आप भगवान इस बार भी चुनाव में बनने जा रहे है ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Monday, 9 September 2013

बाल विवाह !!!!!!!!!!!!इज्जत बचाओ

बाल विवाह ...........इज्जत बचाने का मौका
आज के सभी समाचार पत्र में यह खबर छपी है कि दुनिया के ४० प्रतिशत बाल विवाह भारत में होते है ................तो इसमें कौन सी बड़ी बात हो गयी आखिर किसी काम में तो हम शुरू से ही ध्यान देते है आखिर लड़की पैदा होती किस लिए है ..............???????????? क्यों बड़ी करे उसको ??????????इस लिए कि पहले वो पढ़ लिख कर बड़ी हो फिर चलती बस में उसका बलात्कार हो .....या इस लिए कि देश के कलेज में वो जाये और वहा उसको इतना टार्चर किया जाये कि वो तीसरी मंजिल से कूद जान दे दे या फिर इस लिए वो इस देश में पढ़े लिखे कि अगर वो किसी कमरे में अकेले किसी लड़के के साथ बैठ कर बात करे तो कोई अपने को सभ्य कहने वाला पुरुष आये और उस देश की लड़की को थप्पड़ मार दे जिस देश के संविधान के निति निदेशक तत्व में साफ़ साफ़ लिखा है कि लड़की की अस्मिता और सम्मान की रक्षा करना हर भारतीय का कर्तव्य है !!!!!!!!!!!!!!! कम से कम जब लड़की सिर्फ सेक्स और गोश्त के आईने में देखी जानी है तो पैदा होते ही उसको किसी के हाथ सौप देना गलत तो है नहीं आखिर नोची जाएगी तब भी किसी के पत्नी होने का ठप्पा तो लगा रहेगा ....वरना आप तो नैतिकता के ठेके दार है कह देंगे कि अकेले कमरे में बैठी थी किसी लड़के के साथ तो बस वही हो रहा होगा जो आपके दिमाग में हर समय लड़की के लिए चलता है >>>>>>>>>>>>>.. और भला आपको कोई कहेगा भी कैसे आपके बाल जो सफ़ेद हो गए है .....आप खुद लड़की के शरीर को चोट पहुचाइए फिर उस लड़की से कहिये कि मैं तो पिता की तरह हूँ मार तो सकता हूँ ..................क्या बात है अगर बाप को लड़की को मरने का इतना ही शौक है तो लाइए अपनी बेटी को चौराहे पर मारिये लगिए उसके ऊपर आक्षेप कि वो जिस लड़के के साथ बैठी थी उसके साथ वो आपत्ति जनक तरीके से बैठी थी .............आप जैसे रावन के होते हुए भला क्यों न बाल विवाह कोई कर दे आपके द्वारा लगये दाग से तो वो बची रहेगी ......................आज एक पागल कहने लगा कि मैं जो कर रहा हूँ उसको क्यों नहीं फेस बुक पर लिखते हो ...........मैंने सोचा पागल को लिखने की क्या जरूरत वो खुद ही पागलो जैसी हरकत करता रहेगा तो दुनिया जान ही जाएगी एक दिन ..................कब तक आप बुढ़ापे का सहारा लेकर लड़की का शोषण करते रहेंगे ?????????? क्या अब भी आपको लगता है कि इस देश में बाल विवाह होना गलत है ..................अगर इस देश लड़की मुह खोलना भी चाहे तो धमकी दे दीजिये तुमेह बदनाम कर दूंगा , कलेज से निकल दूंगा , फोटो दिखा दूंगा ......बस फिट क्या इस संस्कृति के देश में लड़की चूहे से भी ज्यादा बदत्तर स्थिति में आ जाएगी और आप जैसे सफ़ेद पोश आसानी से कह देंगे कि आपको फर्जी बदनाम किया जा रहा है आप तो चरित्रवान है .............इतनी मगजमारी से तो अच्छा है ना कि अपनी बेटी को पैदा होते ही किसी के हाथ सौप दो .......ज्यादा ज्यादा कम उम्र में माँ बनने के कारण मर ही तो जाएगी पर उस पर चरित्र हनन का आरोप तो नहीं लागेगा ...........अब तो आप कहेंगे बाल विवाह बाल बाल बचो विवाह ................वरना यहाँ के लोग तो बाल तक नोच लेंगे ...................क्यों कि खाल ही नहीं बाल की खाल निकलने की कला भी इनको आती है तो फिर बाल को विवाह से क्यों न मिला दे कम से कम कोई सड़क चलता थप्पड़ तो नहीं मारेगा.........और मार दिया तो चोर चोर मौसेरे भाई ......कई चोर मिल कर एक शाह को ही बदनाम कर डालेंगे आखिर राम के समय में भी एक विवाहिता को उसके पति ने इस लिए पीटा क्योकि वो रात भर बाहर रही ..............अहिल्या को तो पत्थर तक बनाना पड़ा.....................पर जिस इंद्र ने सब कुछ किया उसे इस देश में क्या सजा मिली ...इस देश में सीता को ही अग्नि परीक्षा देनी है ........मर्यादा तो पुरुष लेकर पैदा होता है ऐसे में एक छोटी सी लड़की को अगर कई लोग दबाब दाल कर किसी सही को फ़साने के उपयोग करे तो कौन आश्चर्य है और लड़की इसमें दरी कि कही उसके घर को ना पता वहल जाये और वो हर गलत काम करने को राजी .........................अब ऐसे में लड़की का साथ देने वाला कलंकित ही होगा और दुनिया उसको अन्गुलिमाली ( एक किसान जिसे एक लड़की की रक्षा करने के कारण इज्जत लूटने वालो के द्वारा इतना बदनाम कर दिया गया कि वो डाकू बन गया ) बना  डालेगी .....ऐसे में लड़की को कलंकित होने से बचाने के लिए भला बाल विवाह से बढ़िया कोई विकल्प आपने लड़की के लिए छोड़ा है | क्या आप की बेटी बाहर जाती है ???????????? ९( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Sunday, 8 September 2013

