मैंने पुकारा चला कोई और आया,
दिया मैंने तुमको पर कोई और पाया ,
किस्मत भी न जाने क्या चाहती है ,
बढ़ा मै पर साथ तेरा कोई और पाया .......१
जो बीत गया उसे याद क्या करूं ,
जो मिला नही उसे प्यार क्या करू ,
जाने क्या बटोरते रहे उम्र भर आलोक ,
जो रह गया साथ उसे जान क्या करू ..............२
जीने के लिए रोज कोई दर्द होना चाहिए ,
अंतस में कोइ एहसास होना चाहिये ,
कौन जान पाता खुद को आलोक यहा,
सामने कोई आँखों के पास होना चाहिए ,......३
दिल रहा रोशन अँधेरे से घर में ,
सांस रही चलती मुर्दे से तन में ,
मन के हारने से सब हारेगा आलोक ,
कदम बहकते रहे मौत जीवन में .................4
दिया मैंने तुमको पर कोई और पाया ,
किस्मत भी न जाने क्या चाहती है ,
बढ़ा मै पर साथ तेरा कोई और पाया .......१
जो बीत गया उसे याद क्या करूं ,
जो मिला नही उसे प्यार क्या करू ,
जाने क्या बटोरते रहे उम्र भर आलोक ,
जो रह गया साथ उसे जान क्या करू ..............२
जीने के लिए रोज कोई दर्द होना चाहिए ,
अंतस में कोइ एहसास होना चाहिये ,
कौन जान पाता खुद को आलोक यहा,
सामने कोई आँखों के पास होना चाहिए ,......३
दिल रहा रोशन अँधेरे से घर में ,
सांस रही चलती मुर्दे से तन में ,
मन के हारने से सब हारेगा आलोक ,
कदम बहकते रहे मौत जीवन में .................4
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