काश हम साक्षर होते !!!!!!!!!!!!!!!!!

क्या आप साक्षर है पढ़े लिखे ??????

काश मेरा भी सौभाग्य होता ................और वो व्रत रखती जिसको इस देश में अपनी गरिमा , पवित्रता , अस्मिता को लुटने का डर रहता है ..............पर हरी की तालिका में शायद इतना बड़ा सौभाग्य कहा उसका ?????????????????जो अपने पति का सौभाग्य को सवारती है वो इस देश में हमेशा सुबह  से शाम तक सौभाग्य  का अर्थ तलाशती है ................आप के दिमाग में बस एक ही शब्द आ रहा होगा लड़की , औरत ................जी जी उसका नाम साक्षरता है और वो इतनी कमसिन है कि पूरी दुनिया आज विश्व साक्षरता दिवस मना रहा है ................साक्षरता से याद आया ..........पढ़े लिखे ज्यादा जाहिल होते है कम पढो ज्यादा अच्छा ..................आपको विश्वास नहीं आ रहा तो आइये लखनऊ के किसी डिग्री कालेज जीवन के २० या २२ साल इसी पढाई को देकर उनको नौकरी मिल रही है ६००० या ७००० रुपये प्रति माह की और साक्षर मजदुर को मिल रहा है कम से कम ८००० और मिस्त्री को १५००० प्रति माह ..............मानते है कि नहीं  साक्षर होना इस देश में ज्यादा बड़ा है न कि पढ़ा लिखा होना ...........तो मानिए साक्षरता दिवस .......वो देखिये माल में काम करने वाले एक स्नातक को !!!!!!!!!!!!!!! बेचारा कितना थका है ........कोई मजाक तो है नहीं इतना पढने के बाद इतनी बढ़िया नौकरी पाया है अब आप ये ना बताइए कि वो वही काम कर रहा है जो बचपन में दरवाजे पर अमरुद लेन वाला किया करता था !!!!!!!!!!!!!!! अमरुद वाला कितना कम पाता था २०० यानि बमुश्किल ६००० प्रति माह और स्नातक के बाद जनाब पुरे ५००० पाते है और समय कितना देते है ये तो पूछिये ही मत यही कोई १४ या १५ घंटे ..आखिर पढ़े लिखे है कोई साखर तो है नहीं अमरुद वाले कि तरह जो ४ से ५ घंटे दिन में गली गली चिल्ला चिल्ला कर अमरुद बेच और घर जाकर सो गया !!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अभी भी आपको लगता है कि पढ़ा लिखा व्यक्ति इस देश में ज्यादा ठीक है या साक्षर ???????????????/लीजिये मिल लीजिये माननीय सुलन देवी से , कल्लू जाधव से , अन्गुन्था टेक है केवल अपने हस्ताक्षर कर लेते है और संसद में बैठ कर देश चलते है और आप ने एड़ी घिस घिस कर सचिव का पद पाया .............आरे ये क्या आप सचिव होकर कल्लू जी को पानी पिला रहे है .......चलिए आपको पता तो है इस देश में साक्षर का क्या महत्व है ..................अगर आपको कुछ भी पढना लिखना नहीं आता तो क्या हुआ .......................संविधान में आपको ६ महिना मंत्री प्रधान मंत्री बनने तक से कोई रोक नहीं सकता ???????????????क्या आप एम् ए है ऐसा करिए आप चपरासी के लिए अप्लाई कर दीजिये किसी तरह घुस जाइये ......................पढ़ लिख कर आप नेता तो बनने से रहे आप को तो नौकरी करनी है आखिर घर चलाना है ..................और भी कैसे दुनिया जानेगी कि आप के देश में अंधेर नगरी चौत राजा की कहावत सही है ...................क्या आप इस देश में साक्षर बन कर ही नहीं रहना चाहते ????????????? फिर तो कजरी तीज का व्रत रखिये आखिर आपके व्रत से कोई पत्नी की उम्र बढ़ जाएगी वो भी खुशहाल  हो जाएगी ????????????? पर ऐसे कैसे हो सकता है आप तो पढ़े लिखे है और औरत के लिए व्रत रख कर कोई आप पाने कोई पढ़े लिखे जाहिल तो कहलाने  से रहे और कम से कम आप तो जानते है कि आप साक्षर नहीं है पढ़े लिखे है .....पत्नी इस काम के लिए बनी है वो रखे व्रत उसको पति को परमेश्वर का दर्जा देना है वरना आप कितने बड़े राक्षस !!!!!!!!!!!!!! है क्षमा करे किसको नहीं पता आप तोजिंदा औरत को जला देते है ..........बलात्कार खुला करते है ..................पढ़े लिखे होने का फिर मतलब ही क्या और कोई आप साक्षर तो है नहीं जो इस काम में उनसे पीछे रह जाये ( रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार में कम पढ़े लिखे लोग ज्यादा दरिंदगी दिखाते है ).........................अब तो आप मान गए न कि आज हरी  की तालिका में विश्व साक्षरता दिवस क्यों  था ?????????????? क्या अब भी आप पढ़े लिखे कहलाना चाहते है ????????????? हा तो मैं क्या कह रहा था काश कोई मेरी भी सौभाग्य की कामना करता ..खुशहाली के लिए व्रत रखता ...................काश मैं भी साक्षर होता ..........पढ़े लिखे तो जाहिल !!!!!!!!!!!!!!( व्यंग्य समझ कर पढ़े )

Saturday, 7 September 2013

शादी वो भी जल्दी !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

जल्दी शादी के नुकसान ...................

आज मैं जेनेटिक्स पढ़ा रहा था और उसमे भी जुड़वाँ या यमज के बारे में .............शोध के अनुसार जैसे जैसे उम्र बढती जाती है जुड़वाँ बच्चो के होने की संभावना बढती जाती है और ३५ साल के बाद शादी होने पर यह प्रतिशत और बढ़ जाता है | सामान्यतया ८६ पैदा होने वाले बच्चो में १ जुड़वाँ होता है | अब आप सोच रहे होंगे कि मैं आपको क्यों बता रहा हूँ ??????????????? आरे साहब क्या अब भी आप नहीं समझ पाए कि देश की जनसँख्या क्यों नहीं रुक रही है ?????????????? एक एक करके पैदा करने से अच्छा कि एक साथ सब पैदा कर डालो और ३५ साल तक नौकरी करो या ढूंढ़ओ उसके बाद शादी करके एक ही बार में हम दो हमारे दो कि संकल्पना पूरी .........अब तो आप समझ गए होंगे ना कि सरकार क्यों महिला सशक्तिकरण चला रही है | बच्चे भी एक साथ दो दो और नौकरी भी ...वह क्या बात है क्या आप जल्दी शादी करने तो नहीं जा रहे ?????????????????

Monday, 2 September 2013

कूड़े से प्रेम करना आपको ही आता है


आप कूड़ा से ही प्रेम कीजिये .......
आज कुछ नहीं लिखना है क्योकि लिखने के लिए कुछ है ही नहीं वैसे जब से कूड़े से उर्जा पैदा करने की तकनिकी आई है तब से सोशल नेट वर्किंग साईट पर न जाने कितनी रौशनी पैदा हो रही है पर या तो वो किसी के फोटो पर फेकी जा रही है या किसी के शरीर के अंगो पर या फिर और दोस्तों क्या चल रहा है जबकि साफ़ दिखाई दे रहा है कि रूपया इस देश में कूड़ा हुआ जा रहा है और आज उससे उर्जा पैदा करने की जरूरत है पर रूपया तो किसी का भी मार कर जीवन चलाया जा सकता है इस लिए रुपये पर हम सब क्या बात करे रही बात कुछ अच्छा करने की तो रुपये का गिरना क्या हुआ इस देश कुछ तो बढ़ा और वो बढ़ी गरीबी और गरीब पर इस तरह भूखे नंगो से क्या देश को कोई फायेदा नहीं होने जा रहा ???????????? होने जा रहा है आखिर भूखे है तो खाना क्या नहीं खायेंगे ....और इस कूड़े के ढेर से आप ने फ़ूड सिक्यूरिटी बिल जो पैदा कर लिया और यही नहीं इस उर्जा से आप क्या समझते है कुछ अच्छा ही नहीं होगा ????????/// होगा आखिर इन भूखी हड्डियों को ये कैसे भूल सकता है कि जब इनके रोये रोये में आग लगी थी तो आपने इनको २ रुपये में आनाज दिया था अब रूपया चाहे जितना गिरे आपको तो भगवन की तरह हर जगह एक ही रेट पर अनाज मिलेगा ना ????????????? इन्हें इस से भी नहीं मतलब कि रुपये के गिरने से क्या क्या गिर रहा है क्योकि ना तो इनको विदेश जाना है और न इनके बच्चो को कान्वेंट में पढना है और इनको इससे बी नहीं मतलब कि संसद के लोग रुपये के गिरने के बाद भी अपने शान में कोई कमी नहीं आने दे रहे है !!! अब तो आप मान गए ना कि देश में कूड़े से उर्जा असली में कौन पैदा कर रहा है ??????? आप अपने को कूड़ा समझ रहे है तो समझिये मैं कैसे कह सकता हूँ पर सरकार को पता है कि रुपये के कूड़ा होते मूल्य से कूड़ा सी होती जिन्दगी से कितनी उर्जा पैदा करके अगले पांच साल उर्जा पैदा करके माल पुए उडाये जा सकते है !!!!!!!!!!!!! क्या आप के घर बिजली नहीं है तो सरकार क्या करे आप गोबर से बिजली पैदा करिए ना आखिर आप भी तो कूड़े का कुछ उपयोग सीख लीजिये क्या आप दिल्ली में ५४५ कूड़ा घरो से ही इस देश को प्रकाशित करेंगे तो करिए ना किसने रोक आखिर डाकू से चोर से बदमाश से इस देश को हमेशा आशा रही है और इसी लिए तो हम चोर बदमाश डाकू से परहेज़ नहीं करते और इन कूदो से इस देश को रौशनी देना चाहते है क्या अब भी आपको कूड़ा बनने से कोई परहेज़ है ??????????????????????? ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Monday, 26 August 2013

पैदल चलना सख्त मना है

जीवन में कौन कहता है कि आप प्रजातंत्र के लिए जी सकते है ?????????????? अगर ये बात सच होती तो क्या अनुच्छेद १९ के तहत कोई हमें कही जाने से रोकता ?????????? पर आप कही जा कर दिखा दीजिये आपको दांडी मार्च के समय अंग्रेजो द्वारा  मारे गए भारतीयों का सुख न मिल जाये तो कहियेगा !!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अब  भी आप कहना चाहते है कि इस देश से अंग्रेज चले गए और देश स्वतंत्र हो गया है ???? कही आप ने घूमने के लिए गाड़ी घोडा साईकिल मांग ली होती तो कहिये हड्डी पसली तोड़ देते ............ये तो सिर्फ पैदल चलने के लिए आपने हिमाकत की और लीजिये आपको बता दिया गया ज्यादा पैदल चलना स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है पर आप तो बीमार है ना आप कहा मानने वाले !!!!!!!!!! बस इसी लिए इसी लिए आपके पीछे देश का इतना पैसा बर्बाद करना पड़ा पूरी सेना लग गयी पैदल चलने वालो को रोकने के लिए !!!!!!!!!!!!!! क्या अब भी आपको जलियाँ वाला बाग का कांड याद नहीं आया .ज्यादा करेंगे तो पैदल चलने के लिए जनरल डायर का भी मजा ले लेलेंगे क्यों क्या आप अभी भी ८४ योनियो  का मजा लेना चाहते है कहते है कि ८४ योनियो के हज़ार यात्रा के बाद आप जैसे मनुष्य बने है और आप है कि उसको पैदा चल कर बर्बाद करना चाहते है ??????????????/ चलिए इस से अच्छा कुछ भी नहीं कि आप जेल जाना चाहते है वही रुकियेगा बस दो दिन बाद कृष्णा आने वाले है वो आप लोगो की समस्या सुनेगे और वही आपके इस पैदल यात्रा के दर्द को सुझायेंगे क्योकि वासुदेव ने भी उनको कंस के जेल से निकल कर पैदल यमुना पार करके बचाया था अब जब वो इस दर्द से खुद गुजरे थे तो आपका दर्द क्यों नहीं समझेंगे ?????????????? क्या आप पैदल यात्रा पर जा रहे है ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

Saturday, 24 August 2013

टॉयलेट में भारत !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

टॉयलेट में भारत !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जी जी अब मेरी इस बात पर भी चौकिये मत मैंने कोई ऐसी बात नहीं कह दी जिससे आपकी राष्ट्र भक्ति पर आंच गयी हो और आपको भारत शब्द से मतलब ही क्या है  चाहे चीन आपके भारत में चढ़ आये और चाहे पाक के नापाक पैर इसको कुचल दे पर आप क्यों भारत नाम के लिए पागल हो .हमको तो हिन्दू  मुस्लिम के लिए झगडा करना है फिर हम क्या भारत जैसे शब्द को जाने ?????? और इससे ज्यादा हम भारत के निति निदेशक तत्वों का सम्मान क्या करेंगे जिसमे लिखा है कि प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वह भारत के गौरव , अस्मिता और सम्मान के लिए प्रयास करे और लीजिये आप खोलिए अपना टॉयलेट औत देखिये उस पर क्या लिखा है हिंदुस्तान लीवर अब देखिये फ्लश पर वह भी यही लिखा है और यही नहीं अपने प्रयास का नमूना देखिये बेसिन पर जहा आप थूक नाक का भोग लगते है इस से ज्यादा हम आप अपने भारत की क्या कर सकते है कि मल- मूत्र थूक नाक कर ने वाले हर सामान पर आप भारत लिखते है ....आरे आरे इस में बुरा क्या है इसी दिन के लिए तो आजादी की लड़ाई लड़ी गयी थी ...लोगो ने अपना खून बहाया था और इससे ज्यादा सम्मान आप कर भी क्या सकते है कि आप ऐसे सामानों पर भारत लिखे और हम क्यों इस पर से नाम हटाने के लिए सरककर को लिखे या आन्दोलन करे हम तो आन्दोलन करेंगे वेतन बढाओ ......और और तो किसी नेता को बुला लीजिये तो बताने लगेंगे कि कैसे अंग्रेज अपने यह लिखे रखते है कि भारतीय और कुत्ते को आने की अनुमति नहीं है और ये कह कर नेता जी अपने ज्ञान का परिचय तो दिखा देते है पर क्या उनको टॉयलेट में भारत के नाम की बेज्जती नहीं दिखी ..............हा हा ये बेज्जती कहा है इसी के लिए तो २७९ लोगो ने म्हणत कर भारतीय संविधान के पहले अनुच्छेद में लिखा इंडिया दैट इज भारत ....वह क्या इअज्जत करते है आप सब इस नाम भारत की ....ना ना कोई लोग भी आवाज़ ना उठा इयेगा  वरना गजब हो जायेगा और ना ही इसकेलिए प्रयास कीजियेगा कि ऐसी हर गन्दी जगह से भारत नाम हटाया जाये जिस से इस नाम कि गरिमा को ठेस पहुचती हो ............क्या आप टॉयलेट जा रहे है या बेसिन में थूकने ( इसको व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Friday, 23 August 2013

संत का अंत या इच्छा अनन्त

संत या अंत या इच्छा  अनंत
जनगन में घूमने वाले नंगे आदमी और आप के कपडा पहनने में क्या कोई फर्क है ....हा हा आप नंगे जो नहीं दिख रहे है पर नंगे हा समय होना चाहते है क्योकि आपतो प्राकृतिक बनाने और बनने की कसम जो खाए बैठे है !!!!!!!!!!!!!!!! शेर तक इतना कमीना नहीं है ( भैया शेर जी माफ़ करियेगा मनुष्य के कारण आपको अब्शब्द कह डाला ) जो किसी भी घूमती शेरनी के शील का हरण कर ले ....वो भी पहले अपने शरीर के पराक्रम का प्रदर्शन करता है फिर शेरनी अपने अस्तित्व और सतीत्व को उसको सौपती है .....पर आप तो जहा लड़की या औरत को देखेंगे उसको जब तक ये न समझा डाले कि लाख संस्कृति बन गयी हो पर तुमको पुरुष शरीर से ज्यादा न देखता था और ना देखेगा ( मानव का सबसे पहला आगमन पृथ्वी पर अस्ट्रेलो पिथिकस के रूप में हुआ जो खुले रूप से मादा के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता था क्या आज मानव में वही गुण नहीं रह गए है ) ...कितनी बढ़िया बात है कि लड़की आपको पिता गुरु संत सम्ह कर सर झुकाए और आप ऊँगली पर ये गिने कि एक और फसी या उपभोग का अंत अगर संत के पास न हुआ तो परमार्थ कैसे होगा ?????? वह क्या है ज्ञान वैसे भी अगर लड़की ही कुलाक्षनी, कुलटा, व्यभिचारनी , चरित्र हीन कही गयी भला पुरुष ये सब कहा हो सकता है वो तो बेचारा बदल की तरह अपना ही सनबी कुछ दान कर देता है भिखारी तो लड़की है जो आपसे लेती और भिखारी की कोई इज्जत नहीं होती इसी लिए माँ की तो हम ऐसी तैसी कर देते है चाहे देश को माँ कह कर बाट दे या गंगा  को माँ कह कर मैली कर दे और या फिर मानव के रूप में महिला तो आपकी गुलाम है ....और औरत कहती रहे वो पवित्र है साफ़ है पर उसकी क्या औकात आपकी नज़र में जो आप उसकी बाट मान ले आप तो अग्नि परीक्षा भी लेंगे ही ...........................अब तो साफ़ है ना कि ऐसे में आप क्यों न कहे कि १६ साल की लड़की कलयुग के अंत पर जो आरोप लगा रही है वो संत का मार्ग है ही नहीं ..................कब तब हम विवेकानंद जी का सर शर्म से झुकाते रहेंगे जिन्होंने शिकागो में अपने कमरे में नग्न लड़की को पाकर भी उसका स्वागत माँ के रूप में किया उसको मार्गेट नोबल से भगिनी निवेदिता बनाया .........और आप ने लड़की देखी नहीं कि सिर्फ कपडा उतरने का मन हुआ .............कैसे कोई बेटी आज किसी पुरुष के कहने पर अकेले में मिले ......हा हा हा आप को तो मेरी बाट गलत लगेगी ही क्योकि अकेले मिलने पर आप उसको जीवन का दर्शन जो दे देते है और तो दर्शन इतना पीड़ा दायक होता है कि न तो वो किसी को बता सकती है न कह पाती है और आप मंच पर नाच नाच कर कहते है ....इसको इश्वर की प्राप्ति हो गयी है ........इसने ब्रह्म को समझ लिया है जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता ...इसी लिए ये लगातार रो रही है ....ये पागल नहीं है ये तो उस ब्रह्म में डूब कर चिल्ला रही है ये बचाओ बचाओ इस लिए कह रही है क्योकि इसका मन इस सांसारिक दुनिया से उठ गया है .पर कोई नहीं जान पाता कि आपने अपने अलौकिक ज्ञान की जन जाने कितनी कुदाल उस सृजन की धरती पर चलाई है .........चिल कर कहिये कि आलोक तो दर्शन की बात करते है  और हम संत लोग सिर्फ आपके अंत की बात करते है ..............इस बालिका को मेरे कमरे में ले चलो आ रात इसके मन में जो कुछ भय रह गया हा उसको अपने तेज ( जनन द्रव ) से मई भस्म कर दूंगा और कल की सुबह में ये इसी दुनिया में रह कर उस सब को भूल जाएगी और इसके गर्भ से कुमारी रहते हुए भी एक दिव्या शक्ति जन्म लेगी ..........................क्यों संत जी मैं सही  कह रहा हूँ ना ..ऐसा करिए एक और महिला कालेज खोल दीजिये ताकि रोज कियो को दिव्या ज्ञान करा सके आखिर शक्ति के बिना तो आप शव है ना .......................वैसे अगर आप लोग संत बन कर लड़की को इस दुनिया का अंत दिखाना चाहते हो तो आइये आइये हमारे शिविर में पंजीकरण शुरू है .............दो का पंजीकरण करने पर एक का मुफ्त और रात की कलि शक्तियों का प्रशिक्षण  बिलकुल मुफ्त और आपभी कर सकते है टीका लगा कर किसी सोलह साल की लड़की ??????????????????????? जीवन  .........................क्या आपका अंत कोई संत है ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Thursday, 22 August 2013

रुपये को आवारा आपने बनाया


रुपये तो आवारा और गरीब आपने बनाया है ??????
उसी घर के बच्चे बर्बाद और गलत रास्तो पर ज्यादा चलते है जिनके माँ बाप या घर वाले बच्चो के ऊपर पर्याप्त  ध्यान नहीं देते है ......................हो गया न रुपये के गिरने का कारण पता !!!!!!!!!!!!!!!!!! जब अपने घर वाले देशी के बजाये विदेशी  ज्यादा खरीदेंगे और खायेंगे तो रुपये तो बर्बादी के रस्ते पर जायेगा ही ना ..................दाल चावल खाने से आपको उलटी होती है क्यों ???? खर के ढाई और घी में हीक आती है हा जानवर के चर्बी से बना घी का स्वाद ही कुछ और है ????? देशी दरजी के सिले कपडे पहनेगे तो मग्घा लगेंगे पर १०० रुपये की शर्त जब १६०० रुपये में माल से खरीदेंगे तब लगेगा कि भैया ने कुछ पहना .................देवी जी तो गर्मी से इतना बेहाल है कि आस्ट्रेलिया की ५० ग्राम की ड्रेस अगर १०००० बे यह न पहने तो उनका पसीना ही नहीं बना होता है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! सब कुछ यही रह जाना है पर सोने ने सबका सोना हरम कर रखा है ............अभी भी वक्त है रुपये के ऊपर ध्यान दीजिये अपनी आदत सुधारिए और कुछ घर का और देशी खाइए पीजिये पहिनिये ........नहीं तो रूपया इतना आवारा हो जायेगा कि इसको कोई जेल ( देश  ) या पुलिस ( विश्व बैंक ) भी नहीं सुधार पायेगा......क्या आपको अपने घर में आवारगी पसंद है ?????????????????( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )